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झांसी पटाखा फैक्ट्री विस्फोट कांड; लखनऊ KGMC में 11 दिन बाद 3 महिलाओं की मौत, फैक्ट्री संचालक जेल में है बंद - JHANSI FIRECRACKER FACTORY BLAST

पहली अक्टूबर को झांसी के समथर में हुआ था हादसा, 8 लोग हुए थे घायल, 4 लोगों को गंभीर हालत में लखनऊ भेजा गया था.

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झांसी पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में घायल हुई महिलाओं की मौत के बाद प्रदर्शन करते ग्रामीण. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 12, 2024, 1:07 PM IST

Updated : Oct 12, 2024, 1:13 PM IST

झांसी: यूपी के झांसी में पहली अक्टूबर को फैक्ट्री में पटाखा बनाते समय विस्फोट हो गया था. इसमें 8 लोग घायल हुए थे. 4 को गंभीर हालत में लखनऊ केजीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां हादसे के 11 दिन बाद फैक्ट्री संचालक की पत्नी समेत 3 महिलाओं ने इलाद के दौरान दम तोड़ दिया. हादसे के बाद से फैक्ट्री संचालक जेल में है.

शवों के गांव में पहुंचते ही एक महिला के परिजनों ने मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए शव को कटरा बाजार चौराहा पर रखकर जाम लगा दिया. सूचना पर एडीएम झांसी, एसपी देहात गोपीनाथ सोनी एवं सर्किल का भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गए.

अधिकारियों ने परिजनों से वार्ता की लेकिन बात नहीं बनी. मौके पर गरौठा विधायक जवाहरलाल राजपूत भी पहुंचे लेकिन परिजनों ने उनकी भी नहीं सुनी. देर रात हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस अफसरों के हाथ पांव फूल गए. प्रदर्शन कर रहे परिजनों की मांग थी कि क्षेत्र में चलाई जा रही पटाखा फैक्ट्री के लाइसेंस निरस्त किए जाएं व दोषियों के विरोध कार्रवाई की जाए. तकरीबन 4 घंटे चले प्रदर्शन के बाद किसी तरह अधिकारियों ने प्रदर्शन समाप्त कराया.

झांसी के समथर थाना क्षेत्र में अवैध फटाखा फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था. एक अक्टूबर को अचानक फैक्ट्री में तेज धमाका हुआ, जिसमे 8 लोग झुलस गए थे, जिनको झांसी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. झांसी में चार लोगों की हालत नाजुक होने पर उन्हें लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल रेफर कर दिया था. चार घायलों में से जेल में बंद फैक्ट्री संचालक बन्ने खां की पत्नी नसरीन बानो, मजदूर लक्ष्मी साहू पत्नी रवि साहू, शिवानी पुत्री रवि साहू जिंदगी और मौत से लड़ रही जंग हार गईं.

मृतक लक्ष्मी सही के दामाद कृष्णकांत साहू ने बताया कि कई सालों से खेत में अवैध फैक्ट्री चल रही थी, जिसमे हुए हादसे से कई परिवारों में मातम छा गया. हादसे के बाद प्रशासन की तरफ से आज तक कोई देखने तक नहीं आया. इलाज में बहुत पैसा लग रहा था. यदि प्रशासन की तरफ से कोई मदद होती तो शायद तीन महिलाओं की मौत ने होती. इसी बात की नाराजगी सभी गांव के लोगों में है, जिसके लिए प्रदर्शन किया गया.

एसएसपी बोली दो को भेजा जेल, मौतों के बाद बढ़ेंगी धाराएं: एसएसपी सुधा सिंह ने बताया कि दो महिलाओं का अंतिम संस्कार करवाया जा चुका है. तीसरी महिला की मौत की सूचना मिली है. घायल और मृतकों को मुआवजा दिए जाने के लिए कार्रवाई तेज की गई है. फैक्ट्री संचालक के खिलाफ मुकदमा लिख कर झांसी निवासी फैक्ट्री संचालन बन्ने खां और जिला जालौन के कोंच के एक युवक को जेल पहले ही भेजा जा चुका है. तीन महिलाओं की मौत हो जाने पर इस मामले में धाराओं को बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः झांसी में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके से दहला इलाका, 6 महिलाएं समेत सात लोग झुलसे

झांसी: यूपी के झांसी में पहली अक्टूबर को फैक्ट्री में पटाखा बनाते समय विस्फोट हो गया था. इसमें 8 लोग घायल हुए थे. 4 को गंभीर हालत में लखनऊ केजीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां हादसे के 11 दिन बाद फैक्ट्री संचालक की पत्नी समेत 3 महिलाओं ने इलाद के दौरान दम तोड़ दिया. हादसे के बाद से फैक्ट्री संचालक जेल में है.

शवों के गांव में पहुंचते ही एक महिला के परिजनों ने मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए शव को कटरा बाजार चौराहा पर रखकर जाम लगा दिया. सूचना पर एडीएम झांसी, एसपी देहात गोपीनाथ सोनी एवं सर्किल का भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गए.

अधिकारियों ने परिजनों से वार्ता की लेकिन बात नहीं बनी. मौके पर गरौठा विधायक जवाहरलाल राजपूत भी पहुंचे लेकिन परिजनों ने उनकी भी नहीं सुनी. देर रात हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस अफसरों के हाथ पांव फूल गए. प्रदर्शन कर रहे परिजनों की मांग थी कि क्षेत्र में चलाई जा रही पटाखा फैक्ट्री के लाइसेंस निरस्त किए जाएं व दोषियों के विरोध कार्रवाई की जाए. तकरीबन 4 घंटे चले प्रदर्शन के बाद किसी तरह अधिकारियों ने प्रदर्शन समाप्त कराया.

झांसी के समथर थाना क्षेत्र में अवैध फटाखा फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था. एक अक्टूबर को अचानक फैक्ट्री में तेज धमाका हुआ, जिसमे 8 लोग झुलस गए थे, जिनको झांसी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. झांसी में चार लोगों की हालत नाजुक होने पर उन्हें लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल रेफर कर दिया था. चार घायलों में से जेल में बंद फैक्ट्री संचालक बन्ने खां की पत्नी नसरीन बानो, मजदूर लक्ष्मी साहू पत्नी रवि साहू, शिवानी पुत्री रवि साहू जिंदगी और मौत से लड़ रही जंग हार गईं.

मृतक लक्ष्मी सही के दामाद कृष्णकांत साहू ने बताया कि कई सालों से खेत में अवैध फैक्ट्री चल रही थी, जिसमे हुए हादसे से कई परिवारों में मातम छा गया. हादसे के बाद प्रशासन की तरफ से आज तक कोई देखने तक नहीं आया. इलाज में बहुत पैसा लग रहा था. यदि प्रशासन की तरफ से कोई मदद होती तो शायद तीन महिलाओं की मौत ने होती. इसी बात की नाराजगी सभी गांव के लोगों में है, जिसके लिए प्रदर्शन किया गया.

एसएसपी बोली दो को भेजा जेल, मौतों के बाद बढ़ेंगी धाराएं: एसएसपी सुधा सिंह ने बताया कि दो महिलाओं का अंतिम संस्कार करवाया जा चुका है. तीसरी महिला की मौत की सूचना मिली है. घायल और मृतकों को मुआवजा दिए जाने के लिए कार्रवाई तेज की गई है. फैक्ट्री संचालक के खिलाफ मुकदमा लिख कर झांसी निवासी फैक्ट्री संचालन बन्ने खां और जिला जालौन के कोंच के एक युवक को जेल पहले ही भेजा जा चुका है. तीन महिलाओं की मौत हो जाने पर इस मामले में धाराओं को बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः झांसी में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके से दहला इलाका, 6 महिलाएं समेत सात लोग झुलसे

Last Updated : Oct 12, 2024, 1:13 PM IST
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