विकासनगर: इनदिनों चकराता के खूबसूरत वादियों में जौनसारी फीचर फिल्म 'मेरे गांव की बाट' की शूटिंग हो रही है. चकराता के फटेऊ गांव और आसपास की जगहों पर फिल्म के दृश्य फिल्माए जा रहे हैं. यह फिल्म जौनसारी रीति रिवाज और परंपराओं पर आधारित है. जो जल्द ही बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होगी.
बता दें कि जौनसारी बोली में बन रही फीचर फिल्म 'मेरे गांव की बाट' का मुहूर्त शॉट एक अप्रैल को लिया गया था. जौनसारी रीति रिवाज और परंपराओं पर आधारित यह फिल्म कई मायनों में खास है. जिसे जौनसार बावर के रहन सहन, खान पान, खेती किसानी, सहकारिता, सामूहिकता, महिला सशक्तिकरण, पर्यटन आदि पारिवारिक दृष्टिकोण से फिल्माया जा रहा है.
एक हफ्ते से फटेऊ, इच्छला, झुसो, भाकरो गांवों में सीन फिल्माए गए हैं. जिसके तहत जौनसार बावर के रीति रिवाज के अनुसार विवाह की परंपराओं के सीन को शूट किया गया. जिसमें गांव की रंइटुडियों (महिलाएं) के सामूहिक भोज के दृश्य को प्रमुखता से सीन में लिया गया. जिसमें दुल्हन के घर से बारात दूल्हे के घर आती है. जो अपने आप में काफी भावुक करने वाला सीन है. खास बात ये है कि इस फिल्म में किरदार स्थानीय कलाकार निभा रहे हैं.
इतिहास के जानकार श्रीचंद शर्मा ने कहा कि जौनसार का एक महत्वपूर्ण पर्व 'बारिया का जाग' है. जिसे फिल्म में दिखाने का प्रयास किया गया है. फिल्म में परिवार में बड़े बेटे की शादी है. उसके सीन यहां फिल्माए जा रहे हैं. 'मेरे गांव की बाट' फिल्म में लोग गांव आते हैं. एक ऐसा दृश्य है, जिसमें समाज को बांधे रखने के सभी गुण हैं. परिवार का जो एकता का ढांचा है, वो आज भी बरकरार है. यहां की सच्चाई दुनिया के सामने जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि महिलाओं का जो सम्मान जौनसार बावर में होता है, इतना कहीं नहीं होता है. यहां की महिलाओं को देवी सम्मान माना जाता है. शादी के दौरान गांव की प्रत्येक रईणी यानी जो महिलाएं विवाहित हैं, उस तक इस शादी की सूचना दी जाती है. सभी को निमंत्रण देकर भोज में शामिल होने का न्योता दिया जाता है. मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों में व्यवसाय या नौकरी पेशा कर रही महिलाएं गांव आती हैं. इन्हीं विशेषताओं को फीचर फिल्म में समेटा गया है.
वहीं, क्रिएटिव डायरेक्टर केएस चौहान ने बताया कि जौनसार बावर में दुल्हन अपनी बारात दूल्हे के यहां ले जाती है. इस शादी में दहेज प्रथा नहीं होती है. केवल 5 बर्तन दुल्हन दिए जाते हैं. जौनसार बावर की शादी की अपनी अनूठी परंपराएं समेत हुए हैं. रईण जिमाई यानी शादीशुदा औरतों को सम्मान दिया जाता है. फिल्म में अभिनव करने वाली किरण डिमरी का कहना इस फिल्म में महिलाओं के सम्मान के भी दृश्य फिल्माए जा रहे हैं. उन्हें खुशी है कि उनका क्षेत्र महिलाओं के सम्मान में अग्रणी है.
ये निभा रहे फिल्म में किरदार: फिल्म में मुख्य भूमिका अभिनेता अभिनव चौहान, अभिनेत्री प्रियंका चौहान, भगत सिंह, मंडोर, गुड्डी, काजल शाह, जीत सिंह, नारायण चौहान हैं. जबकि, कैमरामैन हरीश नेगी हैं. लेखक और निर्देशक अनुज जोशी हैं. वहीं, बाल कलाकारों में तनिष्क चौहान, आरुषि, आकृति जोशी, किरन डिमरी, लता राय, मधुबाला हैं.
वहीं, फिल्म में श्याम सिंह, सीताराम चौहान, अतर शाह, अज्जू तोमर, मीना राणा, परिमा राणा ने अपने सुर दिए हैं. जबकि, संगीत अमित वी कपूर का है. प्रोडक्शन मैनेजर विजय बी शर्मा और एसोसिएट कैमरामैन राजेश रतूड़ी हैं. वहीं, सहायक निर्देशक नीरज नेगी हैं. जबकि, ड्रोन में निखिल कांडपाल है. वहीं, फिल्म सुमित कल प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही है.
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