हल्द्वानी: सरकारी विभागों के आम आदमी पर छोटे-छोटे बकायों पर भी नोटिस और आरसी की कार्रवाई कर राजस्व की वसूली की जाती है. लेकिन सरकारी विभाग अपने ही सरकारी विभाग का बकाया नहीं चुका पा रहे हैं. मामला नैनीताल जिले के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी का है.
पानी का बिल नहीं चुका रहे सरकारी विभाग: उत्तराखंड जल संस्थान आम आदमी से लेकर सरकारी विभागों को पेयजल की सप्लाई करता है. बात हल्द्वानी जल संस्थान की करें तो हल्द्वानी शहर के 11 ऐसे सरकारी विभाग हैं, जो जल संस्थान का 2 करोड़ 64 लाख रुपए का पानी पी कर उसका बिल नहीं चुका रहे हैं. ऐसे में अब जल संस्थान इनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.
करीब पौने 3 करोड़ पानी का बिल बकाया: अधिशासी अभियंता जल संस्थान हल्द्वानी आरएस लोशाली ने बताया कि हल्द्वानी जल संस्थान के अंतर्गत 11 ऐसे सरकारी विभाग हैं, जो बड़े वाकदारों में हैं. इन सरकारी विभागों पर 2 करोड़ 64 लाख रुपए बकाया है. सरकारी विभागों द्वारा पिछले कई सालों से बकाया भुगतान जमा नहीं कराया गया है. उन्होंने बताया कि बकाया वसूली के लिए बाकायदा सरकारी विभागों को नोटिस जारी किया जा रहा है. विभागों के साथ सामंजस्य बनाकर बिल जमा करने की जल्द कार्रवाई की जाएगी. बिल जमा नहीं किए जाने की स्थिति में आरसी की कार्रवाई की जाएगी.
ये सरकारी विभाग हैं जय संस्थान के बकाएदार: कुछ विभागों द्वारा बजट नहीं उपलब्ध होने का हवाला भी दिया गया है. बकाएदारों की सूची की बात करें तो हल्द्वानी नगर निगम और कालाढूंगी नगर पंचायत पर 91 लाख 27,933, कुमाऊं मंडल विकास निगम पर 4 लाख 79 हजार 538 रुपए, शिक्षा विभाग पर 30 लाख 56 हजार 880 रुपये, पुलिस विभाग पर 15 लाख 50 हजार 890 रुपए, स्वास्थ्य विभाग पर 26 लाख 52 हजार 610 रुपए, जिला प्रशासन और राजस्व विभाग पर 24 लाख 48 हजार ₹300, लोक निर्माण विभाग पर 62 लाख 82 हजार 790 रुपए, पशुपालन विभाग पर एक लाख 25,000 रुपए, परिवहन विभाग पर 1 लाख 43 हजार 560 रुपये, रेशम विभाग पर 3 लाख 80 हजार 475 रुपए और खादी ग्रामोद्योग विभाग पर 1 लाख 47 हजार रुपए का बकाया है.
जल संस्थान भेज रहा है नोटिस: गौरतलब है कि जल संस्थान वित्तीय संकट से जूझ रहा है. जल संस्थान के पास पैसा नहीं होने के चलते अपनी व्यवस्थाओं को ठीक नहीं कर पा रहा है. लेकिन सरकारी विभाग हैं कि जल संस्थान के पैसे को देने का नाम नहीं ले रहे हैं. जल संस्थान इन विभागों को लगातार नोटिस दे रहा है. विभाग के अधिकारी पानी तो पी रहे हैं, लेकिन उन्हें बिल का भुगतान करने की याद नहीं आ रही है. ऐसे में जल संस्थान कार्रवाई की बात कर रहा है.
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