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राज्य सरकार को 5 हजार रुपए हर्जाने की शर्त पर मिली तीन गवाहों की दोबारा बयान की दी मंजूरी - Jaipur Serial Blast

Jaipur Serial Blast Special Court , जयपुर बम धमाकों की विशेष अदालत ने राज्य सरकार को तीन गवाहों की दोबारा बयान की मंजूरी 5 हजार रुपए हर्जाने की शर्त पर दी है.

जयपुर बम धमाकों की विशेष अदालत
जयपुर बम धमाकों की विशेष अदालत (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 9, 2024, 8:46 PM IST

जयपुर. जयपुर बम धमाकों की विशेष अदालत ने वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम के मामले में राज्य सरकार को तीन गवाहों बयान की मंजूरी 5 हजार रुपए हर्जाने की शर्त पर दी है. कोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार के प्रार्थना पत्रों पर दिए. कोर्ट ने जिन गवाहों की मुख्य परीक्षा (बयान) की मंजूरी दी है, उनमें दिल्ली की स्पेशल सेल के तत्कालीन एसीपी संजीव कुमार यादव, मौजूदा एसीपी राहुल कुमार सिंह व इंस्पेक्टर रविन्द्र सिंह त्यागी शामिल हैं.

राज्य सरकार ने प्रार्थना पत्रों में कहा कि ये गवाह इस मामले से जुड़े पूरक आरोप पत्र के साक्षी हैं और उनसे संबंधित दस्तावेजों को प्रदर्शन करवाना है. ऐसे में उन्हें मुख्य परीक्षा (बयान) के लिए बुलवाए जाने की मंजूरी दी जाए. इसके विरोध में आरोपियों के अधिवक्ता मिनहाजुल हक ने कहा कि राज्य सरकार ने इस केस में दस साल बाद चालान पेश किया है.

पढ़ें. Rajasthan : जयपुर जिंदा बम प्रकरण में नाबालिग आरोपी को जमानत देने से राजस्थान हाईकोर्ट का इनकार

उन्होंने कहा कि आरोपियों के न्यायिक हिरासत में होते हुए भी इतने सालों में भी न तो उनसे पूछताछ की गई और न ही गिरफ्तार किया गया था. राज्य सरकार ने जिन गवाहों से मुख्य परीक्षा (बयान) कर ली है, अब दोबारा इसकी जरूरत नहीं है और इससे केस की ट्रायल में देरी होगी. ऐसे में राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर राज्य सरकार को 5 हजार रुपए हर्जाने की शर्त पर तीनों गवाहों की मुख्य परीक्षा (बयान) करवाने की मंजूरी दी है.

जयपुर. जयपुर बम धमाकों की विशेष अदालत ने वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम के मामले में राज्य सरकार को तीन गवाहों बयान की मंजूरी 5 हजार रुपए हर्जाने की शर्त पर दी है. कोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार के प्रार्थना पत्रों पर दिए. कोर्ट ने जिन गवाहों की मुख्य परीक्षा (बयान) की मंजूरी दी है, उनमें दिल्ली की स्पेशल सेल के तत्कालीन एसीपी संजीव कुमार यादव, मौजूदा एसीपी राहुल कुमार सिंह व इंस्पेक्टर रविन्द्र सिंह त्यागी शामिल हैं.

राज्य सरकार ने प्रार्थना पत्रों में कहा कि ये गवाह इस मामले से जुड़े पूरक आरोप पत्र के साक्षी हैं और उनसे संबंधित दस्तावेजों को प्रदर्शन करवाना है. ऐसे में उन्हें मुख्य परीक्षा (बयान) के लिए बुलवाए जाने की मंजूरी दी जाए. इसके विरोध में आरोपियों के अधिवक्ता मिनहाजुल हक ने कहा कि राज्य सरकार ने इस केस में दस साल बाद चालान पेश किया है.

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उन्होंने कहा कि आरोपियों के न्यायिक हिरासत में होते हुए भी इतने सालों में भी न तो उनसे पूछताछ की गई और न ही गिरफ्तार किया गया था. राज्य सरकार ने जिन गवाहों से मुख्य परीक्षा (बयान) कर ली है, अब दोबारा इसकी जरूरत नहीं है और इससे केस की ट्रायल में देरी होगी. ऐसे में राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर राज्य सरकार को 5 हजार रुपए हर्जाने की शर्त पर तीनों गवाहों की मुख्य परीक्षा (बयान) करवाने की मंजूरी दी है.

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