जयपुर : राजधानी में संचालित लो फ्लोर बसों के कंडक्टर अब टिकट काटते हुए अनशन करेंगे. जेसीटीएसएल के कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है. आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए कर्मचारियों ने गांधीवादी तरीके से आंदोलन की शुरुआत की है. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भूख हड़ताल के बाद भी उनकी मांगों कि प्रशासन सुनवाई नहीं करता है, तो जयपुर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ठप कर बसों का चक्का जाम किया जाएगा.
जयपुर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की लाइफ लाइन कहे जाने वाले लो फ्लोर बसों के कंडक्टर भूख हड़ताल भी कर रहे हैं और ड्यूटी भी कर रहे हैं. जेसीटीएसएल मजदूर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बाबूलाल नांगली ने बताया कि उनकी लड़ाई प्रशासन के खिलाफ है. ऐसे में आम जनता को असुविधा न हो इसलिए काम करते हुए अपना विरोध जताने का रास्ता निकाला गया है. इससे डिपार्टमेंट को भी राजस्व का नुकसान नहीं होगा. उन्होंने बताया कि मांग वही है जो यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी सदन से निर्देश दिए थे. कुछ कर्मचारी 10 साल से पद विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, उन्हें पद के अनुरूप कार्य करवाया जाए.
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बाबूलाल नांगली ने कहा कि जिन बसों का संचालन दूरस्थ और नाइट ड्यूटी में होता है, उन्हें नाइट ड्यूटी एलाउंस और ओवरटाइम ड्यूटी के लिए भुगतान किया जाए. इसके अलावा भी कई जायज मांगे हैं, जिनकी सुनवाई नहीं होने पर अब भूख हड़ताल का रास्ता अपनाया है. उन्होंने बताया कि शुरुआत दो कर्मचारियों से की गई है, लेकिन दिन-ब-दिन ये संख्या बढ़ती जाएगी और यदि समय रहते जेसीटीएसएल प्रबंधन की ओर से उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया जाता है, तो मजबूरन कार्य बहिष्कार का निर्णय लेना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि पहले काली पट्टी बांधकर अपनी मांग रखते हुए आंदोलन किया गया था. उस वक्त प्रशासन से हुई वार्ता में सकारात्मक आश्वासन दिया गया. इसके बाद मुख्यालय और सचिवालय पर जो प्रोटेस्ट अनाउंस किया था, उसे स्थगित भी किया गया, लेकिन कर्मचारियों को जो लाभ मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया है. ऐसे में अब भूख हड़ताल कर अपनी आवाज उठानी पड़ रही है.
ये हैं प्रमुख मांगें
- स्थाई भर्ती 2013 से नियुक्त कर्मचारियों के लंबित प्रकरणों का निपटान करते हुए नियमित किया जाए.
- 2015-2024 तक कर्मचारियों की बकाया एनपीएस कटौती संबंधित के खाते में जमा करवाई जाए और ओपीएस की कटौती भी समय पर संबंधित के खाते में जमा करवाई जाए.
- कर्मचारियों और उनके पारिवारिक सदस्यों के पास जारी करवाए जाएं.
- आगारों से बाहर रात्रि विश्राम करने वाले वाहनों के परिचालकों को रात्रि विश्राम भत्ता और ओडीआर दिया जाए.
- लम्बे समय से ऑफिस कार्य में लगे कर्मचारियों को प्रत्येक तीन महीने में बदला जाए.
- बकाया एरियर का भुगतान किया जाए.
- आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी और डबल ड्यूटी पर अवकाश के बजाए ओवरटाईम का नकद भुगतान किया जाए.