जगदलपुर: बस्तर संभाग की एक मात्र नगर निगम जगदलपुर में कांग्रेस सत्ता में है. कांग्रेस महापौर के बाद अब निगम अध्यक्ष के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है. 11 मार्च बीजेपी के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर प्लोर टेस्ट होगा. फ्लोर टेस्ट के साथ ही सामान्य सभा में बजट भी पेश किया जाएगा. कांग्रेस के साथ मुश्किल ये है कि अपने पार्षदों को एकजुट कर फ्लोर टेस्ट में नहीं पहुंचती तो बजट प्रभावित होगा. 15 मार्च तक आचार संहिता भी लग सकती है. अब कांग्रेस की कोशिश है कि वो बजट पेश करने को लेकर क्या रणनीति बनाए. अविश्वास प्रस्ताव और बजट दोनों को लेकर कांग्रेस का सियासी तनाव बढ़ गया है.
बीजेपी पार्षदों ने लाया अविश्वास प्रस्ताव: बीजेपी पार्षद जानते हैं कि बजट से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाना कांग्रेस को नाको चने चबवाने जैसा है. अविश्वास प्रस्ताव में अगर कांग्रेस बहुमत नहीं ला पाती तो फिर बजट कैसे पेश कर पाएगी. जगदलपुर नगर निगम में फिलहाल जो सियासी हालात बने हैं उसमें कांग्रेस के लिए आगे गड्ढा पीछे खाई है.
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान यह पता चल जाएगा की कांग्रेस के कितने पार्षद एकजुट हैं. महापौर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और इस दबाव में कांग्रेसी पार्षदों को फ्लोर टेस्ट में उपस्थित नहीं होने दिया गया था. अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था. इस बार हालात अलग हैं. राज्य में भाजपा की सरकार है और इस अविश्वास प्रस्ताव में भारतीय जनता पार्टी की जीत होगी. - संजय पांडेय, नेता प्रतिपक्ष, जगदलपुर नगर निगम
हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. कांग्रेस के 29 पार्षद हैं. पिछली महापौर के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव खारिज हुआ था ये हम सभी जानते हैं. निगम में महापौर काबिज रहीं. इस बार भी हालात पहले जैसे ही रहेंगे. निगम सभापति की कुर्सी बने रहेगी. - कविता साहू, अध्यक्ष, जगदलपुर नगर निगम
कार्यकाल का लगभग 8 महीना बचा हुआ है. अंतिम बजट पेश करना जरुरी है. बजट से ही जगदलपुर के विकास की दिशा और दशा तय होगी. 15 मार्च के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है. - यशवर्धन राव, कांग्रेस पार्षद
कांग्रेस ने बनाया अपना बैकअप प्लान: बीजेपी पार्षदों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी शुरु कर दी है. वर्तमान में नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के 19 पार्षद हैं. कांग्रेस के पास नगर में 29 पार्षद हैं. आंकड़ों में कांग्रेस यहां बीजेपी से ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है. बीजेपी को अध्यक्ष की कुर्सी गिराने में कड़ी मशक्कत करनी होगी.