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जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में अधिकतम ग्रेच्युटी राशि 10 लाख क्यों ? MP हाईकोर्ट ने मांगा कुलपति से जवाब - Agricultural University jabalpur

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKV) जबलपुर के कुलपति व कुलसचिव को नोटिस जारी किया है. मामला ग्रेच्युटी की राशि से संबंधित है.

Agricultural University jabalpur
हाईकोर्ट ने मांगा जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय कुलपति से जवाब
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 26, 2024, 12:14 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKV) जबलपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एमए खान की ओर से याचिका दायर की गई. इसमें कहा गया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी राशि मिलनी चाहिए. लेकिन पिछले दिनों महज 10 लाख ग्रेच्युटी दी गई. राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि विश्वविद्यालय अपने स्रोतों से 20 लाख ग्रेच्युटी राशि प्रदान करे. आवेदक का कहना है कि वह 1985 से सेवारत हैं, वह 2031 में सेवानिवृत्त होंगे.

विश्वविद्यालय की मनमानी का विरोध करेंगे

याचिकाकर्ता का कहना है कि विश्वविद्यालय स्तर पर जारी मनमानी के विरोध में वह आगे आए हैं. उनका कहना है कि 28 अप्रैल 2015 को राज्य शासन के आदेशानुसार विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए छठा वेतनमान स्वीकृत किया गया. उसके बाद 26 अक्टूबर 2017 को एक पत्र जारी किया गया. जिसमें उल्लेख किया गया कि जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त-दिवंगत शासकीय सेवकों का वेतन पुनरीक्षण किया जाए. पत्र में सेवानिवृत्ति के बाद की ग्रेच्युटी राशि की अधिकतम सीमा 20 लाख नियत की गई है.

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अन्य विश्वविद्यालयों में 20 लाख की राशि मिलती है

याचिका में ये भी कहा गया है कि जब राज्य शासन के निर्देशानुसार जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में इसी भांति भुगतान सुनिश्चित हो रहा है तो जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय में क्यों नहीं. उन्होंने विश्वविद्यालय के लेखा नियंत्रक से अवर सचिव को लिखकर 20 लाख रुपये की राशि के संबंध मे सहमति-अनापत्ति प्रसारित करने का अनुरोध किया है.याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पैरवी की.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKV) जबलपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एमए खान की ओर से याचिका दायर की गई. इसमें कहा गया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी राशि मिलनी चाहिए. लेकिन पिछले दिनों महज 10 लाख ग्रेच्युटी दी गई. राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि विश्वविद्यालय अपने स्रोतों से 20 लाख ग्रेच्युटी राशि प्रदान करे. आवेदक का कहना है कि वह 1985 से सेवारत हैं, वह 2031 में सेवानिवृत्त होंगे.

विश्वविद्यालय की मनमानी का विरोध करेंगे

याचिकाकर्ता का कहना है कि विश्वविद्यालय स्तर पर जारी मनमानी के विरोध में वह आगे आए हैं. उनका कहना है कि 28 अप्रैल 2015 को राज्य शासन के आदेशानुसार विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए छठा वेतनमान स्वीकृत किया गया. उसके बाद 26 अक्टूबर 2017 को एक पत्र जारी किया गया. जिसमें उल्लेख किया गया कि जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त-दिवंगत शासकीय सेवकों का वेतन पुनरीक्षण किया जाए. पत्र में सेवानिवृत्ति के बाद की ग्रेच्युटी राशि की अधिकतम सीमा 20 लाख नियत की गई है.

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अन्य विश्वविद्यालयों में 20 लाख की राशि मिलती है

याचिका में ये भी कहा गया है कि जब राज्य शासन के निर्देशानुसार जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में इसी भांति भुगतान सुनिश्चित हो रहा है तो जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय में क्यों नहीं. उन्होंने विश्वविद्यालय के लेखा नियंत्रक से अवर सचिव को लिखकर 20 लाख रुपये की राशि के संबंध मे सहमति-अनापत्ति प्रसारित करने का अनुरोध किया है.याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पैरवी की.

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