वाराणसी: आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम पूरे देश में है. धर्म नगरी काशी में भी भगवान भोलेनाथ के ईस्ट देव और जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के स्वरूप कृष्ण जन्म उत्सव उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. काशी के मंदिर देवालय, शिवालय और पुलिस स्टेशन के साथ घरों में भी श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. काशी में हर हर महादेव के साथ राधे-राधे और जय श्री कृष्ण के नारे भी लगाए जा रहे.
जन्माष्टमी के दिन शिव की नगरी पूरी तरह भगवान श्री कृष्णामय दिख रही है. काशी में सूर्य उदय के साथ ही भगवान लड्डू गोपाल को गंगाजल, दूध, दही से स्नान कराया गया. उन्हें नए वस्त्र पहनाए गए और आरती भी उतारी गई. इसके साथ ही भगवान का मंगल गीत भी गाया गया.
इसके साथ ही सामने घाट क्षेत्र में महिलाएं लड़कियां राधा बनकर आई थी. उन्होंने लड्डू गोपाल के साथ थी जमकर नृत्य और रासलीला की.उन्होंने कहा, कि भगवान अपनी गोपियों के साथ रास रचाया करते थे. आज हम सब भी उनकी गोपियां बनाकर उनके साथ-साथ रचाकर यह उत्सव हर्ष उल्लास के साथ मना रहे हैं.
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डॉ. शालिनी राना ने बताया, कि आज श्री कृष्ण जन्म उत्सव के दिन हम सब ने भगवान श्री कृष्ण की पूरे विधि विधान से पूजन पाठ किया. अब हम उनके साथ नृत्य कर रहे हैं. यह बड़े सौभाग्य की बात है, कि काशी की धरती पर इतनी धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मउत्सव मनाया जा रहा है.
यशोबी ओझा ने बताया, कि आज हम सब महिलाएं यहां पर राधा बनकर आई हैं. पहले से लड्डू गोपाल मौजूद है. हम लोग उनके साथ नृत्य कर रहे हैं और जन्माष्टमी का उत्सव मना रहे हैं. क्योंकि यह भगवान शिव के भी अराध्य हैं. हम शिव की नगरी में रहते हैं, तो आज भगवान शिव भीम का जन्मदिन मना रहे हैं. हम भी मना रहे हैं.
प्रियंका ने बताया, कि आज हम लोगों ने पंचामृत से भगवान श्री कृष्ण का स्नान कराया. उन्हें वस्त्र पहनाया, झूला झुलाया, आरती उतारी और उसके बाद हम सब राधा बनकर उनके साथ नृत्य कर रहे हैं. बहुत ही अच्छा लग रहा है यहां आकर.ऐसे लग रहा है कि हम लोग वृंदावन में है.
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