जयपुर. राजधानी जयपुर मेट्रो के अब अच्छे दिन आने को है. जहां मेट्रो रेल के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ 50-50 की भागीदारी को लेकर ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनेगी. केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद मेट्रो फेज-2 की डीपीआर को अपडेट करने का काम भी शुरू किया जाएगा.
राजधानी जयपुर में पहले फेज-1 ए पार्ट के तहत मानसरोवर से चांदपोल और फिर फेज- 1 बी पार्ट चांदपोल से बड़ी चौपड़ भूमिगत मेट्रो संचालित की गई. जिसके चलते शहरवासियों को मानसरोवर से परकोटे तक आने-जाने का कम समय में आसान साधन मिला और फिर मेट्रो फेज- 1 सी पार्ट यानी बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर का काम शुरू किया गया. जिसे मौजूदा सरकार ने रोक दिया. ऐसा माना जा रहा है की डीपीआर में इस रूट के यात्री भार की समीक्षा होगी और उसके बाद काम दोबारा शुरू किया जाएगा. इस बीच जयपुर वासियों को केंद्र से खुशखबरी मिली है. मेट्रो फेज-2 की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर को अपडेट करने से लेकर नए रूट की तलाश का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसे डीपीआर के आधार पर जयपुर में मेट्रो ट्रेन का रूट बढ़ने की संभावना है.
इस संबंध में मेट्रो सीएमडी वैभव गालरिया ने बताया कि डीपीआर के लिए जयपुर मेट्रो ने 4.69 करोड़ का कार्यादेश भी जारी कर दिया है. ये पैसा राज्य सरकार को खर्च नहीं करना होगा. ये पैसा केंद्र सरकार देगी जिस फर्म से अनुबंध किया गया है, उसे 4 महीने में 2020 में बनी डीपीआर को अपडेट करना है और नए मार्गों की तलाश करनी है. इसके साथ ही पुराने रूट की ट्रैफिक स्टडी भी की जाएगी. डीपीआर अपग्रेडेशन के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और वहां से स्वीकृति मिलने के बाद कार्यादेश जारी किया जाएगा.
आपको बता दें कि मेट्रो फेज-2 में टोंक रोड के साथ सीतापुरा और अंबाबाड़ी से होते हुए विद्याधर नगर तक ले जाने की प्लानिंग है और सभी मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग व्यवस्था को लेकर डीपीआर अपडेट की जाएगी. इसके साथ ही बड़ी चौपड़ से सांगानेरी गेट होते हुए रामनिवास बाग तक, ट्रांसपोर्ट नगर से सांगानेरी गेट तक और मानसरोवर से सांगानेर पुलिस स्टेशन होते हुए हवाई अड्डे तक के प्लान पर भी संभावनाएं तलाश की जाएंगी.