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कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्तों को सुनाई बीस साल की सजा

जयपुर पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्तों को 20 साल की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

POCSO COURT SENTENCED,  ACCUSED WHO RAPED A MINOR
अभियुक्तों को सुनाई बीस साल की सजा. (ETV Bharat jaipur)

जयपुरः पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने 15 वर्षीय पीड़िता को ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले अभियुक्तों मोनू, किशन उर्फ कृष्णा, रामलखन और रोहित को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल 6.60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी हेमराज गौड़ ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने न सिर्फ नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसे आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर किया. अभियुक्तों के कृत्य को देखते हुए उनके साथ नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि 10वीं कक्षा की छात्रा पीड़िता ने 13 अक्टूबर, 2022 को जयपुरिया अस्पताल में पुलिस को पर्चा बयान दिया था. पर्चा बयान में पीड़िता ने बताया कि अभियुक्त उसे 16 अगस्त को एक गेस्ट हाउस ले गए थे, जहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान अभियुक्तों ने उसके अश्लील वीडियो बना लिए.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने शादी का झांसा देकर देह शोषण करने वाले अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा

वहीं, बाद में अभियुक्त अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उससे साठ हजार रुपए भी हड़प लिए. ऐसे में उनसे पीछा छुड़ाने के लिए उसने चींटी मारने का पाउडर खा लिया. पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. दूसरी ओर अभियुक्तों ने अपने आप को बेगुनाह बताते हुए प्रकरण में झूठा फंसाने की दलील दी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्तों को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

जयपुरः पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने 15 वर्षीय पीड़िता को ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले अभियुक्तों मोनू, किशन उर्फ कृष्णा, रामलखन और रोहित को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल 6.60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी हेमराज गौड़ ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने न सिर्फ नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसे आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर किया. अभियुक्तों के कृत्य को देखते हुए उनके साथ नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि 10वीं कक्षा की छात्रा पीड़िता ने 13 अक्टूबर, 2022 को जयपुरिया अस्पताल में पुलिस को पर्चा बयान दिया था. पर्चा बयान में पीड़िता ने बताया कि अभियुक्त उसे 16 अगस्त को एक गेस्ट हाउस ले गए थे, जहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान अभियुक्तों ने उसके अश्लील वीडियो बना लिए.

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वहीं, बाद में अभियुक्त अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उससे साठ हजार रुपए भी हड़प लिए. ऐसे में उनसे पीछा छुड़ाने के लिए उसने चींटी मारने का पाउडर खा लिया. पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. दूसरी ओर अभियुक्तों ने अपने आप को बेगुनाह बताते हुए प्रकरण में झूठा फंसाने की दलील दी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्तों को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

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