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पंचतत्व में विलीन हुई जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटी विशाखा, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

ACCIDENT VISHAKHA DEATH : रविवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर डॉ. विशाखा त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी.

डॉ. विशाखा त्रिपाठी की शव यात्रा
डॉ. विशाखा त्रिपाठी की शव यात्रा (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2024, 1:25 PM IST

मथुरा : मथुरा से दिल्ली जाते समय रविवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद सोमवार को विशाखा त्रिपाठी का शव एंबुलेंस से वृंदावन के प्रेम मंदिर में लाया गया था. यहां तीन दिनों तक अंतिम दर्शन के लिए शव को रखा गया था. डॉ. विशाखा के पार्थिव शरीर की गुरुवार को प्रेम मंदिर परिसर से यात्रा शुरू की गई. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर यमुना नदी के किनारे पहुंचा. यहां वैदिक मंत्रों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके बड़े भाई के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी.

डॉ. विशाखा त्रिपाठी की शव यात्रा (Video Credit : ETV Bharat)

वृंदावन में निकली शव यात्रा : गुरुवार की सुबह 6 बजे डॉ. विशाखा त्रिपाठी के पार्थिव शरीर की शव यात्रा निकाली गई. इस दौरान हजारों की संख्या में अनुयायी पहुंचे थे. भजन कीर्तन और नम आंखों के साथ भावुक होते हुए पुष्प वर्षा की गई. सभी भक्तों ने यात्रा के दौरान भगवा पीतांबरी वस्त्र धारण किए हुए थे. शव यात्रा प्रेम मंदिर से गुजरते हुए इस्कॉन मंदिर रंगजी मंदिर बड़ा बगीचा परिक्रमा मार्ग से यमुना नदी के किनारे पहुंचा.

हजारों की संख्या में जुटे लोग.
हजारों की संख्या में जुटे लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)



केशी घाट पर अंतिम संस्कार : यमुना नदी के किनारे के केशी घाट पर पीपल गूलर, आम तुलसी और चंदन की लकड़ी और गाय के शुद्ध देसी घी से डॉ. विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार के दौरान 1100 किलो फूलों का और मखाना पार्थिव शरीर में डाले गए.

शव यात्रा में उमड़ी भीड़.
शव यात्रा में उमड़ी भीड़. (Photo Credit; ETV Bharat)

24 नवंबर को सड़क हादसे में हुई मौत : जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी अपनी दो बहनों के साथ वृंदावन से सिंगापुर फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के लिए 24 नवंबर को रवाना हुई थीं. नोएडा जेवर यमुना एक्सप्रेस-वे पर कंटेनर ने उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. मौके पर विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई और उनकी दो बहनें कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी सहित पांच लोग घायल हो गए थे.

अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव,
अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव, (Photo Credit; ETV Bharat)



जगद्गुरु कृपालु महाराज की मौत के बाद सभी जिम्मेदारियां निभाई : 2013 में सड़क दुर्घटना में जगद्गुरु कृपालु महाराज की मौत के बाद सबसे बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी ने मथुरा प्रेम मंदिर और प्रतापगढ़ के मनगढ़ में स्थापित मंदिरों की बागडोर संभाली और मथुरा के बरसाना में स्थित कीर्ति महल मंदिर की अध्यक्ष भी रहीं. सामाजिक कार्यों में वह बढ़-चढ़कर भाग लेती थीं और कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी उन्हें मिले थे.

यह भी पढ़ें: जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी का शव अंतिम दर्शन के लिए प्रेम मंदिर में पहुंचा, 28 को होगा अंतिम संस्कार

यह भी पढ़ें: नोएडा सड़क हादसे में जगतगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी की मौत, दो बहनें गंभीर रूप से घायल

मथुरा : मथुरा से दिल्ली जाते समय रविवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद सोमवार को विशाखा त्रिपाठी का शव एंबुलेंस से वृंदावन के प्रेम मंदिर में लाया गया था. यहां तीन दिनों तक अंतिम दर्शन के लिए शव को रखा गया था. डॉ. विशाखा के पार्थिव शरीर की गुरुवार को प्रेम मंदिर परिसर से यात्रा शुरू की गई. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर यमुना नदी के किनारे पहुंचा. यहां वैदिक मंत्रों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके बड़े भाई के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी.

डॉ. विशाखा त्रिपाठी की शव यात्रा (Video Credit : ETV Bharat)

वृंदावन में निकली शव यात्रा : गुरुवार की सुबह 6 बजे डॉ. विशाखा त्रिपाठी के पार्थिव शरीर की शव यात्रा निकाली गई. इस दौरान हजारों की संख्या में अनुयायी पहुंचे थे. भजन कीर्तन और नम आंखों के साथ भावुक होते हुए पुष्प वर्षा की गई. सभी भक्तों ने यात्रा के दौरान भगवा पीतांबरी वस्त्र धारण किए हुए थे. शव यात्रा प्रेम मंदिर से गुजरते हुए इस्कॉन मंदिर रंगजी मंदिर बड़ा बगीचा परिक्रमा मार्ग से यमुना नदी के किनारे पहुंचा.

हजारों की संख्या में जुटे लोग.
हजारों की संख्या में जुटे लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)



केशी घाट पर अंतिम संस्कार : यमुना नदी के किनारे के केशी घाट पर पीपल गूलर, आम तुलसी और चंदन की लकड़ी और गाय के शुद्ध देसी घी से डॉ. विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार के दौरान 1100 किलो फूलों का और मखाना पार्थिव शरीर में डाले गए.

शव यात्रा में उमड़ी भीड़.
शव यात्रा में उमड़ी भीड़. (Photo Credit; ETV Bharat)

24 नवंबर को सड़क हादसे में हुई मौत : जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी अपनी दो बहनों के साथ वृंदावन से सिंगापुर फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के लिए 24 नवंबर को रवाना हुई थीं. नोएडा जेवर यमुना एक्सप्रेस-वे पर कंटेनर ने उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. मौके पर विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई और उनकी दो बहनें कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी सहित पांच लोग घायल हो गए थे.

अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव,
अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव, (Photo Credit; ETV Bharat)



जगद्गुरु कृपालु महाराज की मौत के बाद सभी जिम्मेदारियां निभाई : 2013 में सड़क दुर्घटना में जगद्गुरु कृपालु महाराज की मौत के बाद सबसे बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी ने मथुरा प्रेम मंदिर और प्रतापगढ़ के मनगढ़ में स्थापित मंदिरों की बागडोर संभाली और मथुरा के बरसाना में स्थित कीर्ति महल मंदिर की अध्यक्ष भी रहीं. सामाजिक कार्यों में वह बढ़-चढ़कर भाग लेती थीं और कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी उन्हें मिले थे.

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