रायपुर : छत्तीसगढ़ समेत देश भर में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इस साल छत्तीसगढ़ सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस पर राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया है.
14 और 15 नवंबर को समारोह का आयोजन : राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 और 15 नवंबर 2024 को राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में यह दो दिवसीय कार्यक्रम कराया जा रहा है. इस समारोह में छत्तीसगढ़ समेत 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल शामिल होंगे, जो मन को मोह लेने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.
आज 5 राज्यों के नर्तक दल पहुंचे रायपुर : जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं. आज मंगलवार को अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, राजस्थान और सिक्किम के आदिवासी नर्तक दल रायपुर पहुंचे हैं.
इन राज्यों के आदिवासी नर्तक दल देंगे यह प्रस्तुति :
- अरूणाचल प्रदेश के नर्तक दल आदिलोक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे.
- उत्तराखंड के नर्तक दल झींझी, होली, हन्ना और दिया नृत्य की प्रस्तुति देंगे.
- तेलंगाना के नर्तक दल माथुरी जनजाति नृत्य की प्रस्तुति देंगे.
- राजस्थान के नर्तक दल वालर गरासिया गैर नृत्य की प्रस्तुति देंगे.
- सिक्किम के नृतक दल सुब्बा लोक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे.
नर्तक दलों की प्रस्तुति का टाइम टेबल : 14 नवंबर और 15 नवंबर को साइंस कॉलेज मैदान में दोपहर 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति शुरु होगी. इसके साथ साथ जनजातीय गौरव दिवस से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. जिसके बाद जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन भी होगा.
जनजातीय गौरव दिवस का महत्व : भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ भारत के कई क्षेत्रों में कई आदिवासी आंदोलन किए. उनके सम्मान में भारत सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर को हर साल "जनजातीय गौरव दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की है. जनजातीय गौरव दिवस मनाए जाने का एक उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव, वीरता, आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देना भी है.