जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा में सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. कलेक्टर आकाश छिकारा सुबह मतदान केंद्र पहुंचे और मतदान केंद्र की व्यवस्था का जायजा लिया. इसके बाद कलेक्टर ने पत्नी के साथ वोट डाला. नगर पालिका सीएमओ ने वोट डालने पहुंचे आम लोगों का तिलक लगाकर सम्मान किया. इस दौरान 94 वर्षीय महिला रामबाई यादव ने अपने बेटे और नाती नातिन के साथ वोट डाला. एसपी विवेक शुक्ला और उप जिला निर्वाचन अधिकारी निशा नेताम मंडावी ने भी किया मतदान. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट पर 63.08 फीसदी मतदान दर्ज किया गया.
कमलेश जांगड़े ने किया मतदान: जांजगीर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कमलेश जांगड़े ने मतदान किया. सक्ती के अपने ग्रह ग्राम मसनिया में भाजपा प्रत्याशी ने वोट डाला. मतदान के बाद भाजपा प्रत्याशी ने कहा- मोदी पर भरोसा जता रहे लोग. " भारी मतों से जीतने का किया दावा.
जांजगीर चांपा लोकसभा: कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया मैदान में हैं. जबकि बीजेपी ने कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है.
जांजगीर चांपा में पोलिंग बूथ : जांजगीर चांपा लोकसभा के वोटर्स की बात करें तो यहां आठ विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें जांजगीर, अकलतरा, पामगढ़, सक्ती, चंद्रपुर, जैजैपुर, बिलाईगढ़ और कसडोल शामिल हैं. इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में 2212 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. जांजगीर चांपा जिले के तीन विधानसभा अकलतरा में 235 बूथ, पामगढ़ में 214, जांजगीर चांपा में 220 बूथ हैं. सक्ती जिले में 3 विधानसभा सक्ती में 235, जैजैपुर में 270, चंद्रपुर में 260 बूथ है. वहीं, बलौदा बाजार जिले के कसडोल विधानसभा में 402 बूथ और सारंगढ बिलाईगढ़ जिले के बिलाईगढ़ में 376 बूथ कुल 2212 बूथ हैं.
जांजगीर चांपा में वोटर्स की संख्या : जांजगीर चांपा में विधानसभा में 20 लाख 50 हजार 468 मतदाता हैं. जिसमें 10 लाख 29 हजार 756 पुरुष मतदाता, 10 लाख 20 हजार 685 महिला मतदाता और 27 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं.
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट का इतिहास : जांजगीर चांपा लोकसभा के इतिहास की बात करें तो शुरुआती दौर में साल 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. लेकिन साल 1977 में इंदिरा विरोधी लहर में इस सीट पर बीएलडी ने जीत दर्ज की.इसके बाद 1980 और 1984 के चुनाव में फिर से इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया. 1989 के चुनाव में बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव ने इस लोकसभा पर जीत दर्ज की.इसके बाद हुए चुनाव में कभी कांग्रेस और कभी बीजेपी ने जीत दर्ज की.लेकिन 2000 में अलग राज्य बनने के बाद इस सीट पर फिर कभी कांग्रेस वापसी नहीं कर सकी.2004 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की करुणा शुक्ला ने इस सीट को जीता.इसके बाद लगातार दो बार कमला पाटले और फिर साल 2019 में बीजेपी के गुहाराम अजगले इस सीट पर विजयी रहे.