जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिला के नवागढ़ ब्लॉक के राछा स्कूल का हाल बेहाल है. यहां के प्राइमरी स्कूल में ना तो बच्चों की कमी है, ना ही शिक्षक की और ना ही भवन की कमी है. बावजूद इसके स्कूल की व्यवस्था चरमराई हुई है. इसका एक मात्र कारण साइकिल है. दरअसल, इस स्कूल के अधिकांश कमरों में साइकिल के पार्ट रखे गए हैं. नया साइकिल बनाने का काम यहां किया जा रहा है. वो भी जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक आदेश पर.
साइकिल हटने के बाद व्यवस्था में होगा सुधार: जांजगीर चांपा के नवागढ़ ब्लॉक मुख्यालय के राछा गांव में संचालित प्राइमरी स्कूल के अतिरिक्त कमरा के अलावा स्कूल भवन है. स्कूल का एक पुराना भवन भी है. यहां की दर्ज संख्या लगभग 95 के करीब है और शिक्षकों की संख्या 3 और एक हेड मास्टर साहब हैं. इतनी व्यवस्था होने के बावजूद यहां अतिरिक्त कक्ष में ही कक्षा संचालित होती है. बाकी कक्षा में भरे हुए साइकिल के स्पेयर पार्ट और सरस्वती साइकिल योजना के तहत मिडिल स्कूल की छात्राओं को बांटने वाली साइकिल इसी कक्ष में बनता है.
मजदूरों की कमी के कारण नहीं बांटा गया साइकिल: राछा भाठा के प्राइमरी स्कूल की इस अव्यवस्था के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी भी जानते हैं, लेकिन किसी की आपत्ति नहीं आने पर जैसा चल रहा है, सब सही है. डीईओ की मानें तो गर्मी में सरस्वती साइकिल योजना के तहत आए साइकिल के पार्ट को अलग-अलग कमरों में डंप करके स्कूल भवन दिया गया था, लेकिन कम मजदूर होने के कारण स्कूलों में बांटे जाने वाला साइकिल अब तक तैयार नहीं हुआ है. छात्राओं को साइकिल नहीं मिल पाया है. इसे जल्द ही पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़: राछा भाठा के इस स्कूल में अति पिछड़े वर्ग के बच्चे क, कहरा सिखने आते है. ये बच्चे जाति प्रमाण पत्र से वंचित हो जाते हैं. ऐसे स्कूल में बच्चों की जिंदगी गढ़ने के बजाय जिला शिक्षा अधिकारी खुद ही स्कूल भवन को साइकिल ठेकेदार को सौंप दिए हैं. ठेकेदार को लाभ पंहुचा कर बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है.