रांची: झारखंड में जदयू अपनी अस्तित्व को बचाने की कोशिशों में जुटी हुई है. साल के अंत में होने वाले चुनाव के लिए जदयू ने 12 सीटों को चिन्हित किया है. ये सभी वैसी सीटें हैं जहां बीजेपी या तो कमजोर स्थिति में है या वर्तमान में उसकी सीटें नहीं हैं. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो का कहना है कि झारखंड में जिन सीटों को चिन्हित किया गया है, उन पर अंतिम मुहर पार्टी की शीर्ष नेतृत्व लगाएगा. उन्होंने कहा कि मांडू, गिरिडीह, डुमरी, जमशेदपुर पूर्वी जैसी कई सीटें हैं, जिन पर पार्टी मजबूत स्थिति में है.
हाल ही में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने साफ तौर पर इस बात के संकेत दिए थे कि झारखंड में पार्टी एनडीए में रहते हुए अन्य सहयोगी दलों के साथ तालमेल बिठाकर ही चुनाव लड़ेगी. उन्होंने राज्य में सरयू राय की पार्टी भारतीय जन मोर्चा के साथ किसी तरह की बातचीत से भी फिलहाल इनकार कर दिया है.
ये होंगे जदयू के चेहरे जो चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं
विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच यह भी खबर आ रही है कि जदयू के कई बड़े नेता चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर चुके हैं. इन नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो के पुत्र का नाम भी शामिल है. सूत्रों के अनुसार महतो मांडू विधानसभा सीट से टिकट की मांग पार्टी के सामने रख सकते हैं. इनके अलावा पूर्व मंत्री सुधा चौधरी, पूर्व विधायक कमेश्वर दास, मधुकर सिंह, संतोष सोनी, भगवान सिंह, डॉक्टर अफ्ताब जमील जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं.
वर्तमान में जदयू के पास एक भी सीट नहीं है, ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि बीजेपी के साथ चुनाव लड़कर शायद पार्टी की नैया झारखंड में पार लग जाए. दरअसल, अब तक जदयू झारखंड में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है. 2014 में जदयू 45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी, मगर एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. 2019 में भी पार्टी 40 सीटों पर चुनाव लड़ी, मगर कोई कमाल नहीं कर पाई. हालांकि, 2005 के चुनाव में जदयू 18 सीटों पर लड़ी और 6 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी. खास बात यह है कि पिछले दोनों चुनाव (2014 और 2019) जदयू अकेले ही चुनाव लड़ी थी.
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