नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद लगातार लोगों की राय और बयान सामने आ रहे हैं. जहां विपक्षी राजनीतिक पार्टियां बीजेपी को मिली कम सीट के लिए भाजपा की नीतियों और लोगों के हितों की बात नहीं करने को मान रहे हैं तो वहीं इसको लेकर गैर राजनीतिक आर्गेनाइजेशन के द्वारा भी बयान सामने आ रहे है. इस कड़ी में जमात-ए- इस्लामी हिन्द ने शनिवार को अपने मासिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि कि जो भाजपा की हार हुई है वह उनके विभाजन के नीतियों के कारण हुई है. देश की जनता ने ये बता दिया है कि वह देश में विभाजन की राजनीति पसंद नहीं करती हैं.
सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने कहा कि वह विभाजनकारी नीतियों को स्वीकार नहीं करेगी. भाजपा के द्वारा चुनाव के दौरान कई ऐसे मुद्दे उठाए गए जो विभाजनकारी थे, जिसके वजह से भाजपा को चुनाव में धक्का लगा है. उन्होंने कई जगहों पर अपनी सीट हारी है. इस दौरान हुसैनी ने भारत के मतदाताओं को बधाई भी दी और कहा कि भारत के मतदाताओं ने भारत के लोकतंत्र में अपनी आस्था व्यक्त की है और बड़ी संख्या में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल अपने प्रतिनिधियों को चुनने का काम किया है.
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उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरीके से विभाजनकारी भाषा का इस्तेमाल किया गया वह बहुत ही गलत था और जनता ने इस सब का जवाब दिया है. अब देश में भाजपा की सरकार नहीं बन रही है, बल्कि एनडीए की सरकार बन रही है. हमारे सामने जेडीयू और तेलुगू देशम पार्टी का घोषणा पत्र है और इन पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में बताया है कि वह धर्मनिरपेक्षता को मानते हैं और उसी के तहत अपना काम करेंगे. जब सरकार बन रही है तो हमें उम्मीद है कि कॉमन मिनिमम कार्यक्रम बनाकर सरकार चलाई जाएगी.
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