जैसलमेर: जिले की साइबर थाना पुलिस ने सराहनीय कार्रवाई करते हुए 50 हजार रुपए के फ्रॉड का खुलासा किया और पीड़ित व्यक्ति को उसकी रकम वापस दिलवाने में सफलता पाई. मामला 18 जनवरी का है, जब सिलाई का काम करने वाले लीलाधर दैया के साथ ठगों ने धोखाधड़ी करते हुए उनके खाते से 50 हजार रुपए उड़ा लिए. लीलाधर ने तुरंत इस घटना की रिपोर्ट साइबर थाना में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर उसे राहत दिलाई.
पुलिस उपाधीक्षक रूपसिंह इंदा ने बताया कि पीड़ित लीलाधर दैया टेलरिंग का काम करता है. साइबर ठगों ने उसके मोबाइल से 50 हजार रुपए उड़ा लिए. जब उसे इसकी भनक लगी, वह साइबर थाने में आया और पुलिस को शिकायत की.
इंदा ने बताया कि इस शिकायत के बाद साइबर थाना निरीक्षक उगमराज सोनी और कांस्टेबल हनुवंत सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी. टीम ने साइबर ठगों के ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया और यह सुनिश्चित किया कि पैसे जिस खाते में ट्रांसफर हुए थे, उसे होल्ड कर दिया जाए. इसके बाद पुलिस ने बैंकों और संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया और अंत में लीलाधर के खाते में पूरे 50 हजार रुपए वापस आ गए. इस पर लीलाधर बहुत खुश हुआ.
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लीलाधर ने बताया कि पुलिस ने उनसे न तो कोई रिश्वत ली और न ही बदले में कुछ और मांग की. उसने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें पुलिस से इतनी मदद मिलेगी. लीलाधर ने यह भी बताया कि शिकायत दर्ज कराने के तुरंत बाद ही पुलिस टीम उनके लिए काम में जुट गई थी और उन्हें पूरा यकीन था कि उनकी रकम वापस मिल जाएगी. इस पूरे मामले में डिप्टी एसपी इंदा ने भी पुलिस टीम की तारीफ की और कहा कि यह घटना जैसलमेर पुलिस की मेहनत और प्रतिबद्धता का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक ने आमजन से यह अपील की कि साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर अविलम्ब 1930 पर शिकायत दर्ज करें और नजदीकी थाना पर जाकर रिपोर्ट करें. इस मामले में पीड़ित लीलाधर की सजगता भी काम आई. उसके मोबाइल से जैसे ही पैसे कटे, उसने आनलाइल पोर्टल 1930 पर शिकायत दर्ज कराई, जो शीघ्र ही साइबर थाने में पहुंच गई. इसके बाद वह खुद भी साइबर थाने पहुंच गए, जिससे पुलिस को राशि होल्ड कराने में मदद मिली.