जयपुर. सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, एनडीआरफ और आर्मी ने रविवार को पानी में फंसे ग्रामीणों को बचाने के लिए मॉक ड्रिल किया. इस दौरान चारों टीमों ने संयुक्त प्रयास कर ग्रामीणों की जान बचाई. अलग-अलग एजेंसी के को-ऑर्डिनेशन और क्षमता का आकलन करने के लिए दूदू के एक गांव में यह मॉक ड्रिल किया गया. आपदा प्रबंधन के समय जिस तरह से काम किया जाता है, ठीक उसी तरह से इस मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया.
जिला कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में रविवार को सूचना मिली कि दूदू के गांव खोडियाल में भारी बारिश होने से जगह-जगह टापू बन गए हैं. बारिश के दौरान नाव पलटने से कुछ भी ग्रामीण लापता हो गए. ये सभी नाव में सवार होकर रास्ता पार कर रहे थे. सूचना पर नागरिक सुरक्षा बचाव दल को घटनास्थल पर रवाना किया गया. टीम में यहां पहुंचकर रेस्क्यू कर पांच लोगों को डूबने से बचाया, अन्य ग्रामीणों की तलाश जारी रही. लगातार हो रही बारिश को देखते हुए ग्रामीणों को बचाने के लिए एसडीआरएफ टीम को बुलाया गया.
एसडीआरएफ टीम ने स्कूबा सेट की मदद से दो रिकवरी की, किन्तु दो अन्य लोग अभी भी लापता थे. बारिश तेज होने से रिकवरी में परेशानी आ रही थी, इसलिए कंट्रोल रूम को एनडीआरएफ टीम को बुलाने के लिए सूचना भेजी गई. घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीम ने अंडरवाटर कैमरा एवं स्कूबा डाइविंग सेट से अंतिम दो लापता व्यक्तियों की डेड बॉडी भी रिकवर कर प्रशासन को सुपुर्द की. भारी बारिश और अत्यधिक जल प्लावन होने से सौ से डेढ़ सौ लोगों के टापू पर फंसे होने की सूचना मिली, जिनमें महिलाएं वृद्ध और बच्चे भी शामिल थे. वहां पर सड़क से संपर्क न होने के कारण आर्मी को बुलाया गया. सूचना पर आर्मी मौके पर पहुंची तथा टापू पर फंसे ग्रामीणों को सकुशल बाहर निकालने के लिए फ्लोटिंग ब्रिज का निर्माण किया. सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं आर्मी ने पानी में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकालकर आश्रय स्थलों में पहुंचाया और प्राथमिक चिकित्सा, भोजन एवं पानी की व्यवस्था की गई. इस प्रकार सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आर्मी के साझा प्रयासों से रेस्क्यू का यह मॉक ड्रिल पूरा हुआ.
समन्वय और क्षमता का किया आंकलन: सिविल डिफेंस के उप नियंत्रक अमित शर्मा ने बताया कि यह एक मॉक ड्रिल था. आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से अतिवृष्टि, बाढ़ या अन्य आपदाओं के दौरान विभिन्न एजेंसीज के कोओडिनेशन एवं क्षमता का आंकलन करने तथा सटीक रिस्पॉन्स सिस्टम विकसित करने के लिए यह मॉक ड्रिल किया गया था. जिस तरह से आपदा के समय बचाव कार्य किया जाता है ठीक वैसे ही सभी टीमों ने समन्वय से कार्य कर अपनी क्षमता का आंकलन किया.
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मॉक ड्रिल में ये रहे मौजूद: इस मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस के उप नियंत्रक अमित शर्मा के अलावा प्रशिक्षक असरार अहमद एवं भीमसिंह मीणा, एसडीआरएफ टीम से एडिशनल एसपी राकेश पाल सिंह एवं सुरेन्द्र सिंह, डिप्टी एसपी रामधन और चित्रकूट महावर, एनडीआरएफ टीम से असिस्टेंट कमाडेंट योगेश मीणा, कम्पनी कमांडर के एल स्वामी एवं कृष्ण कुमार, आर्मी से कैप्टन सुमित भट्ट एवं सुबेदार हरबंस सिंह उपस्थित थे. जयपुर जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि के तौर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शैफाली कुशवाहा भी इस दौरान उपस्थित थीं.