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अब फाइल खोने का नहीं बनाया जा सकेगा बहाना, ई-फाइलिंग शुरू करने वाला पहला निकाय बना नगर निगम ग्रेटर - Greater Municipal Corporation

E-filing started in Jaipur Municipal Corporation Greater, जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में ई-फाइलिंग के शुरू होने से अब किसी भी फाइल को खोजना आसान हो जाएगा. वहीं, ग्रेटर नगर निगम प्रदेश का पहला ऐसा नगरीय निकाय बन गया है, जहां पर ई फाइलिंग सिस्टम शुरू किया गया है.

E-filing started in Jaipur Municipal Corporation Greater
E-filing started in Jaipur Municipal Corporation Greater
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 20, 2024, 8:38 PM IST

ग्रेटर नगर निगम की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर

जयपुर. जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में अब फाइल खो जाने का बहाना नहीं बनाया जा सकेगा और फाइल किस टेबल पर है इसे भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा. वहीं, ग्रेटर नगर निगम प्रदेश का पहला ऐसा नगरीय निकाय बन गया है, जहां पर ई फाइलिंग सिस्टम शुरू किया गया है. फिलहाल यह व्यवस्था इन हाउस शुरू की गई है, जिसकी मॉनिटरिंग सीएम और सीएस भी कर सकेंगे. साथ ही जल्द आम जनता भी घर बैठे अपनी फाइलों को ट्रैक कर सकेगी.

ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने मंगलवार को राजकाज ई-फाइलिंग की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि ई-फाइलिंग के जरिए कार्य जल्द और सुचारू रूप से होगा. 15 फरवरी से निगम में राजकाज ई-फाईलिंग के जरिए फाइलों को भेजना शुरू कर दिया गया था और ऑफलाइन मोड पर पत्रावली लेना बंद कर दिया गया है. इस प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें - मुख्य सचिव सुधांश पंत का ग्रेटर निगम में औचक निरीक्षण, पेंडिंग फाइलों और उपस्थिति रजिस्टर को टटोला

महापौर ने बताया कि ई-फाईलिंग सिस्टम शुरू करने से पहले अधिकारियों और कर्मचारियों को 3 दिन प्रशिक्षण भी दिया गया था. ऐसे में अब फाइलों के निस्तारण की गति बढ़ेगी और अधिकारी-कर्मचारी किसी तरह का बहाना भी नहीं बना सकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ये पहला नगरीय निकाय है, जहां ई-फाइलिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है. खुद उन्होंने भी ई फाइलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए उनकी टेबल तक पहुंचने वाली फाइलों को निस्तारित किया है. यही नहीं अधिकारी एसएसओ आईडी का इस्तेमाल करते हुए आवश्यकता पड़ने पर किसी भी जगह से फाइलों को निस्तारित कर सकेंगे.

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को तीन चरणों में अंतिम रूप दिया जाएगा. पहले चरण में सभी पत्रावलियों को ई-फाइलिंग किया जा रहा है और इन हाउस अधिकारी इसका इस्तेमाल करेंगे. इससे निगम में आने वाली फाइल और पत्रावली खो जाने की शिकायत का भी समाधान होगा और ट्रैक भी किया जा सकेगा कि आखिर फाइल किस टेबल पर है. खास बात ये है कि इस राजकाज पोर्टल पर जोड़ा गया है. जिसे मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तक निगरानी रख सकेंगे.

इसे भी पढ़ें - पहला नगरी निकाय जहां बना शिशु पालना गृह, अब कामकाजी महिलाओं के काम के आड़े नहीं आएगा मातृत्व

उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑफिस मॉनिटरिंग के लिए ये व्यवस्था शुरू हो चुकी है. जल्द आम जनता को भी अपनी फाइल ट्रैक करने की व्यवस्था विकसित कर दी जाएगी. इससे निगम पेपर वर्क फ्री होगा. ये कदम पर्यावरण संतुलन में भी अपनी भूमिका निभाएगा.

ग्रेटर नगर निगम की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर

जयपुर. जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में अब फाइल खो जाने का बहाना नहीं बनाया जा सकेगा और फाइल किस टेबल पर है इसे भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा. वहीं, ग्रेटर नगर निगम प्रदेश का पहला ऐसा नगरीय निकाय बन गया है, जहां पर ई फाइलिंग सिस्टम शुरू किया गया है. फिलहाल यह व्यवस्था इन हाउस शुरू की गई है, जिसकी मॉनिटरिंग सीएम और सीएस भी कर सकेंगे. साथ ही जल्द आम जनता भी घर बैठे अपनी फाइलों को ट्रैक कर सकेगी.

ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने मंगलवार को राजकाज ई-फाइलिंग की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि ई-फाइलिंग के जरिए कार्य जल्द और सुचारू रूप से होगा. 15 फरवरी से निगम में राजकाज ई-फाईलिंग के जरिए फाइलों को भेजना शुरू कर दिया गया था और ऑफलाइन मोड पर पत्रावली लेना बंद कर दिया गया है. इस प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिल सकेगा.

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महापौर ने बताया कि ई-फाईलिंग सिस्टम शुरू करने से पहले अधिकारियों और कर्मचारियों को 3 दिन प्रशिक्षण भी दिया गया था. ऐसे में अब फाइलों के निस्तारण की गति बढ़ेगी और अधिकारी-कर्मचारी किसी तरह का बहाना भी नहीं बना सकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ये पहला नगरीय निकाय है, जहां ई-फाइलिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है. खुद उन्होंने भी ई फाइलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए उनकी टेबल तक पहुंचने वाली फाइलों को निस्तारित किया है. यही नहीं अधिकारी एसएसओ आईडी का इस्तेमाल करते हुए आवश्यकता पड़ने पर किसी भी जगह से फाइलों को निस्तारित कर सकेंगे.

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को तीन चरणों में अंतिम रूप दिया जाएगा. पहले चरण में सभी पत्रावलियों को ई-फाइलिंग किया जा रहा है और इन हाउस अधिकारी इसका इस्तेमाल करेंगे. इससे निगम में आने वाली फाइल और पत्रावली खो जाने की शिकायत का भी समाधान होगा और ट्रैक भी किया जा सकेगा कि आखिर फाइल किस टेबल पर है. खास बात ये है कि इस राजकाज पोर्टल पर जोड़ा गया है. जिसे मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तक निगरानी रख सकेंगे.

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उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑफिस मॉनिटरिंग के लिए ये व्यवस्था शुरू हो चुकी है. जल्द आम जनता को भी अपनी फाइल ट्रैक करने की व्यवस्था विकसित कर दी जाएगी. इससे निगम पेपर वर्क फ्री होगा. ये कदम पर्यावरण संतुलन में भी अपनी भूमिका निभाएगा.

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