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जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओबीसी आयोग के साथ हुई वार्ता, राज्य सरकार जल्द भेजेगी केंद्र सरकार को रिपोर्ट

धौलपुर-भरतपुर और डीग जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर मंगलवार को आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की कमेटी की ओबीसी आयोग के साथ दिल्ली में संयुक्त वार्ता हुई.

ओबीसी आरक्षण देने की मांग
ओबीसी आरक्षण देने की मांग
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 13, 2024, 9:32 PM IST

ओबीसी आयोग के साथ दिल्ली में संयुक्त वार्ता

भरतपुर. धौलपुर-भरतपुर और डीग जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर मंगलवार को आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की कमेटी की ओबीसी आयोग के साथ दिल्ली में संयुक्त वार्ता हुई. वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की समिति ने आयोग के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखा. ओबीसी आयोग के सदस्यों ने भी बिंदुवार सभी तथ्यों को सुना. अब जल्द ही राज्य सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी. वहीं, प्रतिनिधिमंडल महापड़ाव स्थल पर पहुंचकर आगे की रणनीति तय करेगा.

आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि मंगलवार को आठ सदस्य प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की समिति के अध्यक्ष जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, कुम्हेर विधायक डॉ शैलेश सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मुख्य सचिव कुलदीप राकां व जगजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह दिल्ली पहुंचे. दिल्ली में ओबीसी आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर व दो अन्य सदस्यों के समक्ष ओबीसी आरक्षण की मांग को बिंदुवार तरीके से रखा. वार्ता के दौरान बताया गया कि किस तरह से राजस्थान के अन्य जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण में शामिल किया हुआ है, जबकि समान भौगोलिक और आर्थिक स्थिति के बावजूद भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाटों को अभी तक केंद्र में ओबीसी आरक्षण में शामिल नहीं किया जा सका है.

इसे भी पढ़ें-दिल्ली पहुंचा जाट आरक्षण संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल, आज OBC आयोग में होगी वार्ता, महापड़ाव 28वें दिन भी जारी

जाटों की मांग जायज है : मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की समिति के तथ्यों को ओबीसी आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने गंभीरता से सुना. आयोग ने भी माना कि तीनों जिलों के जाटों की मांग जायज है. मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि निकट भविष्य में भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाटों को भी केंद्र में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.

सरकार की भूमिका से पूरी तरह संतुष्ट : संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि वार्ता के दौरान राज्य सरकार ने तीनों जिलों के जाटों के पक्ष में सच्ची वकालत की है. हम राज्य सरकार की भूमिका से पूरी तरह संतुष्ट हैं और अब महापड़ाव स्थल पर पहुंचकर समाज के सभी लोगों के साथ चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे. प्रतिनिधिमंडल में नेम सिंह फौजदार, सुभाष मदेरणा, आरपी सिंह चौधरी, दिलीप सिंह एडवोकेट, संतोष फौजदार, विजय पाल सिंह, मनुदेव सिनसिनी, जयसिंह फौजी, गोविंद सिंह सरपंच, धर्मेंद्र सिंह सोलंकी, यतेंद्र, लोकेंद्र, हरभजन छोंकरवाड़ा और प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र शर्मा, तहसीलदार राम सोगरवाल, गिरदावर राजेश भातरा शामिल थे. बता दें कि भरतपुर जिले के उच्चैन क्षेत्र के गांव जयचोली में 17 जनवरी से तीनों जिलों के जाट समाज के लोग महापड़ाव डाले हुए हैं.

ओबीसी आयोग के साथ दिल्ली में संयुक्त वार्ता

भरतपुर. धौलपुर-भरतपुर और डीग जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर मंगलवार को आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की कमेटी की ओबीसी आयोग के साथ दिल्ली में संयुक्त वार्ता हुई. वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की समिति ने आयोग के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखा. ओबीसी आयोग के सदस्यों ने भी बिंदुवार सभी तथ्यों को सुना. अब जल्द ही राज्य सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी. वहीं, प्रतिनिधिमंडल महापड़ाव स्थल पर पहुंचकर आगे की रणनीति तय करेगा.

आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि मंगलवार को आठ सदस्य प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की समिति के अध्यक्ष जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, कुम्हेर विधायक डॉ शैलेश सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मुख्य सचिव कुलदीप राकां व जगजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह दिल्ली पहुंचे. दिल्ली में ओबीसी आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर व दो अन्य सदस्यों के समक्ष ओबीसी आरक्षण की मांग को बिंदुवार तरीके से रखा. वार्ता के दौरान बताया गया कि किस तरह से राजस्थान के अन्य जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण में शामिल किया हुआ है, जबकि समान भौगोलिक और आर्थिक स्थिति के बावजूद भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाटों को अभी तक केंद्र में ओबीसी आरक्षण में शामिल नहीं किया जा सका है.

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जाटों की मांग जायज है : मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार की समिति के तथ्यों को ओबीसी आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने गंभीरता से सुना. आयोग ने भी माना कि तीनों जिलों के जाटों की मांग जायज है. मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि निकट भविष्य में भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाटों को भी केंद्र में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.

सरकार की भूमिका से पूरी तरह संतुष्ट : संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि वार्ता के दौरान राज्य सरकार ने तीनों जिलों के जाटों के पक्ष में सच्ची वकालत की है. हम राज्य सरकार की भूमिका से पूरी तरह संतुष्ट हैं और अब महापड़ाव स्थल पर पहुंचकर समाज के सभी लोगों के साथ चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे. प्रतिनिधिमंडल में नेम सिंह फौजदार, सुभाष मदेरणा, आरपी सिंह चौधरी, दिलीप सिंह एडवोकेट, संतोष फौजदार, विजय पाल सिंह, मनुदेव सिनसिनी, जयसिंह फौजी, गोविंद सिंह सरपंच, धर्मेंद्र सिंह सोलंकी, यतेंद्र, लोकेंद्र, हरभजन छोंकरवाड़ा और प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र शर्मा, तहसीलदार राम सोगरवाल, गिरदावर राजेश भातरा शामिल थे. बता दें कि भरतपुर जिले के उच्चैन क्षेत्र के गांव जयचोली में 17 जनवरी से तीनों जिलों के जाट समाज के लोग महापड़ाव डाले हुए हैं.

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