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विजेथुआ महोत्सव का आगाज; सुल्तानपुर में जगद्गुरु रामभद्राचार्य बोले- हिंदुओं की हो रही अग्नि परीक्षा

Vijethua Mahotsav Sultanpur : विजेथुआ महोत्सव में पांच दिवसीय रामकथा का आयोजन होगा.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 25, 2024, 10:52 PM IST

सुल्तानपुर : जिले में शुक्रवार को प्रथम दिन 1000 कलश यात्रा के साथ विजेथुआ महोत्सव का आगाज हो गया. इस अवसर पर पांच दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया. पहले दिन भगवान हनुमान के बल का वर्णन करते हुए पद्मविभूषण, तुलसी पीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अपार बल के धनी भगवान हनुमान की कथा का अंत नहीं है. वे महाबलशाली, महाप्रतापी, महाशूरवीर थे.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अतुलित बलधामम, हेम शैलाभदेहम यूं हीं नहीं हनुमान जी को कहा गया है. ये स्वयंभू हैं, जिनका वर्णन पुराणों में भी है. त्रेतायुग में भगवान राम के आदेश पर भगवान हनुमान कलियुग में विद्यमान हैं, आज भी उनका गुणगान हो रहा है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि बंटोगे तो कटोगे बता दे रहा हूं. इकठ्ठा रहो नहीं तो इजरायल भारत के टुकड़े-टुकड़े कर देगा. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक पर हो रहे अत्याचार पर भी रामभद्राचार्य ने चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि हिंदू जैसा कोई सहिष्णु हो नहीं सकता. हमारी सहिष्णुता की अग्नि परीक्षा हो रही है. शुक्रवार को प्रथम दिन विजेथुआ धाम में निकाली गई. कलश यात्रा ने लोगों का मन मोह लिया. 1008 कलश को सिर पर लिए मातृशक्तियों का अलग ही अंदाज दिखा. कलश सिर पर धारण किए मातृशक्तियों की बड़ी श्रृंखला विजेथुआ महोत्सव के संरक्षक विवेक तिवारी के आवास से चलकर धाम पहुंचीं.

विजेथुआ धाम में अयोध्या जैसा नजारा देखने को मिल रहा था. कथा की शुरूआत से पहले जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ढकवा बाजार से महोत्सव के आयोजक रिसीव करके विजेथुआ धाम तक ले गए. महोत्सव के पहले दिन आज विजेथुआ धाम में अपार जनसमूह उमड़ा था. इस दौरान प्रशासन में चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी थी.

यह भी पढ़ें : बिजेथुआ महोत्सव; अयोध्या के साथ जय श्रीराम के गुणगान से गूंजेगा हनुमान जी का बिजेथुआ धाम

यह भी पढ़ें : 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार का ऐलान: जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य और गुलजार को मिलेगा सम्मान

सुल्तानपुर : जिले में शुक्रवार को प्रथम दिन 1000 कलश यात्रा के साथ विजेथुआ महोत्सव का आगाज हो गया. इस अवसर पर पांच दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया. पहले दिन भगवान हनुमान के बल का वर्णन करते हुए पद्मविभूषण, तुलसी पीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अपार बल के धनी भगवान हनुमान की कथा का अंत नहीं है. वे महाबलशाली, महाप्रतापी, महाशूरवीर थे.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अतुलित बलधामम, हेम शैलाभदेहम यूं हीं नहीं हनुमान जी को कहा गया है. ये स्वयंभू हैं, जिनका वर्णन पुराणों में भी है. त्रेतायुग में भगवान राम के आदेश पर भगवान हनुमान कलियुग में विद्यमान हैं, आज भी उनका गुणगान हो रहा है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि बंटोगे तो कटोगे बता दे रहा हूं. इकठ्ठा रहो नहीं तो इजरायल भारत के टुकड़े-टुकड़े कर देगा. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक पर हो रहे अत्याचार पर भी रामभद्राचार्य ने चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि हिंदू जैसा कोई सहिष्णु हो नहीं सकता. हमारी सहिष्णुता की अग्नि परीक्षा हो रही है. शुक्रवार को प्रथम दिन विजेथुआ धाम में निकाली गई. कलश यात्रा ने लोगों का मन मोह लिया. 1008 कलश को सिर पर लिए मातृशक्तियों का अलग ही अंदाज दिखा. कलश सिर पर धारण किए मातृशक्तियों की बड़ी श्रृंखला विजेथुआ महोत्सव के संरक्षक विवेक तिवारी के आवास से चलकर धाम पहुंचीं.

विजेथुआ धाम में अयोध्या जैसा नजारा देखने को मिल रहा था. कथा की शुरूआत से पहले जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ढकवा बाजार से महोत्सव के आयोजक रिसीव करके विजेथुआ धाम तक ले गए. महोत्सव के पहले दिन आज विजेथुआ धाम में अपार जनसमूह उमड़ा था. इस दौरान प्रशासन में चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी थी.

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