जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 6 सीटों पर कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया को उम्मीदवार घोषित किया है. जबकि भाजपा ने कमलेश जांगड़े को इस सीट पर प्रत्याशी बनाया है. डहरिया के नाम के ऐलान के बाद अब इस सीट पर कांटे की टक्कर नजर आने लगी है.
कौन है शिव डहरिया: शिव डहरिया का जन्म साल 1964 में रायपुर जिले के छछानपैरी गांव में हुआ. पिता का नाम आशाराम डहरिया है. पारंपरिक काम खेती किसानी करते हुए उन्होंने BAMS आयुर्वेद चिकित्सा स्नातक की शिक्षा ली. स्कूल शिक्षा से ही सामाजिक गतिविधि और NCC से जुड़े रहे. कांग्रेस की विचारधारा से प्रेरित होकर साल 1989 से राजनीतिक क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया. 1990 में राजीव गाधी के निर्देश पर मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जेल भी गए. अविभाजित मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस के महामंत्री सहित कई पदो में रहे. साल 2000 में राज्य मंत्री का दर्जा मिला. साल 2003 और 2008 में आरंग से विधायक बने. साल 2018 में कांग्रेस से चुनाव लड़कर भूपेश बघेल की सरकार मे नगरीय निकाय मंत्री के पद पर रहे.
भाजपा ने महिला नेता कमलेश जांगड़े को बनाया उम्मीदवार: इस सीट से सांसद गुहाराम अजगल्ले हैं लेकिन भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर चांपा सीट पर नया और महिला प्रत्याशी उतारा है. बीजेपी ने सक्ति विधानसभा के मसनिया खुर्द की दो बार सरपंच और वर्तमान में सक्ति जिला बीजेपी मोर्चा की अध्यक्ष कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है. कमलेश जांगड़े का जन्म साल 1977 में हुआ था. ये सक्ती के ही मसानिया गांव की रहने वाली हैं. बात करें शिक्षा की तो हिंदी साहित्य में एमए और डीएड किया है. स्कूल समय से ही कमलेश छात्र राजनीति में ये सक्रिय रहीं.
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट का समीकरण: जांजगीर चांपा लोकसभा में 8 विधानसभा आते हैं. जांजगीर चांपा, अकलतरा, सक्ती, चंद्रपुर, जैजैपुर, पामगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल विधानसभा. इन सभी विधानसभा में कांग्रेस विधायक है. साल 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा इस लोकसभा सीट पर खाता भी नहीं खोल पाई. सभी विधानसभा में कांग्रेस विधायक होने के कारण लोकसभा चुनाव में इसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. इधर भाजपा मोदी की गारंटी के जरिए वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर सकती है.
पिछले तीन चुनाव में भाजपा का दबदबा: जांजगीर चांपा लोकसभा सीट पर पिछले तीन बार के हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को ही जीत मिली है. साल 2009 में कांग्रेस से शिवकुमार डहरिया ने चुनाव लड़ा था. भाजपा से कमला देवी पाटले उम्मीदवार थी. इस चुनाव में कमला देवी पाटले को 3 लाख 2 हजार 142 वोट मिले जबकि शिव कुमार डहरिया को 2 लाख 14 हजार 931 वोट मिले. साल 2014 में कांग्रेस ने प्रेम चंद जायसी को चुनाव मैदान में उतारा. भाजपा ने फिर से कमला देवी पाटले को प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद जायसी को चुनाव में 3 लाख 43 हजार 948 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी कमला देवी पाटले को 5 लाख 18 हजार 909 वोट मिले. इस तरह से 2014 में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. 2019 लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस ने रवि भारद्वाज और भाजपा से गुहाराम अजगल्ले चुनाव मैदान में रहे. रवि भारद्वाज को 4 लाख 89 हजार 535 वोट मिले और भाजपा प्रत्याशी गुहाराम अजगले को 5 लाख 72 हजार 790 वोट मिले. एक बार फिर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट में लगातार 3 बार भाजपा की जीत हुई. बात करें वोट प्रतिशत की तो तीनों ही बार कांग्रेस के वोट परसेंट में वृद्धि हुई है.
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट के चुनावी मुद्दे: बेरोजगारी यहां प्रमुख मुद्दा है. युवा सरकारी नौकरी के लिए भटक रहे हैं. हालांकि किसान और महिलाएं खुश नजर आ रही है. 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी होने से किसान संतुष्ट दिख रहे हैं. जांजगीर चांपा में किसान वोटर्स ज्यादा है. जिससे किसान वोटों का फायदा भाजपा को हो सकता है. महतारी वंदन योजना का असर भी महिला वोटर्स पर दिख रहा है.