देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी स्थित जल संस्थान मुख्यालय पर जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ का धरना 34 दिन से लगातार जारी है. अभी तक जल संस्थान कर्मियों की डिमांड पूरी नहीं हुई है. इसके विरोध में जल संस्थान कर्मियों ने गुरुवार 12 सितंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान किया है.
उत्तराखंड जल संस्थान में 20 से 25 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को सेवायोजन पोर्टल में समायोजित करने की मांग को लेकर संस्थान कर्मी लामबंद हैं. कर्मचारियों का कहना है कि पेयजल जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को बनाए रखने में उनका पूर्ण योगदान रहा है. साथ ही कोरोना काल की महामारी में भी कर्मचारियों ने जनता के बीच में अपना संपूर्ण योगदान दिया. लेकिन कर्मचारियों के बीच ठेकेदारी प्रथा को रखा गया है, जिससे उन्हें एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), एम्पलाइज स्टेट इंश्योरेंस (ईएसआई) का लाभ वर्षों से नहीं मिल पा रहा है.
जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर उनका धरना और क्रमिक अनशन मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय उत्तराखंड जल संस्थान नेहरू कॉलोनी में जारी है. उसके बाद भी उनकी मांगों को लेकर विभाग और सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं गई है.
उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि संगठन ने कैबिनेट मंत्रियों को अपनी समस्या से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा है. लेकिन किसी भी मंत्री ने उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इसके विरोध में 12 सितंबर को संगठन को मजबूर होकर पूर्व राज्य मंत्री और राज्य आंदोलनकारी हरिश्चंद्र पनेरू के आह्वान पर सचिवालय कूच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
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