कोटा. नंदा देवी एक्सप्रेस ट्रेन में अपनी मां के साथ कोटा से नई दिल्ली का सफर कर रहा एक जेईई एडवांस्ड एक्जाम का कैंडिडेट 24 मई को लापता हो गया था. इस बीच रविवार को उसका पता चल गया. वह मध्यप्रदेश के अंबेडकर नगर से श्री माता वैष्णो देवी के बीच चलने वाली मालवा एक्सप्रेस ट्रेन में मिल गया है. ऐसे में अब यह सवाल गहरा रहा है कि वह नंदा देवी ट्रेन से आखिर मालवा एक्सप्रेस में कैसे पहुंच गया, फिलहाल छात्र कुछ भी बताने को राजी नहीं है.
गंगापुर सिटी जीआरपी थाने के सहायक उप निरीक्षक जगदीश मीणा ने बताया कि ट्रेन में अपनी मां उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नगीना निवासी पारुल जैन के साथ 19 वर्षीय शशांक जैन सफर कर रहा था. इस बीच सवाई माधोपुर से मथुरा के बीच वह अचानक चलती ट्रेन से लापता हो गया. गुमशुदगी दर्ज होने के गंगापुर सिटी की जीआरपी थाना पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई थी. इसके अलावा उसके नगीना निवासी परिजन भी उसकी तलाश में जुटे हुए थे. लापता कैंडिडेट शशांक अपने सभी गैजेट्स, मोबाइल फोन, और स्मार्ट वॉच को भी अपनी ट्रेन की बर्थ पर ही छोड़कर गया था. ऐसे में उसकी तलाश मुश्किल हो रही थी, लेकिन रविवार को शशांक ने अपने पिता को अन्य यात्री का फोन लेकर कॉल किया और बताया कि वह मालवा एक्सप्रेस ट्रेन में बैठा हुआ है. इस समय शशांक के पिता कोटा में जीआरपी पुलिस के साथ ही थे. जीआरपी पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के जरिए मोबाइल की लोकेशन और अन्य जानकारियां जुटाई, जिसके बाद सीहोर स्टेशन पर मालवा एक्सप्रेस के आने के बाद सीहोर ट्रेन को चेक कर युवक को नीचे उतार लिया.
एएसआई जगदीश मीणा ने बताया कि सूचना पर उसके मामा और पुलिस सीहोर पहुंच गए थे, जहां शशांक को उसके पिता सुयश की कस्टडी में सौंप दिया गया है. प्रारंभिक तौर पर शशांक पढ़ाई के तनाव में नजर आ रहा है.
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लेकिन सवाल, जिसका नहीं मिला जवाब : शशांक 24 मई को कोटा से रवाना हुआ था. उसका 26 मई को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जेईई एडवांस्ड का एग्जाम था. शशांक और उसकी मां पारुल को नंदा देवी ट्रेन से दिल्ली पहुंचना था, जहां से वह अपने पिता के साथ अपने गांव बिजनौर के नगीना जाने वाला था. उसके पिता दिल्ली स्टेशन पर इंतजार कर रहे थे. ऐसे में वह नंदा देवी ट्रेन से लापता हुआ तो, आखिर उज्जैन कैसे पहुंचा, यह बड़ा सवाल है. गंगापुर सिटी जीआरपी थाने के एएसआई जगदीश मीणा का कहना है कि शशांक कुछ भी नहीं बता पा रहा है, लेकिन उज्जैन के लिए वह संभवत: मथुरा स्टेशन से ही ट्रेन पर चढ़ा है.