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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव : J&k के 'पत्थरबाजों' पर JDU नरम तो NDA में खींची तलवार, आरजेडी ने घेरा - Jammu Kashmir Election

Jammu Kashmir Assembly Elections : जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड भी जम्मू कश्मीर के चुनाव में भाग्य आजमा रही है. बिहार में भले ही जदयू और भाजपा एक साथ हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर में दोनों दल आमने-सामने हैं. आतंकवाद के मसले पर भी दोनों दलों की अलग-अलग राय है.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 3, 2024, 9:19 PM IST

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष (Etv Bharat)

पटना : केंद्र में जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन है और एनडीए की सरकार सत्ता का संचालन कर रही है. बिहार के अंदर भी भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू की राहें अलग-अलग दिख रही है. जनता दल यूनाइटेड ने वहां पांच सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया है.

जदयू के हिसाब से 'पत्थरबाज' राजनीतिक बंदी : जनता दल यूनाइटेड की ओर से मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है. मेनिफेस्टो के मुताबिक जेडीयू ने बीजेपी से अलग स्टैंड लिया है. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि जेडीयू कश्मीर के उन लोगों को रिहा करने में मदद करेगी जो पत्थरबाजी के मामले में जेल में बंद हैं. जनता दल यूनाइटेड ने पत्थरबाजों को राजनीतिक कैदी की श्रेणी में रखा है. घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि पत्थरबाजी के मामले की समीक्षा की जाए और शांति को बढ़ावा देने के लिए पत्थर बाजों की रिहाई के लिए पहल किया जाए.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष : आपको बता दें कि जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है. जनता दल यूनाइटेड को फिलहाल तीन राज्यों में राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा मिल चुका है. एक और राज्य में अगर पार्टी को राज्य स्तर का दर्जा मिल जाता है तब वैसी स्थिति में जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा.

जम्मू कश्मीर जनता दल यूनाइटेड का मेनिफेस्टो
जम्मू कश्मीर जनता दल यूनाइटेड का मेनिफेस्टो (ETV Bharat)

जम्मू जेडीयू का स्टैंड : जम्मू कश्मीर इकाई के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जीएम शाहीन के मुताबिक हमारी जानकारी में 840 से अधिक ऐसे मामले हैं, जिसके तहत पत्थरबाज जेल के अंदर हैं. इस बाबत पार्टी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया है और समीक्षा की बात कही गई है. बिहार में जदयू नेता इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस मसले पर जहां कुछ भी बोलने से इनकार किया.

''हम जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं और उसी के तहत जम्मू कश्मीर में चुनाव लड़ रहे हैं जहां तक सवाल मेनिफेस्टो का है तो उसे पर हमारे राष्ट्रीय नेता बोलने के लिए अधिकृत हैं.'' - अरविंद निषाद, पार्टी प्रवक्ता, जेडीयू

आतंकवाद पर बीजेपी की नीति साफ : भाजपा सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा है कि आतंकवाद पर भारतीय जनता पार्टी की नीति साफ है. जो कोई भी आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पत्थरबाजों के सवाल पर भी संजय जायसवाल ने कहा कि दोषियों के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होगी.

आरजेडी ने NDA को घेरा : राष्ट्रीय जनता दल ने आतंकवाद पर एनडीए की नीति को लेकर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और जदयू को स्पष्ट करना चाहिए कि आतंकवाद को लेकर उनकी नीति क्या है. राजद नेता ने कहा कि पिछली बार जब जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए थे तो महबूबा मुफ्ती से किसने समझौता किया था? इस बार भी अगर ऐसा हो तो आश्चर्य की बात नहीं होगी. हमारी पार्टी का मानना है कि आतंकवाद के मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

क्या कहते हैं जानकार : वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि कश्मीर में पत्थरबाजी बड़ी समस्या थी. बहुत मुश्किल से केंद्र की सरकार ने उसे पर काबू पाया है. अगर इस तरीके की बात होती है तो आतंकवाद और देश के इंटरेस्ट के हिसाब से भी यह ठीक नहीं होगा. पत्थरबाजों के साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए राजनीतिक दलों को ऐसी चीजों से परहेज करना चाहिए.

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राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष (Etv Bharat)

पटना : केंद्र में जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन है और एनडीए की सरकार सत्ता का संचालन कर रही है. बिहार के अंदर भी भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू की राहें अलग-अलग दिख रही है. जनता दल यूनाइटेड ने वहां पांच सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया है.

जदयू के हिसाब से 'पत्थरबाज' राजनीतिक बंदी : जनता दल यूनाइटेड की ओर से मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है. मेनिफेस्टो के मुताबिक जेडीयू ने बीजेपी से अलग स्टैंड लिया है. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि जेडीयू कश्मीर के उन लोगों को रिहा करने में मदद करेगी जो पत्थरबाजी के मामले में जेल में बंद हैं. जनता दल यूनाइटेड ने पत्थरबाजों को राजनीतिक कैदी की श्रेणी में रखा है. घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि पत्थरबाजी के मामले की समीक्षा की जाए और शांति को बढ़ावा देने के लिए पत्थर बाजों की रिहाई के लिए पहल किया जाए.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष : आपको बता दें कि जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है. जनता दल यूनाइटेड को फिलहाल तीन राज्यों में राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा मिल चुका है. एक और राज्य में अगर पार्टी को राज्य स्तर का दर्जा मिल जाता है तब वैसी स्थिति में जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा.

जम्मू कश्मीर जनता दल यूनाइटेड का मेनिफेस्टो
जम्मू कश्मीर जनता दल यूनाइटेड का मेनिफेस्टो (ETV Bharat)

जम्मू जेडीयू का स्टैंड : जम्मू कश्मीर इकाई के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जीएम शाहीन के मुताबिक हमारी जानकारी में 840 से अधिक ऐसे मामले हैं, जिसके तहत पत्थरबाज जेल के अंदर हैं. इस बाबत पार्टी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया है और समीक्षा की बात कही गई है. बिहार में जदयू नेता इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस मसले पर जहां कुछ भी बोलने से इनकार किया.

''हम जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं और उसी के तहत जम्मू कश्मीर में चुनाव लड़ रहे हैं जहां तक सवाल मेनिफेस्टो का है तो उसे पर हमारे राष्ट्रीय नेता बोलने के लिए अधिकृत हैं.'' - अरविंद निषाद, पार्टी प्रवक्ता, जेडीयू

आतंकवाद पर बीजेपी की नीति साफ : भाजपा सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा है कि आतंकवाद पर भारतीय जनता पार्टी की नीति साफ है. जो कोई भी आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पत्थरबाजों के सवाल पर भी संजय जायसवाल ने कहा कि दोषियों के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होगी.

आरजेडी ने NDA को घेरा : राष्ट्रीय जनता दल ने आतंकवाद पर एनडीए की नीति को लेकर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और जदयू को स्पष्ट करना चाहिए कि आतंकवाद को लेकर उनकी नीति क्या है. राजद नेता ने कहा कि पिछली बार जब जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए थे तो महबूबा मुफ्ती से किसने समझौता किया था? इस बार भी अगर ऐसा हो तो आश्चर्य की बात नहीं होगी. हमारी पार्टी का मानना है कि आतंकवाद के मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

क्या कहते हैं जानकार : वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि कश्मीर में पत्थरबाजी बड़ी समस्या थी. बहुत मुश्किल से केंद्र की सरकार ने उसे पर काबू पाया है. अगर इस तरीके की बात होती है तो आतंकवाद और देश के इंटरेस्ट के हिसाब से भी यह ठीक नहीं होगा. पत्थरबाजों के साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए राजनीतिक दलों को ऐसी चीजों से परहेज करना चाहिए.

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