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रघुनाथपुर में जल विहार उत्सव पर भगवान रघुनाथ ने किया स्नान, देवता काली नाग जोड़ा नारायण ने भी की शिरकत - Jal Vihar Utsav

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Jun 19, 2024, 10:52 AM IST

कुल्लू जिले में रघुनाथपुर में एकादशी के दिन भगवान रघुनाथ को जल स्नान करवाया गया और धूमधाम से जल विहार उत्सव मनाया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने जल विहार उत्सव में शिरकत की और भगवान रघुनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया.

RAGHUNATHPUR JAL VIHAR FESTIVAL
रघुनाथपुर में मनाया गया जल विहार उत्सव (ETV Bharat)

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय रघुनाथपुर में एकादशी के दिन भगवान रघुनाथ के सम्मान में जल विहार उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर भगवान रघुनाथ ने जल में स्नान कर अपने भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान मणिकर्ण घाटी के आराध्य देवता काली नाग जोड़ा नारायण का देव रथ भी रघुनाथपुर पहुंचा और श्रद्धालुओं के द्वारा देवता का भी स्वागत किया गया.

कुल्लू के रघुनाथपुर में जल विहार उत्सव की धूम (ETV Bharat)

जल विहार उत्सव में भजन कीर्तन का आयोजन

देव प्रक्रिया पूरी करने के बाद भगवान रघुनाथ को मंदिर से बाहर निकाला गया और पुजारी द्वारा उनकी विधिवत पूजा अर्चना की गई. वहीं, इस दौरान भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे और श्रद्धालुओं के द्वारा दिन भर भजन कीर्तन का आयोजन किया गया. भगवान रघुनाथ के मंदिर में पुजारी द्वारा भगवान रघुनाथ, हनुमान, शालिग्राम सहित अन्य सभी मूर्तियों को स्नान कर उनका श्रृंगार किया गया. वहीं, इस जल विहार उत्सव के बाद बच्चों ने भी पानी के साथ खूब मस्ती की.

RAGHUNATHPUR JAL VIHAR FESTIVAL
भगवान रघुनाथ ने जल में किया स्नान (ETV Bharat)

स्नान के बाद वापस गर्भगृह में विराजे भगवान रघुनाथ

भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि भगवान रघुनाथ के मंदिर में जल विहार भी एक मुख्य उत्सवों में शामिल है. इसके अलावा भगवान रघुनाथ के मंदिर में दशहरा, बसंत, अन्नकूट, वन विहार भी मुख्य उत्सवों की तरह बनाए जाते हैं. भगवान रघुनाथ को जल विहार उत्सव के दिन उन्हें गर्भगृह से बाहर निकाला जाता है और जल विहार में स्नान करने के बाद भगवान रघुनाथ वापस अपने गर्भगृह में विराजमान हुए. जल विहार में प्रयोग में लिए गए जल को लोग चरण अमृत के तौर पर ले जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं के द्वारा विशेष उपवास किया जाता है और घाटी के लोगों की भगवान रघुनाथ के प्रति काफी श्रद्धा है.

RAGHUNATHPUR JAL VIHAR FESTIVAL
भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह भी रहे उपस्थित (ETV Bharat)

वहीं, जल विहार उत्सव देखने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि वो भगवान रघुनाथ के सभी प्रमुख उत्सवों में शामिल होते हैं और भगवान रघुनाथ का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. ऐसे में इस साल भी जल विहार उत्सव में उन्होंने भगवान रघुनाथ के दर्शन किए और सुख समृद्धि की कामना की.

ये भी पढे़ं: शिमला समर फेस्टिवल में दिखी हिमाचल संस्कृति की झलक, राजधानी में 250 महिलाओं ने एक साथ डाली नाटी

ये भी पढ़ें: शूलिनी मेले के लिए नगर निगम सोलन तैयार, 200 कर्मचारियों के साथ 11 गाड़ियां दिन रात संभालेंगी सफाई व्यवस्था

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय रघुनाथपुर में एकादशी के दिन भगवान रघुनाथ के सम्मान में जल विहार उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर भगवान रघुनाथ ने जल में स्नान कर अपने भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान मणिकर्ण घाटी के आराध्य देवता काली नाग जोड़ा नारायण का देव रथ भी रघुनाथपुर पहुंचा और श्रद्धालुओं के द्वारा देवता का भी स्वागत किया गया.

कुल्लू के रघुनाथपुर में जल विहार उत्सव की धूम (ETV Bharat)

जल विहार उत्सव में भजन कीर्तन का आयोजन

देव प्रक्रिया पूरी करने के बाद भगवान रघुनाथ को मंदिर से बाहर निकाला गया और पुजारी द्वारा उनकी विधिवत पूजा अर्चना की गई. वहीं, इस दौरान भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे और श्रद्धालुओं के द्वारा दिन भर भजन कीर्तन का आयोजन किया गया. भगवान रघुनाथ के मंदिर में पुजारी द्वारा भगवान रघुनाथ, हनुमान, शालिग्राम सहित अन्य सभी मूर्तियों को स्नान कर उनका श्रृंगार किया गया. वहीं, इस जल विहार उत्सव के बाद बच्चों ने भी पानी के साथ खूब मस्ती की.

RAGHUNATHPUR JAL VIHAR FESTIVAL
भगवान रघुनाथ ने जल में किया स्नान (ETV Bharat)

स्नान के बाद वापस गर्भगृह में विराजे भगवान रघुनाथ

भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि भगवान रघुनाथ के मंदिर में जल विहार भी एक मुख्य उत्सवों में शामिल है. इसके अलावा भगवान रघुनाथ के मंदिर में दशहरा, बसंत, अन्नकूट, वन विहार भी मुख्य उत्सवों की तरह बनाए जाते हैं. भगवान रघुनाथ को जल विहार उत्सव के दिन उन्हें गर्भगृह से बाहर निकाला जाता है और जल विहार में स्नान करने के बाद भगवान रघुनाथ वापस अपने गर्भगृह में विराजमान हुए. जल विहार में प्रयोग में लिए गए जल को लोग चरण अमृत के तौर पर ले जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं के द्वारा विशेष उपवास किया जाता है और घाटी के लोगों की भगवान रघुनाथ के प्रति काफी श्रद्धा है.

RAGHUNATHPUR JAL VIHAR FESTIVAL
भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह भी रहे उपस्थित (ETV Bharat)

वहीं, जल विहार उत्सव देखने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि वो भगवान रघुनाथ के सभी प्रमुख उत्सवों में शामिल होते हैं और भगवान रघुनाथ का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. ऐसे में इस साल भी जल विहार उत्सव में उन्होंने भगवान रघुनाथ के दर्शन किए और सुख समृद्धि की कामना की.

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Last Updated : Jun 19, 2024, 10:52 AM IST
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