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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: क्या एनडीए में सीट शेयरिंग फार्मूला हो गया है तय या अभी कुछ और है बाकी?

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने सीट शेयरिंग फार्मूला तय कर दिया है. हालांकि एनडीए के दो सहयोगी दलों में फार्मूले पर नाराजगी है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 51 minutes ago

Seat Sharing Formula Decided In NDA
डिजाइन इमेज (फोटो-ईटीवी भारत)

रांची: एनडीए के अंदर सीटों को लेकर चल रही खटपट भले ही सुलझ जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी कई सीटों पर पेच फंसा हुआ है. सीटों के बंटवारे की घोषणा होने से पहले तक जिस तरह से एनडीए की सहयोगी आजसू की नाराजगी देखी गई उससे साफ जाहिर होता है कि फिलहाल संकट के बादल भले ही छंट गए हो, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है.

मनाने के लिए सुदेश के घर पहुंचे हिमंता

स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि असम के सीएम और झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा को खुद सुदेश महतो को मनाने उनके कांके रोड स्थित आवास जाना पड़ा. बंद कमरे में करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं की हुई बातचीत के बाद डैमेज कंट्रोल किया गया. मान-मनौव्वल के कारण बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब डेढ घंटे देरी से शुरू हुआ.

इन सीटों पर फंसा पेंच

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर आजसू के साथ-साथ जदयू की भी नाराजगी सार्वजनिक हो गई है. आजसू हटिया, बड़कागांव समेत कुछ अन्य सीटें बीजेपी से मांग रहा है. हालांकि अभी पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट नहीं है और सस्पेंस बरकरार है. आजसू और भाजपा की संयूक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब एक घंटे देरी से शुरू हुई. सूत्रों के अनुसार देरी की वजह चंदनकियारी सीट थी, जहां से आजसू अपना प्रत्याशी खड़ा करना चाहती थी. शुक्रवार की सुबह उमाकांत रजक के इस्तीफे को भी इस सीट से ही जोड़ कर देखा जा रहा है. उमाकांत अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो चुके हैं और कहा ये जा रहा है हेमंत सोरेन को उन्होंने चंदनकियारी सीट से टिकट के लिए मना भी लिया है.

आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो उनके इस्तीफे की वजह से खासे नाराज थे और चाहते थे की चंदनकियारी सीट उन्हीं के खाते में जाए, बहरहाल ऐसा हो न सका और हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंदनकियारी के मुद्दे पर साफ कह दिया वहां से कोई और नहीं भाजपा ही चुनाव लड़ेगी. बता दें कि आजसू पूर्व से ही 13 सीटों की मांग करता रहा है.

सीटों पर फेरबदल की संभावना

जब इस संबंध में आजसू प्रमुख सुदेश महतो से पूछा गया तो उन्होंने इसे टालते हुए कहा कि सीटों की मांग अलग विषय है, लेकिन एनडीए के अंदर आजसू और बीजेपी के बीच कभी भी सीटों को लेकर विवाद नहीं रहा है. वहीं इस संबंध में असम के सीएम और बीजेपी के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा कहते हैं कि नामांकन के अंतिम अंतिम तक सीटों का फेरबदल हो सकता है.

मांडू सीट नहीं मिलने से जदयू नाराज

आजसू के बाद जदयू भी सीटों की संख्या पर नाराजगी जता चुका है. जदयू मांडू सीट नहीं मिलने से खासा नाराज है. मांडू सीट पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद खीरू महतो अपने पुत्र को उतारना चाहते हैं. जदयू कम से कम पांच सीटों की मांग कर रहा है. बहरहाल, बीजेपी ने सीटों की घोषणा कर साफ कर दिया है कि एनडीए के अंदर इस फार्मूला के आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा, मगर जो हालात बने हुए हैं उससे लगता नहीं है कि ऑल इज वेल की स्थिति बनी रहेगी.

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रांची: एनडीए के अंदर सीटों को लेकर चल रही खटपट भले ही सुलझ जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी कई सीटों पर पेच फंसा हुआ है. सीटों के बंटवारे की घोषणा होने से पहले तक जिस तरह से एनडीए की सहयोगी आजसू की नाराजगी देखी गई उससे साफ जाहिर होता है कि फिलहाल संकट के बादल भले ही छंट गए हो, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है.

मनाने के लिए सुदेश के घर पहुंचे हिमंता

स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि असम के सीएम और झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा को खुद सुदेश महतो को मनाने उनके कांके रोड स्थित आवास जाना पड़ा. बंद कमरे में करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं की हुई बातचीत के बाद डैमेज कंट्रोल किया गया. मान-मनौव्वल के कारण बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब डेढ घंटे देरी से शुरू हुआ.

इन सीटों पर फंसा पेंच

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर आजसू के साथ-साथ जदयू की भी नाराजगी सार्वजनिक हो गई है. आजसू हटिया, बड़कागांव समेत कुछ अन्य सीटें बीजेपी से मांग रहा है. हालांकि अभी पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट नहीं है और सस्पेंस बरकरार है. आजसू और भाजपा की संयूक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब एक घंटे देरी से शुरू हुई. सूत्रों के अनुसार देरी की वजह चंदनकियारी सीट थी, जहां से आजसू अपना प्रत्याशी खड़ा करना चाहती थी. शुक्रवार की सुबह उमाकांत रजक के इस्तीफे को भी इस सीट से ही जोड़ कर देखा जा रहा है. उमाकांत अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो चुके हैं और कहा ये जा रहा है हेमंत सोरेन को उन्होंने चंदनकियारी सीट से टिकट के लिए मना भी लिया है.

आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो उनके इस्तीफे की वजह से खासे नाराज थे और चाहते थे की चंदनकियारी सीट उन्हीं के खाते में जाए, बहरहाल ऐसा हो न सका और हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंदनकियारी के मुद्दे पर साफ कह दिया वहां से कोई और नहीं भाजपा ही चुनाव लड़ेगी. बता दें कि आजसू पूर्व से ही 13 सीटों की मांग करता रहा है.

सीटों पर फेरबदल की संभावना

जब इस संबंध में आजसू प्रमुख सुदेश महतो से पूछा गया तो उन्होंने इसे टालते हुए कहा कि सीटों की मांग अलग विषय है, लेकिन एनडीए के अंदर आजसू और बीजेपी के बीच कभी भी सीटों को लेकर विवाद नहीं रहा है. वहीं इस संबंध में असम के सीएम और बीजेपी के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा कहते हैं कि नामांकन के अंतिम अंतिम तक सीटों का फेरबदल हो सकता है.

मांडू सीट नहीं मिलने से जदयू नाराज

आजसू के बाद जदयू भी सीटों की संख्या पर नाराजगी जता चुका है. जदयू मांडू सीट नहीं मिलने से खासा नाराज है. मांडू सीट पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद खीरू महतो अपने पुत्र को उतारना चाहते हैं. जदयू कम से कम पांच सीटों की मांग कर रहा है. बहरहाल, बीजेपी ने सीटों की घोषणा कर साफ कर दिया है कि एनडीए के अंदर इस फार्मूला के आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा, मगर जो हालात बने हुए हैं उससे लगता नहीं है कि ऑल इज वेल की स्थिति बनी रहेगी.

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