पटना: भारत सरकार ने आज 9 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी. जदयू और भाजपा के नेताओं ने जहां इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. वहीं विपक्ष ने राजनीतिक हित और वोट के लिए लिये गया फैसला करार दिया है.
जदयू ने केंद्र के फैसले की सराहना कीः जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, उदारीकरण के प्रमुख स्तंभकार माने जाते हैं. वहीं देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसानों का नेता कहा जाता है. वो हमेशा किसानों के सरोकार से जुड़े सवालों को उठाते रहे हैं. किसानों के प्रति अपनी राजनीतिक कटिबद्धता और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. नीरज ने कहा कि हरित क्रांति के जनक स्वामी नाथन को भारत रत्न देना स्वागत योग्य है.
सरकार के फैसले का स्वागतः बीजेपी के पूर्व मंत्री और विधायक प्रमोद कुमार ने भी सरकार के इस फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से सही फैसला लिया जा रहा है. पहली बार इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं. भारत सरकार संवेदनशील और लोकहित कार्य कर रही है और इसलिए इस तरह के फैसले ले रही है. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव, चौधरी चरण सिंह और स्वामीनाथन के योगदान को किया.
"चौधरी चरण सिंह भारत रत्न के हकदार थे लेकिन भारत रत्न के लिए कोई पैमाना होना चाहिए. राजनीतिक हित के लिए और वोट के लिए फैसले लिए जा रहे हैं."- अख्तरुल इमान, एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष
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