भीलवाड़ा: शाहपुरा जिला बनाए रखने की मांग को लेकर स्थानीय विधायक के बाद अब जगतगुरू रामदयाल महाराज भी मुखर हुए हैं. उन्होंने अपने अवतरण दिवस पर बोले कि शाहपुरा जिला बना रहना चाहिए. इस पर किसी की नजर ना लगे, ऐसी मैं प्रभु रामचरण महाराज से प्रार्थना करता हूं.
गौरतलब है कि नई सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए कमेटी गठित की है. इसमें शाहपुरा से जिले का दर्जा हटाने की चर्चाएं चल रही हैं. ऐसे में अब शाहपुरा क्षेत्र वासियों को जिला खत्म होने का अंदेशा सता रहा है. इस मामले में स्थानीय विधायक लालाराम बैरवा जिले का दर्जा खत्म करने के विरोध में अपनी राय व्यक्त कर चुके. अब शाहपुरा जिला मुख्यालय पर स्थित अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी रामदयाल महाराज ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
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उन्होंने कहा कि शाहपुरा को जिला बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और स्वतंत्रता के बाद दो साल तक शाहपुरा जिला रहा भी, लेकिन एन वक्त पर भीलवाड़ा को जिला बना दिया गया. अब कई साल बाद फिर से शाहपुरा जिला बना है. ऐसे में शासन व प्रशासन चाहे जो समाधान करें, लेकिन मेरा मानना है कि शाहपुरा जिला बना रहना चाहिए.
उत्तरदायी शासन की स्थापना करने वाली पहली रियासत रही शाहपुरा: पीठाधीश्वर ने कहा कि देश में उत्तरदायी शासन की स्थापना करने वाला शाहपुरा देश की पहली रियासत थी. वहीं संयुक्त राजस्थान के गठन के समय रियासतों के विलीनीकरण पर रियासतों को जिला मुख्यालय बनाया गया था, जबकि स्वतंत्रता के बाद में करीब 2 वर्ष शाहपुरा जिला रहा था. अब पूर्ववर्ती सरकार ने शाहपुरा को जिला बनाया है तो इसे नहीं तोड़ा जाना चाहिए. स्वामी रामदयाल ने कहा कि शाहपुरा में जिला बनने के बाद यह मेरा पहला चातुर्मास है व पहला अवतरण दिवस मनाया जा रहा है, इसलिए राजनीति में सरपंच चाहे जो हो, लेकिन शाहपुरा जिला बना रहना चाहिए. शाहपुरा की सफलता इसी में है.