जयपुर : शुक्रवार को राजधानी जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में अजमेर-जयपुर हाईवे पर एलपीजी टैंकर में ब्लास्ट हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो चुकी है. वहीं, एसएमएस अस्पताल में 25 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 15 से अधिक मरीजों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. इस मामल में भांकरोटा SHO मनीष गुप्ता ने FIR दर्ज की है. वहीं, सिंधी कैंप SHO को जांच की जिम्मेदारी मिली है. मामले को लेकर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने ADCP वेस्ट के नेतृत्व में SIT बनाने के निर्देश दिए हैं. इस हादसे में पूर्व आईएएस करणी सिंह राठौड़ की मौत हुई है. एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बेटियों के डीएनए जांच से ये पुष्टि हुई है.
राजस्थान FSL डायरेक्टर अजय शर्मा के अनुसार पहले मृतकों की संख्या 14 मानी जा रही थी, क्योंकि एक शव के जलने के बाद उसके दो टुकड़े हो गए थे. इसके चलते उन्हें दो अलग-अलग शव माना जा रहा था. FSL की ओर से की गई DNA जांच में इसकी पुष्टि हुई है.
रिटायर्ड आईएएस की मौत : इस हादसे में पूर्व आईएएस करणी सिंह राठौड़ की मौत हुई है. एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बेटियों के डीएनए जांच से ये पुष्टि हुई है. हादसे के दौरान जली हुई अवस्था में कार मिली थी. बताया जा रहा है कि भांकरोटा कृषि फार्म से सुबह शहर लौटते वक्त अग्निकांड की चपेट में कार आ गई थी. इस हादसे के दौरान रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह लापता थे. करणी सिंह सुबह हादसे वाली रोड से निकले थे और उसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ है. दरअसल, सुबह में अपने फार्म हाउस से घर लौट रहे थे, उनकी गाड़ी घटना स्थल पर पूरी तरह जली हुई पाई गई थी. पूर्व आईएएस अधिकारी के निधन की खबर से लूनासर (चुरू) में शोक की लहर दौड़ गई है. परिजनों ने कहा कि हमने परिवार का मजबूत स्तंभ खो दिया. यह घटना न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है.
डीएनए से होगी शिनाख्त : मामले को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं कर दी गई गईं थी. अभी भी कुछ मरीजों की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. एसएमएस अस्पताल में अभी तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1 मरीज की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई है. 11 मृतकों की पहचान हो चुकी है. अभी भी 2 शव ऐसे हैं, जिनके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है. इसके लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैम्पल लिए गए हैं. इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की भी मदद ली गई है, ताकि इन लोगों की पहचान की जा सके. एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
दो दोस्त बाल बाल बचे : हादसे में उदयपुर से जयपुर जा रही लेकसिटी ट्रेवल्स की एक स्लीपर बस भी जलकर राख हो गई. इस बस में सवार राजसमंद के दो युवक राजसमंद जिले के माेही निवासी जगदीश (30) पुत्र शंकर लाल रेगर और भवानीनगर, चौथी गली, कांकराेली, राजसमंद निवासी सुनील पुत्र (28) लेहरूलाल खटीक बाल-बाल बच गए. धमाके की आवाज सुनकर उन्होंने खिड़की से देखा तो चौतरफा आग की लपटें थी और उनकी बस भी आग के आगोश में आ रही थी. यह देखकर वे दौड़कर बाहर निकलने के प्रयास करने लगे, मगर बस का गेट लॉक हो गया. इस कारण दोनों युवकों ने खिड़की की ग्रील व कांच तोड़कर बाहर कूद गए. हादसे में दोनों युवकों के हाथ झुलस गए. आग की चपेट में आने के बाद कई लोग भागते हुए दिखाई दिए. कई लोगों के वाहनों में कंकाल भी मिले.
बस में सवार दोस्तों की ऐसे बची जान : जगदीश ने बताया कि जब वो जयपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर थे, तभी अचानक एक जोरदार धमाका हुआ और आसमान में आग की लपटें उठने लगीं. कुछ ही पलों में हमारी बस भी आग की चपेट में आ गई. सभी यात्री चीख-पुकार मचाने लगे. हमने अपनी जान बचाने के लिए बस की खिड़की तोड़ दी और बाहर छलांग लगा दी. आग की लपटों से बचते-बचाते जगदीश और सुनील एक खेत में जाकर खड़े हो गए. इस हादसे में उनके कपड़े जल गए और हाथ भी झुलस गए. उन्होंने बताया कि हमने किसी तरह अपने परिजनों को फोन करके इस हादसे की जानकारी दी. इसके बाद जयपुर में रहने वाले हमारे एक दोस्त रेलमगरा निवासी गिरीराज व्यास से संपर्क किया, जो मौके पर आकर मिला. वही उन्हें अस्पताल लेकर गया और उपचार भी करवाया.
डॉक्यूमेंट्स और मोबाइल सब जल गए : उन्होंने बताया कि अग्निकांड में कुछ सोचने समझने का समय नहीं था. उस वक्त सिर्फ खुद की जान बच जाए, यह भी बड़ी बात थी, इसलिए दस्तावेज, बैग, मोबाइल सब बस में ही रह गए, जो आग में जलकर राख हो गए. जगदीश और सुनील के सभी शैक्षिक, सह शैक्षिक दस्तावेज, मोबाइल व कपड़े जल गए. जगदीश ने बताया कि वह जूनियर एकाउंटेंट है. ज्यूनियर एकाउंटेंट डिग्री काे लेकर जयपुर वित्त भवन में काम हाेने से जयपुर गया था. जयपुर जाते समय वह अकेला था, इसलिए उसने अपने दोस्त सुनील को भी साथ ले लिया.
बता दें कि SMS अस्पताल के बर्न वार्ड में 25 लोगों का इलाज जारी, इनमें 10 मरीज 50 प्रतिशत झुलसे हैं और उनकी हालात गंभीर है. झुलसे मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है. हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है. हादसे में 40 से ज्यादा वाहन जलकर राख हुए हैं. इस हादसे में 40 गाड़ियां जल गई हैं.
इनकी हुई मौत :
- हरलाल पुत्र नानूराम निवासी ग्राम राजपुरा पिपराली सीकर
- अनीता मीणा पुत्री कन्हैया लाल मीणा निवासी ग्राम रोशनपुरा उर्फ बनेडिया तहसील मोजमाबाद
- शाहबुद्दीन पुत्र मोहम्मद शेख निवासी रायबरेली उत्तर प्रदेश
- राधेश्याम चौधरी पुत्र मोतीराम चौधरी निवासी ग्राम बाल गोविंदपुरा ठिकरिया अजमेर रोड जयपुर
- महेंद्र
- शाहिद पुत्र अब्दुल रहमान निवासी सूरजपोल उदयपुर
- फैजान पुत्र सलीम निवासी उदयपुर
- गोविंद
- राजू राम बबेरवाल पुत्र नाथूराम निवासी महरौली रिंगस श्री माधोपुर नीमकाथाना
- रिटायर्ड IAS करणी सिंह
- यूपी निवासी संजेश
ये था मामला : बताया जा रहा है कि एक टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था. दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने से वह वापस अजमेर की ओर यू-टर्न ले रहा था. इसी दौरान जयपुर से आ रहा ट्रक टैंकर से भिड़ गया. यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि तुरंत टैंकर में आग लग गई. इस हादसे के बाद तकरीबन 40 से अधिक वाहन आग की चपेट में आ गए, जिनमें से 29 ट्रक व टैंकर बताए जा रहे हैं, जबकि दो स्लीपर बस के अलावा अन्य कारें शामिल हैं.