कोटा : राजस्थान का कोटा कोचिंग का हब है और यहां पर मेडिकल और इंजीनियरिंग में एंट्रेंस के लिए हर साल हजारों स्टूडेंट तैयारी के लिए पहुंचते हैं. माना जाता है कि इंजीनियरिंग की हर 4 सीट और मेडिकल की हर तीसरी सीट पर कोटा से कोचिंग कर रहे स्टूडेंट पहुंचते हैं. जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED 2024) की परीक्षा के बाद आईआईटी मद्रास ने जॉइंट इंप्लीमेंटेशन कमेटी (जेआईसी) जारी कर दी है.
इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जोन रजिस्ट्रेशन में जरूर तीसरे नंबर पर रहा है, लेकिन यहां से क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट और एडमिशन में अव्वल रहा. बता दें कि देश में क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट्स का प्रतिशत 25.86 है, जबकि दिल्ली जोन का यह प्रतिशत 30 से भी ज्यादा है. इसी तरह से आईआईटी की सीट पाने वाले कैंडिडेट की बात की जाए तो देश का प्रतिशत 9.48 रहा है, जबकि दिल्ली जोन का यह प्रतिशत 12.15 है. एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि दिल्ली जोन भी राजस्थान की वजह से ही अव्वल रहता है. राजस्थान में कोटा में बड़ी संख्या में कैंडिडेट परीक्षा देते हैं. हालांकि, अधिकांश कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड की परीक्षा अपने राज्यों में जाकर देते हैं, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में कैंडिडेट कोटा वाले भी होते हैं. इसीलिए राजस्थान और दिल्ली जोन से परीक्षा देने वाले अव्वल रहते हैं.
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यह है राजस्थान और कोटा से चयनित होने का कारण : जेईई एडवांस्ड के आयोजन को देश के 7 आईआईटी जोन के अनुसार किया गया है. देश में 17 हजार 965 कैंडिडेट को आईआईटी में सीट आवंटित की गई. इनमें दिल्ली जोन से सबसे ज्यादा 4,152 कैंडिडेट इस साल आईआईटी में प्रवेश ले चुके हैं. आईआईटी दिल्ली जोन में राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है. इसके अलावा दिल्ली, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख शामिल है. ऐसे में राजस्थान ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जिससे सबसे अधिक कैंडिडेट आईआईटी में चयनित हुए हैं. राजस्थान से चयनित कैंडिडेट में कोटा से सबसे अधिक विद्यार्थियों ने आईआईटी में प्रवेश प्राप्त किया है.
गुवाहाटी जोन से 19.14 फीसदी क्वालीफाई : देव शर्मा ने बताया कि क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट की बात की जाए तो गुवाहाटी जोन सबसे पीछे रहा है. यहां से 12,845 कैंडिडेट ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि 2,458 यानी केवल 19.14 फीसदी ही सफल घोषित किए गए, जबकि दिल्ली से 34,181 कैंडिडेट रजिस्टर्ड थे, इनमें से 10,255 क्वालीफाई घोषित किए गए. यह सबसे ज्यादा 30 फीसदी है, जबकि रुड़की दूसरे नंबर पर रहा है. यहां से 28.56 फीसदी, बॉम्बे तीसरे नंबर पर 27.53 और मद्रास चौथे नंबर पर रहा है. यहां से 24.58 पीसदी कैंडिडेट क्वालीफाई हुए हैं, जबकि भुवनेश्वर से 24.03 और कानपुर से 22.78 क्वालीफाई हुए हैं.
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मद्रास से सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन : आईआईटी सीट में दिल्ली जोन सबसे ज्यादा आगे रहा. इसके बाद बॉम्बे जोन से 10.78 फीसदी व रुड़की 9.45 फीसदी हैं. मद्रास से सबसे ज्यादा कैंडिडेट ने 45,491 ने रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन वहां से सीट पाने वाले कैंडिडेट की संख्या महज 4,072 है. केवल 8.95 फीसदी ही कैंडिडेट सफल हो पाए. इधर गुवाहाटी से 12,845 कैंडीडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि यहां से महज 6.12 यानी 786 कैंडिडेट ही आईआईटी में एडमिशन ले पाए. इसके अलावा भुवनेश्वर से 8.01 और कानपुर से 7.71 फीसदी ही आईआईटी सीट पाने वाले सफल कैंडिडेट हैं.
3,495 गर्ल्स कैंडिडेट ने भी लिया एडमिशन : जेईई एडवांस्ड क्वालीफाई कर 3,495 गर्ल्स ने आईआईटी में प्रवेश लिया है, जिसमें 3,480 गर्ल्स सुपर न्यूमेरेरी सीटों को मिलाकर फीमेल पूल व 15 छात्राएं जेंडर नूट्रल पूल से आईआईटी में गई हैं. इसके अलावा 14,200 छात्र जेंडर न्यूट्रल पूल से आईआईटीयन बने हैं. वहीं, 17,695 आईआईटी सीटों में से 17,605 सीट इंडियन व 88 सीटें ओसीआई, पीआईओ और महज 2 सीटें विदेशी नेशनलिटी से अलॉट की गई हैं. आईआईटी की आवंटित सीटों में से जनरल कैटेगरी में 6,982, ईडब्लूएस में 1926, ओबीसी में 4,775, एससी में 2654 व एसटी में 1338 आईआईटीयन बनेंगे.