कानपुर: जिले में रविवार को सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा संसाधन है जिसका समाज पर न सिर्फ अच्छा असर पड़ता है, बल्कि यह जीवन को भी काफी ज्यादा बेहतर बनाती है. शिक्षा पर किसी एक का नहीं बल्कि सभी का अधिकार है. शिक्षा का विस्तार शहरी इलाकों में नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी होना चाहिए. ग्रामीण इलाकों के बच्चों में काफी अच्छा टैलेंट है. मेरी सभी कॉरपोरेट घराने से अपील है कि वह शिक्षा के विस्तार और इसे बेहतर बनाने के लिए और भी स्कूल खोले और शिक्षा में अपना अहम योगदान दें. ऐसा इसलिए ताकि जो शिक्षा है वह हर वर्ग के लोगों तक पहुंच सके.
असफलता से घबराए नहीं: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन के दौरान कहा, कि मैं सेठ आनंदराम जयपुरिया परिवार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की काफी ज्यादा प्रशंसा करता हूं. आज के समय में समानता लाने के लिए शिक्षा एक ऐसा संसाधन है, जिसे परिवर्तनकारी तंत्र कहा जाता है. आज के समय में बच्चों के अंदर सीखने के प्रति जिज्ञासा होनी चाहिए. उन्हें कभी भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ सालों में शिक्षा को लेकर सरकार ने कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जो की हमारे देश के लिए काफी ज्यादा बेहतर है.
पहले हम सिर्फ विकसित भारत का सपना देखते थे. लेकिन, आज यह सपना नहीं है. बल्कि हम अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं. अब शिक्षा सिर्फ डिग्री तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि संपूर्ण विकास के लिए है. आज कल के जो बच्चे हैं वह सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं. मेरा उनसे यही कहना है, कि वह सोशल मीडिया से जितना ज्यादा दूर रहे उतना ही ज्यादा अच्छा है.
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उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी बच्चों को अपने माता-पिता और गुरुजनों के साथ ही सभी का सम्मान करना चाहिए. अपने माता-पिता और गुरुजनों के प्रति उन्हें सदैव अनुशासन की भावना रखनी चाहिए. कभी भी असफलता मिलने पर बच्चों को हताश नहीं होना चाहिए. बल्कि, लगातार प्रयत्न करते रहना चाहिए. क्योंकि सफलता एक दिन में नहीं, बल्कि एक दिन जरूर मिलती है.
उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में शिक्षा का अधिकार सभी को दिया गया है. मेरा सभी शिक्षकों से भी यही कहना है कि बच्चों को न सिर्फ शिक्षा बल्कि उन्हें नवाचार की ओर भी बढ़ना चाहिए. ताकि हमारा भारत विकसित भारत बन सके. भारत के बच्चे ही इसका भविष्य बनाएंगे. आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. क्योंकि भारत का लक्ष्य निर्धारित है. नई संसद भवन में जाकर देखिए आपको 5000 साल पुरानी विरासत की एक झलक जरूर दिखाई देगी.
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधन के दौरान कहा, कि आज के समय में शिक्षा का कोई शॉर्टकट नहीं होता. सभी बच्चों को आज के समय में अपना एक लक्ष्य जरूर निर्धारित करना चाहिए और उस लक्ष्य पर ही सदैव तत्पर रहना चाहिए. क्योंकि जब हम कभी किसी लक्ष्य पर आगे बढ़ते हैं, तो उस लक्ष्य को हासिल करने में कुछ कठिनाइयां तो जरूर आती है.
उन्होंने कहा कि जब कभी आपको असफलता मिले तो निराश न हो क्योंकि असफलता अक्सर एक नई सीख देती है हमेशा बच्चों को सकारात्मक सोचना चाहिए क्योंकि इसके जरिए ही हम हर समस्या के समाधान को बड़े ही आसानी से खोज लेते हैं आज के समय में समाधान खोजने के लिए सकारात्मक सोच बहुत महत्वपूर्ण है।
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