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Watch: काशी में धूमधाम से नगर भ्रमण को निकले भगवान जगन्नाथ, 250 साल से दे रहे भक्तों को दर्शन - Jagannath Rath Yatra 2024

काशी में आज 7 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध लक्खा मेला जगन्नाथ रथयात्रा शुरु हो गई है. लगभग ढाई सौ अधिक वर्ष से भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन दे रहे है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 7, 2024, 12:08 PM IST

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काशी में जगन्नाथ रथयात्रा शुरु (photo credit- Etv Bharat)
काशी में आज से लक्खा मेला जगन्नाथ रथयात्रा शुरु (video credit- etv bharat)

वाराणसी: देव आदिदेव महादेव की नगरी काशी में आज से विश्व प्रसिद्ध लक्खा मेला जगन्नाथ रथयात्रा मेला प्रारंभ हो गया है. यह मेला जिस स्थान पर लगाया जाता है, उस स्थान का नाम ही रथ यात्रा है. यह मेला तीन दीन चलता है. भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा भाई बलराम के साथ मिलकर काशी वासियों को दर्शन देते हैं.

1740 में बनकर तैयार हुआ रथ: यह परंपरा लगभग 284 वर्ष पूर्व से चली आ रही है. तब से इस स्थान पर मेले का आयोजन किया जाता है. काशी ही नहीं बल्कि दूर से भी लोग भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने आते हैं. भगवान शिव की नगरी में उनके आराध्य भगवान जगन्नाथ पालन करता काशी वासियों को दर्शन देते है. यही वजह है, कि काशी को परंपराओं का शहर भी कहा जाता है. काशी सैकड़ो वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन आज भी करती आ रही है.

पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया, कि इस रथ का निर्माण 1740 में हुआ था. तब से लेकर अब तक यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है. तीन दिनों तक यह मेल चलता है. पहले दिन भगवान को पीला वस्त्र पहनाया जाता है. अस्सी मंदिर से निकलकर भगवान रथ पर सवार होकर तीन दिनों तक यहां पर रहेंगे और सभी की मनोकामना पूर्ण करेंगे.

आज सुबह मंगला आरती के साथ ही भगवान का दर्शन शुरू हुआ. आज भगवान पीला वस्त्र धारण किए हैं. दूसरे दिन भगवान लाल वस्त्र धारण करेंगे. मंगला आरती से लेकर चयन आरती तक किया जाएगा. तीसरे और आखिरी दिन भगवान सफेद वस्त्र धारण करेंगे उसे दिन बाबा विश्वनाथ की कृपा से भगवान जगन्नाथ सफेद वस्त्र धारण करेंगे और बेल के फूल से सिंगार किया जाएगा शरण आरती के साथ मेला समाप्त हो जाएगा. तीन दिनों तक लाखों की संख्या में लोग मेला में शामिल होते हैं.

इसे भी पढ़े-आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया, रवि पुष्य योग और जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होगी - 7 July Jagannath Rath Yatra

शिवम अग्रहरी ने बताया काशी सभी धर्मो संप्रदायों का केंद्र है यही वजह यहां पर दुर्गा पूजा होती है रथ यात्रा मेला होता है जो जगन्नाथ भगवान दर्शन देते हैं एक तरफ उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ रथ पर बैठे हैं तो वही काशी में भी इस परंपरा का निर्माण होता है काशी में 33 कोटी देवी देवता विराजमान है आज भगवान जगन्नाथ का दर्शन हो रहा है.

नानखटाई विशेष मिठाई: मीना देवी ने बताया, कि हम लोग भगवान जगन्नाथ का दर्शन किए सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. तीन दिनों तक यह मेला लगता है. काशी के लक्खा मेला में यह समर है. यहां पर लाखों की संख्या में भीड़ होती है. बाबा को विशेष प्रकार की एक मिठाई का भोग लगता है. जिसको नानखटाई कहा जाता है. साल में आज ही के दिन यहीं पर यह मिठाई मिलती है.

यह भी पढ़े-काशी में जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी... के जयघोष के साथ निकली प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा, 221 साल पुराना रथयात्रा मेला कल से - Jagannath Rath Yatra In kashi

काशी में आज से लक्खा मेला जगन्नाथ रथयात्रा शुरु (video credit- etv bharat)

वाराणसी: देव आदिदेव महादेव की नगरी काशी में आज से विश्व प्रसिद्ध लक्खा मेला जगन्नाथ रथयात्रा मेला प्रारंभ हो गया है. यह मेला जिस स्थान पर लगाया जाता है, उस स्थान का नाम ही रथ यात्रा है. यह मेला तीन दीन चलता है. भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा भाई बलराम के साथ मिलकर काशी वासियों को दर्शन देते हैं.

1740 में बनकर तैयार हुआ रथ: यह परंपरा लगभग 284 वर्ष पूर्व से चली आ रही है. तब से इस स्थान पर मेले का आयोजन किया जाता है. काशी ही नहीं बल्कि दूर से भी लोग भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने आते हैं. भगवान शिव की नगरी में उनके आराध्य भगवान जगन्नाथ पालन करता काशी वासियों को दर्शन देते है. यही वजह है, कि काशी को परंपराओं का शहर भी कहा जाता है. काशी सैकड़ो वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन आज भी करती आ रही है.

पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया, कि इस रथ का निर्माण 1740 में हुआ था. तब से लेकर अब तक यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है. तीन दिनों तक यह मेल चलता है. पहले दिन भगवान को पीला वस्त्र पहनाया जाता है. अस्सी मंदिर से निकलकर भगवान रथ पर सवार होकर तीन दिनों तक यहां पर रहेंगे और सभी की मनोकामना पूर्ण करेंगे.

आज सुबह मंगला आरती के साथ ही भगवान का दर्शन शुरू हुआ. आज भगवान पीला वस्त्र धारण किए हैं. दूसरे दिन भगवान लाल वस्त्र धारण करेंगे. मंगला आरती से लेकर चयन आरती तक किया जाएगा. तीसरे और आखिरी दिन भगवान सफेद वस्त्र धारण करेंगे उसे दिन बाबा विश्वनाथ की कृपा से भगवान जगन्नाथ सफेद वस्त्र धारण करेंगे और बेल के फूल से सिंगार किया जाएगा शरण आरती के साथ मेला समाप्त हो जाएगा. तीन दिनों तक लाखों की संख्या में लोग मेला में शामिल होते हैं.

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शिवम अग्रहरी ने बताया काशी सभी धर्मो संप्रदायों का केंद्र है यही वजह यहां पर दुर्गा पूजा होती है रथ यात्रा मेला होता है जो जगन्नाथ भगवान दर्शन देते हैं एक तरफ उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ रथ पर बैठे हैं तो वही काशी में भी इस परंपरा का निर्माण होता है काशी में 33 कोटी देवी देवता विराजमान है आज भगवान जगन्नाथ का दर्शन हो रहा है.

नानखटाई विशेष मिठाई: मीना देवी ने बताया, कि हम लोग भगवान जगन्नाथ का दर्शन किए सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. तीन दिनों तक यह मेला लगता है. काशी के लक्खा मेला में यह समर है. यहां पर लाखों की संख्या में भीड़ होती है. बाबा को विशेष प्रकार की एक मिठाई का भोग लगता है. जिसको नानखटाई कहा जाता है. साल में आज ही के दिन यहीं पर यह मिठाई मिलती है.

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