चरखी दादरी: हरियाणा में 24 फरवरी को फिर से जाट आरक्षण आंदोलन का आगाज होने जा रहा है. आंदोलन को लेकर किसान नेता और पब्लिक वाइस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश दलाल की अगुवाई में 10 सूत्रीय मांगों के साथ झज्जर के मांडोठी-आसौदा टोल पर रणनीति बनेगी. इसी रणनीति के आधार पर आंदोलन को आगे बढ़ाया जायेगा.
किसान नेता रमेश दलाल ने चरखी दादरी में प्रेस वार्ता करके इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हरियाणा में जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए फिर से एकजुट होकर आंदोलन करेंगे. इसकी शुरुआत झज्जर के मांडोठी-असौदा टोल से शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि साल 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांगें भी इसमें शामिल होगी. इसके अलावा आंदोलन के दौरान समगोत्र विवाह को अवैध करार देने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.
रमेश दलाल ने पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल को भी भारत रत्न देने की मांग उठाई. साथ ही कहा कि हरियाणा में गुरूद्वारा प्रबधंक कमेटी बनी हुई है जबकि पिछले 10 साल से चुनाव नहीं करवाये गये हैं. रमेश दलाल ने 13 फरवरी को किसानों द्वारा दिल्ली कूच मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कुछ किसान संगठन अपने स्वार्थ को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा से दूरी बनाकर अपना काम कर रहे हैं. उनके आंदोलन में ना तो सभी किसान संगठन शामिल हैं और ना ही पंचायत खापें. पब्लिक वाइस संगठन द्वारा 10 सूत्रीय मांगों को लेकर इस बार आर-पार का आंदोलन किया जाएगा.
जाट आरक्षण आंदोलन फरवरी 2016 में हरियाणा में शुरु हुआ था. खुद को ओबीसी समुदाय का दर्जा दिए जाने या फिर विशेष कोटे की मांग करते हुए जाट समुदाय के लोग सड़क पर उतर आये थे. बाद ये आंदोलन हिंसक हो गया. कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सेना को बुलाना पड़ा. कई जगह झड़प हो गई और करीब 30 युवाओं की मौत हो गई थी.
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