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15 जुलाई को अलवर में निकाली जाएगी जगन्नाथ रथ यात्रा, 170 सालों से भी ज्यादा पुरानी है परंपरा - Jagannath Rath Yatra in Alwar - JAGANNATH RATH YATRA IN ALWAR

अलवर में 15 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी. यह परंपरा अलवर में 170 साल से चली आ रही है. यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

Jagannath Rath Yatra in Alwar on July 15
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 15 जुलाई को (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 2, 2024, 6:14 PM IST

170 से जारी जगन्नाथ यात्रा इस साल 15 जुलाई को (ETV Bharat Alwar)

अलवर. पुरी की तर्ज पर अलवर शहर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की अनूठी रथ यात्रा हर साल की तरह इस साल भी पूरे लवाजमे के साथ निकाली जाएगी. अलवर में इस साल यह रथ यात्रा 15 जुलाई को निकाली जाएगी. भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा अलवर शहर के पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर से शाम 6:30 बजे रूपवास मंदिर प्रस्थान करेगी. अलवर में निकलने वाली यह रथ यात्रा अनूठी रथ यात्रा है. इस रथ यात्रा में शहर ही नहीं बल्कि पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं.

मंदिर समिति के सदस्य धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि अलवर में यह रथ यात्रा 170 सालों से भी ज्यादा समय से निकाली जा रही है. इस रथ यात्रा को पूरे शहरवासियों की ओर से भरपूर प्यार मिलता है. उन्होंने कहा कि इस साल होने वाली रथ यात्रा का आयोजन 4 जुलाई को श्री गणेश पूजन के साथ प्रारंभ हो जाएगा. इसके बाद 7 जुलाई को दोज पूजन होगा. इसके बाद 11 जुलाई को सुबह 6 बजे से 72 घंटे का अखंड कीर्तन प्रारंभ हो जाएगा. इस दौरान भगवान जगन्नाथ के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे.

पढ़ें: जशोदा बेन पहुंची अलवर, भगवान जगन्नाथ के किए दर्शन - Jashoda Ben In Alwar

दुल्हा रुप में देंगे दर्शन: धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि 14 जुलाई को दोपहर 12 बजे भगवान जगन्नाथ के पट खुलेंगे. इस समय भगवान जगन्नाथ दूल्हा रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. साथ ही इसी दिन शाम 6 बजे मंदिर परिसर से सीताराम जी की सवारी मेला स्थल स्थित रूपहरि मंदिर के लिए रवाना होगी. 15 जुलाई को भगवान जगन्नाथ इंद्र विमान में सवार होकर 6:30 बजे मंदिर परिसर से रूपहरि मंदिर के लिए रवाना होंगे. जहां सीताराम जी की उपस्थिति में भगवान जगन्नाथ की आगवानी की जाएगी. यहां 16 से 19 जुलाई तक रूपबास में मेला भरेगा.

पढ़ें: अक्षय तृतीया पर विशेष अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ भगवान जगन्नाथ के रथ का निर्माण - Lord Jagannath Ratha

17 को होगा वरमाला महोत्सव: धर्मेंद्र शर्मा के अनुसार 17 जुलाई को सुबह 8 बजे सुभाष चौक स्थित मंदिर से जानकी जी की सवारी रूपवास मंदिर स्तिथ नोहरा पहुंचेगी. इसके बाद रात में 10 बजे भगवान जगन्नाथ व माता जानकी का वरमाला महोत्सव रूपहरी मंदिर परिसर में होगा. 19 जुलाई शाम 5 बजे भगवान जगन्नाथ, माता जानकी के साथ इंद्र विमान में सवार होकर पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचेंगे.

पढ़ें: जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर: विधि- विधान के साथ उद्घाटन का कार्यक्रम शुरू

6 किलोमीटर का रहता है रास्ता: धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि पुराना कटला सुभाष चौक स्थित मंदिर से रुपवास स्थित रूपहरि मंदिर के बीच की दूरी करीब 6 किलोमीटर है. जिसे रथ यात्रा के समय 8 से 9 घंटे लगते हैं. इस दिन रथ यात्रा शाम 6:30 बजे से शुरू होकर सुबह 4 बजे रूप हरि मंदिर पहुंचती है. रथ यात्रा के दौरान शहरवासी पलक पांवड़े बिछाकर भगवान जगन्नाथ का स्वागत करते हैं. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि मेले के आयोजन से पहले मंदिर में शुरू हो चुकी है. मंडी में रंगाई-पुताई का कार्य जारी है. लाइटिंग का कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा.

170 से जारी जगन्नाथ यात्रा इस साल 15 जुलाई को (ETV Bharat Alwar)

अलवर. पुरी की तर्ज पर अलवर शहर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की अनूठी रथ यात्रा हर साल की तरह इस साल भी पूरे लवाजमे के साथ निकाली जाएगी. अलवर में इस साल यह रथ यात्रा 15 जुलाई को निकाली जाएगी. भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा अलवर शहर के पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर से शाम 6:30 बजे रूपवास मंदिर प्रस्थान करेगी. अलवर में निकलने वाली यह रथ यात्रा अनूठी रथ यात्रा है. इस रथ यात्रा में शहर ही नहीं बल्कि पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं.

मंदिर समिति के सदस्य धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि अलवर में यह रथ यात्रा 170 सालों से भी ज्यादा समय से निकाली जा रही है. इस रथ यात्रा को पूरे शहरवासियों की ओर से भरपूर प्यार मिलता है. उन्होंने कहा कि इस साल होने वाली रथ यात्रा का आयोजन 4 जुलाई को श्री गणेश पूजन के साथ प्रारंभ हो जाएगा. इसके बाद 7 जुलाई को दोज पूजन होगा. इसके बाद 11 जुलाई को सुबह 6 बजे से 72 घंटे का अखंड कीर्तन प्रारंभ हो जाएगा. इस दौरान भगवान जगन्नाथ के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे.

पढ़ें: जशोदा बेन पहुंची अलवर, भगवान जगन्नाथ के किए दर्शन - Jashoda Ben In Alwar

दुल्हा रुप में देंगे दर्शन: धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि 14 जुलाई को दोपहर 12 बजे भगवान जगन्नाथ के पट खुलेंगे. इस समय भगवान जगन्नाथ दूल्हा रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. साथ ही इसी दिन शाम 6 बजे मंदिर परिसर से सीताराम जी की सवारी मेला स्थल स्थित रूपहरि मंदिर के लिए रवाना होगी. 15 जुलाई को भगवान जगन्नाथ इंद्र विमान में सवार होकर 6:30 बजे मंदिर परिसर से रूपहरि मंदिर के लिए रवाना होंगे. जहां सीताराम जी की उपस्थिति में भगवान जगन्नाथ की आगवानी की जाएगी. यहां 16 से 19 जुलाई तक रूपबास में मेला भरेगा.

पढ़ें: अक्षय तृतीया पर विशेष अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ भगवान जगन्नाथ के रथ का निर्माण - Lord Jagannath Ratha

17 को होगा वरमाला महोत्सव: धर्मेंद्र शर्मा के अनुसार 17 जुलाई को सुबह 8 बजे सुभाष चौक स्थित मंदिर से जानकी जी की सवारी रूपवास मंदिर स्तिथ नोहरा पहुंचेगी. इसके बाद रात में 10 बजे भगवान जगन्नाथ व माता जानकी का वरमाला महोत्सव रूपहरी मंदिर परिसर में होगा. 19 जुलाई शाम 5 बजे भगवान जगन्नाथ, माता जानकी के साथ इंद्र विमान में सवार होकर पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचेंगे.

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6 किलोमीटर का रहता है रास्ता: धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि पुराना कटला सुभाष चौक स्थित मंदिर से रुपवास स्थित रूपहरि मंदिर के बीच की दूरी करीब 6 किलोमीटर है. जिसे रथ यात्रा के समय 8 से 9 घंटे लगते हैं. इस दिन रथ यात्रा शाम 6:30 बजे से शुरू होकर सुबह 4 बजे रूप हरि मंदिर पहुंचती है. रथ यात्रा के दौरान शहरवासी पलक पांवड़े बिछाकर भगवान जगन्नाथ का स्वागत करते हैं. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि मेले के आयोजन से पहले मंदिर में शुरू हो चुकी है. मंडी में रंगाई-पुताई का कार्य जारी है. लाइटिंग का कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा.

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