जयपुर. रामनगरिया थाना पुलिस ने साइबर ठग गिरोह का खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरोह ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे की अवैध रकम का लेनदेन करता था. थाना पुलिस ने यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच की सूचना पर की. आरोपी बैंकों में फर्जी खाते खुलवाकर साइबर ठगी करते थे. गिरोह ने 733 फर्जी बैंक खाते से करोड़ों की हेराफेरी की गई. आरोपियों के कब्जे से 18 बैंक खातों के आवेदन फॉर्म, पांच चेक बुक, दो बायोमैट्रिक मशीन, चार ओटीजी, 34 सिम, 7 आधार कार्ड, 32 क्रेडिट और डेबिट कार्ड जब्त किए हैं.
एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने बताया कि गिरोह के दो मुख्य आरोपियों सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की ओर से 733 फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाए गए थे. इसमें करोड़ों रुपए की अवैध रकम ट्रांसफर की गई. उन्होंने बताया कि पुलिस ने फर्जी बैंक खातों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड, चैक बुक, पासबुक का संचालन करने वाले गैंग के मुखिया कालवाड़ रोड हाथोज निवासी योगी कृष्ण सोनी, न्यू सांगानेर रोड सोडाला निवासी संदीप बागड़ा उर्फ सैंडी, फर्जी बैंक खाता खोलने वाले टोडाभीम हाल जगतपुरा निवासी आरोपी राजेंद्र कुमार मीणा, सुरेश कुमार मीणा और इनके अकाउंट्स संभालने वाले जगतपुरा निवासी आरोपी लक्ष्य जैन को गिरफ्तार किया है.
डीआईजी क्राइम योगेश यादव और एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश के सुपरविजन में पुलिस निरीक्षक राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में गठित टीम के सदस्य कांस्टेबल गंगाराम को गोपनीय जानकारी मिली कि जगतपुरा स्थित रॉयल प्लेटेनियम अपार्टमेंट के फ्लैट में रह रहे युवक फर्जी तरीके से बैंक खाता खोल उन्हें कमीशन के बदले साइबर ठगों को उपलब्ध करा रहे हैं. क्राइम ब्रांच की टीम ने इस सूचना से रामनगरिया थाना पुलिस को अवगत कराया. रामनगरिया थाना पुलिस ने रॉयल प्लेटेनियम अपार्टमेंट के एक फ्लैट में दबिश दी. यहां आरोपी राजेंद्र कुमार मीना और सुरेश कुमार मीना मिले. फ्लैट से पुलिस ने 18 बैंक खातों के आवेदन फॉर्म, पांच चेक बुक, दो बायोमैट्रिक मशीन, चार ओटीजी, 34 सिम, 7 आधार कार्ड, 32 क्रेडिट और डेबिट कार्ड बरामद किए.
फर्जी अकाउंट के बदले 20 हजार तक मिलता था कमीशन: प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी राजेंद्र और सुरेश ने बताया कि पहले उनकी जानकारी योगीकृष्ण सोनी से हुई थी, जो फर्जी बैंक अकाउंट खोलने के बदले 5 हजार दिया करता था. इसमें से 3 हजार अपने पास रखकर बाकी 2 हजार रुपए अकाउंट होल्डर को दे देते थे. इसके बाद उनकी जानकारी संदीप बागड़ा उर्फ सेंडी से हुई जो एक बैंक खाते के 20 हजार तक देता था. फर्जी बैंक अकाउंट में मोबाइल नम्बर और पता अपना देते थे.
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रिश्तेदारों के नाम खोले फर्जी खाते: प्रारंभ में आरोपियों ने अपनी पत्नी, यार-दोस्तों और रिश्तेदारों के फर्जी अकाउंट खोले.उसके बाद गरीब तबके के व्यक्तियों को पैसों का लालच देकर विभिन्न बैंकों में उनके अकाउंट खुलवाए. फर्जी एकाउंट खोलते समय बैंक खाते में मोबाइल नंबर और पता योगी कृष्ण सोनी और संदीप बागड़ा का होता था. इस वजह से एटीएम चैक बुक पासबुक की डिलीवरी इनके बताये पते पर ही होती थी.
मिला करोड़ों का लेनदेन: एडीजी उपलब्ध कराए गए बैंक खातों और उन बैंक खातों में लेनदेन का रिकॉर्ड लक्ष्य जैन किया करता था. सूचना पर पुलिस ने आरोपी लक्ष्य जैन को उसके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया. लक्ष्य के घर मिले लैपटॉप में 733 फर्जी बैंक खातों की डिटेल प्राप्त हुई है. बाद में मुख्य दोनों आरोपी योगी कृष्ण सोनी और संदीप बागड़ा उर्फ सैंडी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों मुख्य आरोपी अन्य शहरों में भी कमीशन के बदले बैंक खाता उपलब्ध करवाने वाले के कांटेक्ट में थे, जिसकी जांच की जा रही है.