जयपुर: राजधानी जयपुर में शुक्रवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना के साथ हुई, जिसने करीब 15 साल पहले 29 अक्टूबर 2009 में जयपुर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के डिपो में भीषण आग लगने के हादसे की याद दिला दी. भांकरोटा थाना इलाके में अजमेर हाईवे पर सीएनजी गैस के टैंकर में हुए धमाके में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 45 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिसमें कुछ की गंभीर हालत बनी हुई है.
इस हादसे के चश्मदीद बताते हैं कि बहुत ही भयंकर मंजर था. सुबह के समय लोग गाड़ियों में ही नींद ले रहे थे, लेकिन अचानक ब्लास्ट होने के बाद चीख-पुकार मच गई. चारों तरफ आग ही आग नजर आ रही थी. कई लोगों ने बस से कूदकर जान बचाई. कई अंदर ही फंसकर जल गए.
चश्मदीद मोहनलाल ने बताया कि शुक्रवार को सुबह करीब 5 से 5:30 बजे अपने भांजे और रिश्तेदार को छोड़ने के लिए जा रहा था. उन्हें महापुरा मोड़ छोड़ने के बाद वापस लौट रहा था. 500 मीटर दूर जाने के बाद हादसा हो गया. उनमें से कम घायल एक रिश्तेदार का फोन आया, तो मैं वापस भाग कर मौके पर पहुंचा. एक रिश्तेदार का मुंह और शरीर जल गया था, जिसे हमने एसएसएस अस्पताल पहुंचाया. दूसरे को भी अस्पताल पहुंचाया. मौके पर बहुत बुरे हालात थे. गाड़ियां जल रही थीं, लोग चिल्ला रहे थे. पटाखे छूटने जैसा माहौल हो रहा था. दोनों रिश्तेदार ट्रक में बैठे थे. पहले धुंआ हुआ और फिर आग लग गई.
प्रत्यक्षदर्शी सुनील ने बताया कि वह राजसमंद से बस में बैठकर जयपुर आ रहे थे. हमारे एजुकेशन के डाक्यूमेंट्स बस में ही रखे हुए थे. शुक्रवार सुबह अचानक ब्लास्ट हुआ, जब देखा तो चारों तरफ आग ही आग नजर आ रही थी. बस के अंदर भी आग पहुंच चुकी थी. डॉक्यूमेंट भी आग में जल गए. जब बाहर निकलने का प्रयास किया तो बस का मेन गेट लॉक हो गया. बस की खिड़की का कांच तोड़कर बाहर कूदकर अपनी जान बचाई. इस दौरान आग की लपटों से शरीर कई जगह से झुलस गया. बस में मौजूद कई लोग कूदकर बाहर निकले, लेकिन कई लोग बस के अंदर ही फंस गए, जो आग की चपेट में आकर जल गए, जिनमें से कुछ लोगों की मौत भी हो गई.
अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया था. कई लोग गाड़ियों में फंस गए, जिन्हें हम लोगों ने गाड़ियों से बाहर निकाल कर उनकी जान बचाई. कई लोग गाड़ियों के अंदर ही जल गए. मौके पर मौजूद लोगों ने गाड़ियों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन फिर भी कई लोग जल गए, क्योंकि जाम लगने से गाड़ियां आगे पीछे भी नहीं हो पा रही थी. सुबह के समय कई लोग गाड़ियों में ही सो रहे थे. अचानक हादसे के बाद लोगों की आंखे खुलीं.
बता दें कि शुक्रवार सुबह भांकरोटा थाना इलाके में अजमेर रोड पर सीएनजी गैस से भरा ट्रक टर्न ले रहा था. अचानक दूसरे ट्रक में टक्कर मार दी, जिसके बाद गैस ने लीकेज होकर आग पकड़ ली और जबरदस्त ब्लास्ट हो गया. आसपास मौजूद बस, ट्रक और अन्य गाड़ियां भी आग की चपेट में आ गईं. करीब 50 गाड़ियां जलकर खाक हो गईं और करीब 45 लोग घायल हो गए, जिनमें अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 15 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायलों का सवाई मानसिक अस्पताल में इलाज चल रहा है. अजमेर हाईवे पर वाहनों का लंबा जाम लग गया. हादसे के बाद पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत सरकार के कई मंत्री भी मौके पर पहुंचे. मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के बाद हाईवे पर जली हुई गाड़ियों को क्रेन की सहायता से साइड में किया जा रहा है.
पोटली में बांधकर लाया गया ट्रक ड्राइवर का शव : हादसे में आग से जलकर कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. ट्रक चालक के शव के अवशेष पोटली में डालकर सवाई मानसिंह अस्पताल लाया गया. ट्रक ड्राइवर के शव के अवशेष एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अजमेर हाईवे पर गैस टैंकर में आग लगने की घटना में हुई जनहानि बहुत ही दुखद है. सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है. घायलों के समुचित और त्वरित इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
15 घंटे बाद चालू हुआ ट्रैफिक : हालांकि, काफी मशक्कत के बाद रात में 15 घंटे बाद ट्रैफिक सुचारू रूप से चालू किया गया, लेकिन अभी भी मौके पर पुलिस के आला अधिकारी और कई थानों के SHO सहित अन्य लोग मौजूद हैं. ट्रैफिक पुलिस के जवान सहित अन्य अधिकारी ट्रैफिक को सुचारू करवाने में जुटे रहे. वहीं, दमकल की गाड़ियों को मौके पर खड़ा रखा गया है. जेसीबी और क्रेन भी मौके पर रिजर्व में रखी गईं हैं.