पटना: लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता दिलेश्वर कामैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. दिलेश्वर कामैत ने कोसी मेची नदी जोड़ योजना को लेकर केंद्र सरकार से 90:10 के रेशियो में राशि की मांग की है. एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की अध्यक्षता में जदयू के सभी 12 सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और बिहार के विकास को लेकर चर्चा की थी.
दिलेश्वर कामैत ने पीएम को लिखा पत्र: इस दौरान जेडीयू सांसदों ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है और उसके बाद जदयू संसदीय दल के नेता दिलेश्वर कामैत ने नदी जोड़ योजना को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. दिलेश्वर कामैत ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है कि महोदय बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के कोसी नदी में प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ की वजह से स्थिति भयावह हो जाती है, जिससे जान और माल का काफी नुकसान होता है.
कोसी मेची नदी जोड़ योजना को लेकर मांग :अपने पत्र में कामैत ने आगे कहा है कि आम जनता में विभिन्न जानलेवा जैसे घातक रोगों का संक्रमण भी बहुत ही तीव्र गति से फैलता है. महोदय राष्ट्रीय परिपेक्ष योजना एनपीपी के अंतर्गत राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण के तहत हिमालयी घटक के अंतर्गत 14 नदियों के परस्पर जोड़ के लिए पहचान की गई है, जिसमें नदियों के इंटरलॉकिंग की परियोजना में से एक कोसी मेची लिंक का पीएफआई पूर्ण कर लिया गया है.
फंडिंग पैटर्न पर हुई थी चर्चा लेकिन..: दिलेश्वर कामैत ने कहा कि माननीय मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में 14 दिसंबर, 2023 को संपन्न राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की 37वीं वार्षिक सामान्य बैठक और नदी जोड़ योजना के लिए गठित विशेष समिति की 21वीं बैठक में बिहार की महत्वाकांक्षी कोसी मेची अंतर राज्य परियोजना के फंडिंग पैटर्न पर चर्चा हुई थी. लेकिन अभी तक उक्त परियोजना के कार्यान्वयन के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.
90:10 के रेशियो में राशि की मांग: कामैत ने कहा कि जनहित में उक्त केंद्रीय परियोजना के कार्यन्वयन के लिए कुल लागत राशि के 90% केंद्रांश और 10% राज्यांश के फंडिंग पैटर्न पर स्वीकृति देने की कृपा की जाए. नदी जोड़ योजना की चर्चा अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के समय शुरू हुआ था. अब फिर नरेंद्र मोदी की सरकार के समय कोसी मेची नदी जोड़ी योजना की स्वीकृति मिल गई है.
60:40 के रेशियो में स्वीकृति: लेकिन 60: 40 के रेशियो में इसकी स्वीकृति दी गई है जिसका विरोध बिहार सरकार लगातार करती रही है. बिहार सरकार के पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा जो अब राज्यसभा के सांसद बन चुके हैं, कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं. अब केंद्र में जदयू इस बार सरकार में बड़ी भूमिका निभा रहा है और इसलिए संसदीय दल के नेता दिलेश्वर कामैत की तरफ से प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा गया है. अब देखना है इस पत्र पर प्रधानमंत्री के तरफ से क्या कुछ एक्शन होता है.
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