जयपुर. जयपुर ग्रेटर की प्रथम नागरिक महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर का नाम एक बार फिर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. 22 जनवरी को जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर आयोजित रामोत्सव में राम मंदिर की सबसे बड़ी लकड़ी की प्रतिकृति बनाने पर मेयर को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के खिताब से नवाजा गया है.
बंगाल से आए 150 कारीगरों ने तैयार किया था : 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. उस दिन जयपुर में भी अयोध्या सा जश्न देखने को मिला था. पूरा शहर भगवा रोशनी से नहाया हुआ था और आसमान में जमकर आतिशबाजी हुई थी. वहीं, जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर हुए रामोत्सव में लकड़ी के भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई थी, जिसे बंगाल से आए 150 कारीगरों ने तैयार किया था. इस आयोजन के दौरान 300 ड्रोन से हवा में भगवान श्रीराम का प्रारूप भी बनाया गया था और सवा लाख दीपकों से महाआरती की गई थी.
जयपुर के लिए गर्व का विषय : इस आयोजन के दौरान राम मंदिर की जो वुडन रिप्लिका बनाई गई, उसे अब गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है. इसका प्रमाण पत्र सोमवार को महापौर सौम्या गुर्जर को दिया गया. इस संबंध में सौम्या गुर्जर ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को हुए रामोत्सव कार्यक्रम में भव्य राम मंदिर की 35X30 फीट ऊंची प्रतिकृति बनाई गई थी, जिसके लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम की ओर से दिया गया है. उन्होंने बताया कि ये आयोजन पहले ही इतना भव्य हुआ था कि आज भी लोगों के जहन में रचा-बसा हुआ है. अब इस आयोजन में शामिल हुई श्री राम मंदिर की वुडन रिप्लिका को भी वर्ल्ड लेवल पर रिकॉग्नाइज किया गया है, जो जयपुर के लिए गर्व का विषय है. आपको बता दें कि इससे पहले भी महापौर सौम्या गुर्जर को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का सम्मान मिल चुका है. बीते महीने महापौर को 2 मार्च से 4 मार्च तक आयोजित किए गए कार्यक्रम में 'एक चिट्ठी मोदी जी के नाम' स्टॉल पर 50 हजार से ज्यादा चिट्ठियां महिलाओं की ओर से लिखे जाने पर ये खिताब दिया गया था.