जमुई : बिहार के जमुई पुलिस के लिए मिथिलेश मांझी एक अनसुलझी मिस्ट्री बन कर रह गया है. मिथिलेश मांझी को जमुई पुलिस ने पिछले दिनों जिले के सिकंदरा चौक से गिरफ्तार किया था. वर्दी में एक 20-22 साल के लड़के को देखकर पुलिस भी थोड़ी देर के लिए हैरान रह गई. लेकिन पूछताछ में पुलिस वर्दी में फर्जी आईपीएस ने जो कहानी सुनाई, वो वाकई चौंकाने वाली थी. बीते 15 दिनों में जांच के दौरान पुलिस को ऐसे सुराग हाथ लगे, जिससे पुलिस भी हैरान-परेशान है.
फर्जी IPS मिथिलेश तो खिलाड़ी निकला! : दरअसल, 20 सितंबर 2024 को एक युवक जमुई जिले के सिकंदरा थाना इलाके में पुलिस की वर्दी में बाइक पर गश्त लगा रहा था. इस दौरान वहां मौजूद लोगों की नजर इस युवक पर पड़ी. लोगों को शक हुआ तो किसी ने पुलिस को सूचना दी. सिकंदरा चौक पर जब पुलिस की एक टीम ने युवक को रोका और पूछताछ की तो उसने अपना नाम आईपीएएस मिथिलेश मांझी बताया. पुलिस उस युवक को थाने लेकर पहुंची.
'IPS अधिकारी हूं...' पुलिस का माथा घूमा : पूछताछ में युवक ने जो कुछ बताया थोड़ी देर के लिए पुलिस का माथा घूम गया. युवक ने बताया कि वो मैट्रिक पास है और लखीसराय जिले के हलसी थाना इलाके के गोवर्धनबीघा का रहने वाला है. पूछताछ में युवक ने बताया कि जमुई जिले के खैरा थाना क्षेत्र के मनोज सिंह नामक व्यक्ति से उसने 2.3 लाख रूपये में वर्दी खरीदी है.
''मनोज सिंह ने नौकरी दिलाने का भरोसा दिया. पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर 2.3 लाख मांगे. मैंने अपनी मां से पैसे मांगे. नहीं मिला तो मामा से 2 लाख कर्ज लेकर मनोज को दिया. उसके बाद उसने पुलिस की वर्दी दी और कहा कि जाओ तुम्हें ड्यूटी के लिए फोन आएगा.'' - मिथिलेश मांझी, आरोपी
जाओ अब तुम IPS हो...' : मिथिलेश मांझी के मुताबिक, मनोज ने उससे कहा कि एक दो दिन में उसे ज्वाइनिंग लेटर मिल जाएगा. उसकी ड्यूटी जमुई के खैरा थाने में लगेगी. इसके बाद मिथिलेश वर्दी लेकर सीधे अपने घर मां के पास पहुंचता है और मां को बताता है कि वो पुलिस अफसर बन गया है. शायद मिथिलेश को अंदेशा नहीं था कि आईपीएस होता क्या है?. हालांकि 24 घंटे के अंदर मुकेश सलाखों के अंदर पहुंच जाता है.
''वो मेरे पास आया और उसने कहा कि वो आईपीएस बन गया है. मिथिलेश पुलिस की वर्दी पहनकर आया था. मुझे नहीं पता कि उसने पैसे कहां से दिए. वो सच सच कुछ भी नहीं बताता है.'' - मिथिलेश मांझी की मां
फर्जी IPS की नकली स्टोरी : इस बीच मिशिलेश मांझी की स्टोरी सुनकर पुलिस उसे भी विक्टिम मानती है और उसे जुर्माना वसूलकर बेल पर छोड़ दिया जाता है. इधर मिथिलेश के बयान के आधार पर पुलिस मनोज सिंह की तलाश में जुट जाती है. इलाके के सभी मनोज सिंह को थाने बुलाया जाता है. लेकिन पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगता है
'एक मिलियन करवा दो, ऐसा खुलासा करूंगा..' : फिलहाल मिथिलेश मांझी बेल पर है. लेकिन यहां से उसकी किस्मत बदल गई है. वो सोशल मीडिया में छा गया. भोजपुरी एलबम में उसे रोल मिलने लगे. कई गाने उस पर बनाए गए और कई गानों में उसने एक्टिंग भी की है. इतना ही नहीं उसने 'IPS मिथिलेश' नाम से यूट्यूब पर चैनल भी शुरू कर दिया है. उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट में लोगों से फॉलोवर बढ़ाने की अपील की है.
''मेरा नाम मिथिलेश मांझी है. मैं फर्जी IPS के नाम से मशहूर हूं. अगर मेरे चैनल पर एक मिलियन सब्सक्राइवर करवा दोगे तो मैं ऐसा खुलासा करूंगा कि आप सबके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.'' - मिथिलेश मांझी, आरोपी (फर्जी आईपीएस)
शातिर निकला फर्जी IPS मिथिलेश मांझी : एक तरफ मिथिलेश मांझी पर भोजपुरी गानों की बरसात हो रही थी तो दूसरी तरफ जमुई पुलिस मिथिलेश की बातों की सच्चाई जानने में जुटी थी. पुलिस ने जब मिथिलेश के कॉल डिटेल को खंगाला तो पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे. जांच आगे बढ़ी तो चौंकाने वाला सच सामने आया. जुमई पुलिस की जांच में मिथिलेश की सारी बातें झूठी निकलीं. ऐसे में अब पुलिस को शक है कि मिथिलेश ने जान-बूझकर झूठी कहानी बताई होगी, जिससे पुलिस गुमराह हो जाए.
खुद सिलवाई थी वर्दी, नहीं हुई ठगी : वहीं जमुई एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि 20 सितंबर को एक एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में जांच शुरू की गई. मामले में कांड के अभियुक्त मिथिलेश कुमार की निशानदेही पर मनोज सिंह नाम के व्यक्ति, जिसके बारे में उसने बताया कि इसी शख्स ने उसे धोखा दिया है. जांच के दौरान हम लोगों ने मनोज सिंह नाम के व्यक्ति की जांच की. हम लोगों को उस इलाके में चार मनोज सिंह मिले. सभी की पहचान मिथिलेश से करवाई गई. लेकिन मिथिलेश ने किसी को नहीं पहचाना, जिससे उसने वर्दी ली थी.
''जांच के दौरान यह बात पता चला कि जिस दिन मिथिलेश के मुताबिक पैसा का लेन देन हुआ. उस दिन मिथिलेश का लोकेशन खैरा न होकर लखीसराय निकला. मामले में एक और बात सामने आई कि मिथिलेश द्वारा 2 लाख अपने मामा से लेने की बात बताई गई थी. लेकिन जब उसके मामा से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने दो लाख भुगतान की बात से इनकार किया.'' - सतीश सुमन, एसडीपीओ, जमुई
₹2 लाख में सीधे मिल गई IPS की वर्दी! : मिथिलेश द्वारा पूछताछ के दौरान 2 नंबर दिए गए थे. बताया गया था कि दोनों नंबर मनोज सिंह के है. लेकिन जांच के दौरान दोनों नंबर बंद मिले हैं. घटना में जो बात मिथिलेश ने बताई वो झूठी निकली. मिथिलेश धारा 35/3 के तहत अभी बेल पर है. जांच के दौरान आवश्यकता होगी तो पूछताछ की जाएगी. उसकी बातें झूठी निकली तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है. वहीं एसडीपीओ ने बताया कि ''अभी तक जो बात पता चली है उसमें वर्दी का नाप इसके (मिथिलेश मांझी) द्वारा खुद दिया गया था. वर्दी इसी के द्वारा सिलवाई गई होगी.''
सोशल मीडिया पर मिथिलेश का जलवा : दूसरी तरफ मिथलेश मांझी 'फेमस' होने के लिए मीडिया में लगातार बयान दे रहा है. पहले उसने कहा था कि अब वह आईपीएस नहीं बल्कि उजला कोर्ट यानी डॉक्टर बनना चाहता है. जब उससे पूछा गया कि डॉक्टर बनकर क्या करोगे?. तब उसने कहा था कि ''डॉक्टर बनकर लोगों को बचाएंगे.''
क्या फरार है मिथिलेश मांझी? : फिलहाल जमुई पुलिस इस बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही है. लेकिन मिथिलेश के पिता भगलु मांझी ने कहा कि, मेरे बेटे (मिथिलेश मांझी) को वर्दी किसने दी, किससे सिलवाया. इस बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता है.
''अगर ऐसा कुछ लगता तो मैं उसे यह सब करने से रोकता. अभी मिथिलेश कहां है इस बारे में नहीं पता है. लेकिन घर से निकलने से पहले उसने इतना जरूर कहा था कि वो शूटिंग करने पटना जा रहा है.'' - भगलु मांझी, मिथिलेश मांझी के पिता
आइये अब आपको बताते हैं कि आखिर पुलिस वर्दी को खरीदने के क्या नियम होते हैं? आप वर्दी का इस्तेमाल फिल्म या थियेटर में कर सकते हैं. लेकिन गलत काम के लिए अगर वर्दी का इस्तेमाल करते पकड़े गए तो कठोर से कठोर सजा हो सकती है. गलत मंशा से वर्दी (पुलिस, आर्मी, नेवी, एयरपोर्ट) पहनने पर IPC की धारी 140 और 171 के तहत कार्रवाई होगी. दोषी पाए जाने पर कम से कम 3 साल की सजा और 500 रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. |
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