कानपुर: धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में छात्र-छात्राएं अपना बेहतर करियर बना सकें. इसके लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विवि (सीएसजेएमयू) में पिछले साल ही कई पाठ्यक्रम शुरू कर दिए गए थे. अब देश में सीएसजेएमयू पहला ऐसा विवि होगा, जहां जैन शोध पीठ की स्थापना होगी. अध्यात्म के क्षेत्र में अप्रतिम कार्य करने हेतु विश्वविद्यालय में जैन शोध पीठ की स्थापना निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव 108 श्री सुधासागर के द्वारा की जा रही है. इसका नामंकरण पूज्य संतशिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के नाम पर किया गया है. विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने बताया कि यह पीठ जैन साहित्य के अध्ययन, उनकी पूजा पद्धतियों और ज्ञान को समाज में प्रचारित तथा प्रसारित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी.
शुरु होंगे डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, दो सीटों पर पीएचडी का भी मौका : छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी ने बताया कि विवि में जैन समाज की ओर से स्थापित पीठ में छात्रों के लिए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों का मौका होगा. फिलहाल तीन सर्टिफिकेट और तीन डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. इसके अलावा दो सीटों पर छात्रों को पीएचडी का मौका दिया जाएगा. प्रति कुलपति ने कहा कि हमारा मकसद है कि छात्र जैन धर्म की प्रासंगिकता को समझें और उसका अध्ययन करें. साथ ही छात्रों के लिए रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना है. जैन शोध पीठ के अध्यक्ष और सचिव सुमित जैन शास्त्री नियुक्त किए गए हैं. राजीव जैन को पीठ का समन्वयक बनाया गया है.
गुरुवार को आएंगे समाज कल्याण मंत्री : छत्रपति शाहू जी महाराज विवि (सीएसजेएमयू) में गुरुवार को आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोध पीठ की स्थापना कार्यक्रम के मौके पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण आएंगे. उनके अलावा विशिष्ट अतिथि के तौर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल भी मौजूद रहेंगे. इस पीठ की स्थापना के मौके पर सैकड़ों साल पुरानी पांडु लिपियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा. वार्ता के दौरान कुलसचिव डाॅ. अनिल यादव, वित्त अधिकारी अशोक त्रिपाठी आदि मौजूद रहे. विवि में जैन समाज की ओर से पीठ स्थापना के लिए 25 लाख रुपये का कार्पस फंड भी दिया गया है.
यह भी पढ़ें : जैन समाज की मांग, विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर हो काशी में तीर्थंकरों की जन्मस्थली