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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड; रेस्क्यू किए गए एक और बच्चे की मौत, घटना में मरने वालों की संख्या 19 हुई - JHANSI FIRE INCIDENT

Jhansi Fire Incident Death Toll: सरकार से मिले 50 हजार रुपए के अलावा 30 हजार और खर्च किया गया लेकिन, बच्चा बच नहीं सका.

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अपने बच्चे को लिए हुए कृपाराम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 2, 2024, 1:57 PM IST

Updated : Dec 2, 2024, 3:13 PM IST

झांसी: मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में हुए भीषण अग्निकांड में एक और बच्चे की झांसी के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके साथ ही हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 19 हो गई है.

मेडिकल कॉलेज ने कृपाराम के बच्चे को स्वस्थ बताते हुए 20 नवंबर को डिस्चार्ज कर दिया था. लेकिन, स्वस्थ न होने के कारण बच्चे के पिता ने अगले ही दिन उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान रविवार शाम उसकी मौत हो गई.

सरकार द्वारा मिले मुआवजे के 50 हजार रुपए के अलावा बच्चे के इलाज में 30 हजार और खर्च किया गया लेकिन, बच्चा बच नहीं सका. कृपाराम की पत्नी भी अग्निकांड से पहले अस्पताल से गायब हो गई थी.

झांसी के मेडिकल कॉलेज में 15 नवंबर को भीषण अग्निकांड में जलकर 10 नवजात बच्चों की मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद प्रतिदिन बच्चों की मौत होती रही और हादसे में रेस्क्यू किए बच्चों को हर दिन स्वस्थ होने की बात कहकर बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया गया.

इसी हादसे में झांसी के गरौठा तहसील निवासी कृपाराम का बच्चा भी रेस्क्यू किया गया था. कृपाराम ने बताया कि 8 नवंबर को उसकी पत्नी लक्ष्मी ने मेडिकल कॉलेज में ही बेटे को जन्म दिया था. लेकिन, बच्चे का स्वास्थ्य सही न होने पर उसी दिन बच्चे को मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में भर्ती करा दिया था.

इस दौरान उसकी पत्नी अस्पताल से कहीं खो गई, जो अभी तक नहीं मिल सकी, जिसके लिए उसने पुलिस में भी शिकायत की है. लेकिन, 15 नवंबर की रात वार्ड में आग लग गई. बच्चों को बचाते समय उसका बच्चा खो गया था, जिसको काफी तलाशने के बाद पता चला कि उसके बच्चे का इलाज कोई और अपना बच्चा समझकर किस निजी अस्पताल में करा रहा है.

20 नवंबर को उसके बच्चे को स्वस्थ बताते हुए मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई. लेकिन, बच्चे की तबीयत में सुधार नहीं था. वह अपने बच्चे को वापस मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचा. जहां बच्चे को भर्ती करने से मन कर दिया गया. मजबूरन उसने अपने बच्चे को झांसी के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया.

रविवार की शाम 5 बजे प्राइवेट अस्पताल द्वारा बताया गया कि बच्चे की हालत गंभीर है. उसको इलाज के लिए ग्वालियर ले जाना पड़ेगा. इस दौरान उसके बच्चे की मौत हो गई। कृपाराम ने बताया कि सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे के 50 हजार रुपए उसको मिले थे. जबकि निजी अस्पताल में बच्चे के इलाज में उसके 80 हजार रुपए खर्च हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में 5 पर गिरी गाज; प्रिंसिपल को हटाया, CMS चार्जशीट और 3 अधिकारी सस्पेंड

झांसी: मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में हुए भीषण अग्निकांड में एक और बच्चे की झांसी के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके साथ ही हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 19 हो गई है.

मेडिकल कॉलेज ने कृपाराम के बच्चे को स्वस्थ बताते हुए 20 नवंबर को डिस्चार्ज कर दिया था. लेकिन, स्वस्थ न होने के कारण बच्चे के पिता ने अगले ही दिन उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान रविवार शाम उसकी मौत हो गई.

सरकार द्वारा मिले मुआवजे के 50 हजार रुपए के अलावा बच्चे के इलाज में 30 हजार और खर्च किया गया लेकिन, बच्चा बच नहीं सका. कृपाराम की पत्नी भी अग्निकांड से पहले अस्पताल से गायब हो गई थी.

झांसी के मेडिकल कॉलेज में 15 नवंबर को भीषण अग्निकांड में जलकर 10 नवजात बच्चों की मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद प्रतिदिन बच्चों की मौत होती रही और हादसे में रेस्क्यू किए बच्चों को हर दिन स्वस्थ होने की बात कहकर बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया गया.

इसी हादसे में झांसी के गरौठा तहसील निवासी कृपाराम का बच्चा भी रेस्क्यू किया गया था. कृपाराम ने बताया कि 8 नवंबर को उसकी पत्नी लक्ष्मी ने मेडिकल कॉलेज में ही बेटे को जन्म दिया था. लेकिन, बच्चे का स्वास्थ्य सही न होने पर उसी दिन बच्चे को मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में भर्ती करा दिया था.

इस दौरान उसकी पत्नी अस्पताल से कहीं खो गई, जो अभी तक नहीं मिल सकी, जिसके लिए उसने पुलिस में भी शिकायत की है. लेकिन, 15 नवंबर की रात वार्ड में आग लग गई. बच्चों को बचाते समय उसका बच्चा खो गया था, जिसको काफी तलाशने के बाद पता चला कि उसके बच्चे का इलाज कोई और अपना बच्चा समझकर किस निजी अस्पताल में करा रहा है.

20 नवंबर को उसके बच्चे को स्वस्थ बताते हुए मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई. लेकिन, बच्चे की तबीयत में सुधार नहीं था. वह अपने बच्चे को वापस मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचा. जहां बच्चे को भर्ती करने से मन कर दिया गया. मजबूरन उसने अपने बच्चे को झांसी के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया.

रविवार की शाम 5 बजे प्राइवेट अस्पताल द्वारा बताया गया कि बच्चे की हालत गंभीर है. उसको इलाज के लिए ग्वालियर ले जाना पड़ेगा. इस दौरान उसके बच्चे की मौत हो गई। कृपाराम ने बताया कि सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे के 50 हजार रुपए उसको मिले थे. जबकि निजी अस्पताल में बच्चे के इलाज में उसके 80 हजार रुपए खर्च हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में 5 पर गिरी गाज; प्रिंसिपल को हटाया, CMS चार्जशीट और 3 अधिकारी सस्पेंड

Last Updated : Dec 2, 2024, 3:13 PM IST
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