हमीरपुर : झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में आग की दुर्घटना में 10 बच्चों की दुखद मौत हो गई थी. आग नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में शुक्रवार की रात तकरीबन 11 बजे लगी थी. हादसे में हमीरपुर के याकूब के बच्चियों की भी मौत हो गई थी. याकूब का दावा है कि उन्होंने कई बच्चों की जान बचाई थी.
हमीरपुर जनपद के राठ कस्बे के सिकंदरपुरा मोहल्ला निवासी याकूब की दो नवजात बच्चियों को सांस में तकलीफ होने पर बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद शुक्रवार को बच्चा वार्ड में लगी आग की चपेट में दोनों बच्चियां आ गईं. दोनों की मौत हो गई थी. नवजात बच्चियों की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया था. घटना की जानकारी होने के बाद याकूब की पत्नी बेहाल हो गई थी उसे अस्पताल में भर्ती कराया था.
याकूब ने बताया कि 9 नवंबर को झांसी में पत्नी नजमा का प्रसव हुआ था. प्रसव के तुरंत बाद बच्चियों को सांस लेने में तकलीफ के चलते बच्चा वार्ड में भर्ती कर दिया गया था. शुक्रवार की रात याकूब अपनी मां व साले के साथ मेडिकल कॉलेज में बरामदे में बैठे थे. आग लगने की जानकारी होने पर वह बच्चा वार्ड के बाहर पहुंच गए, जहां उनकी बेटियां थीं, वहां धुएं का गुबार उठ रहा था, कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था. याकूब ने बताया कि उन्होंने सात बच्चों को बचाया पर अपनी बेटियों को नहीं बचा पाए. उन्होंने अपनी मां व साले की मदद से यूनिट में भर्ती सात बच्चों को एक-एक कर बाहर निकाला जो जीवित बच गए.
याकूब तीन भाइयों में सबसे छोटा है. याकूब की एक वर्ष पूर्व नजमा से शादी हुई थी. याकूब बक्से की दुकान में कारीगर है, जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करता है.