गोड्डा: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां पूरी तरह से एक्टिव है. गोड्डा जिले के महगामा विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर हमेशा ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. खास बात भी है कि ये विधानसभा सीट झारखंड और बिहार की सीमा पर है.
गोड्डा जिले में विधानसभा की तीन सीटें गोड्डा, महगामा और पौड़ैयाहाट शामिल है. इनमें से सिर्फ गोड्डा सीट पर ही बीजेपी काबिज है बाकी दोनों सीटें कांग्रेस के पास हैं. पोड़ैयाहाट से जहां प्रदीप यादव विधायक हैं तो वहीं महगामा से दीपिका पांडे सिंह विधायक हैं. हालांकि अभी टिकटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि सीटिंग विधायकों को महागठबंधन में टिकट मिल जाएगी. हालांकि इन दोनों सीटों पर बीजेपी की भी नजर है और कोशिश ये है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर जीत दर्ज की जाए.
दीपिका को पटखनी देना चाहती है बीजेपी
दीपिका पांडे सिंह झारखंड सरकार में मंत्री हैं. इसलिए यह सीट बेहद हॉट मानी जा रही है. दीपिका इस सीट पर मजबूत भी हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने बीजेपी के अशोक सिंह को 12 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी थी. एक बार फिर अशोक टिकट पाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इस बार उन्हें टिकट मिलेगी या नहीं यह फाइनल नहीं है.
महगामा में क्या है जातीय समीकरण
झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ही महगामा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर होती आई है. माना जाता है कि इस क्षेत्र की आबादी में लगभग 34 प्रतिशत मुस्लिम, 7.7 फीसदी यादव और 1.7 फीसदी ब्राह्मण वोटर हैं. वहीं इस क्षेत्र में कुर्मी- कुड़मी के अलावा वैश्य समाज की अच्छी खासी आबादी है. इस इलाके में एक तरफ आदिवासी, मुस्लिम, कुड़मी-कुर्मी गोलबंद होते हैं तो दूसरी तरफ ब्राह्मण, वैश्य और यादव भी प्रत्याशियों का भविष्य तय करते हैं.
कांग्रेस और बीजेपी में होती आई है टक्कर
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए इस बार आजसू भी एनडीए फोल्डर में है. जबकि महागठबंधन में झामुमो, कांग्रेस और राजद हैं. हालांकि अभी तक दोनों ओर से किसी भी तरह के सीट शेयरिंग का फार्मूला सामने नहीं आया है. लेकिन माना जा रहा है कि महगामा से दीपिका पांडे सिंह को ही टिकट मिलेगा. वहीं बीजेपी की तरफ से अशोक भगत के नाम की चर्चा है.
दीपिका पांडे सिंह की इलाके में मजबूत पकड़
कांग्रेस विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री दीपिका पांडे सिंह के ससुर का नाम अवध बिहारी सिंह है और वे संयुक्त बिहार में इस क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. बिहार सरकार में वे पथ निर्माण मंत्री से लेकर कई अन्य खास विभागों के मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में इस सीट पर उनके परिवार की अच्छी पकड़ रही है. अशोक भगत फिलहाल पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं. हालांकि निशिकांत दुबे से उनके मतभेद सामने आते रहे हैं. ऐसे में ये पक्का नहीं कहा जा सकता कि उन्हें टिकट मिल जाएगा. इस सीट पर बीजेपी के लिए बद्रीनाथ, निरंजन और अरुण समेत कई अन्य नेता भी टिकट के लिए हाथ पैर मार रहे हैं.
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