जबलपुर। आखिर बड़े लंबे समय के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी चौथी लिस्ट जारी कर दी है. जिसमे मध्यप्रदेश के 12 नामों की घोषणा की गई है. जबलपुर के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश यादव को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है. वहीं शहर के युवा कांग्रेसी नेता सौरभ शर्मा को नगर कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. इन दोनों ही नेताओं के आने के बाद शिथिल पड़ी कांग्रेस में जान आ जाएगी और कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देती हुई नजर आएगी.
पंडित और सियासी धुरंधरों की भी चुनाव पर नजर
दिनेश यादव के नाम के घोषणा होते ही उनके घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहना कर स्वागत किया और बधाई दी. दोनों दलों के प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद कहा जा रहा है की दशकों के बाद ये पहली बार होगा कि भाजपा-कांग्रेस दोनों के चेहरे लोकसभा चुनाव पहली बार लड़ने वाले होंगे. इस दफा भाजपाई चार सौ पार के नारे को लेकर चर्चा में है और कांग्रेस को आम जन चुनावी दृष्टि से मुश्किल में मान रहे हैं, ऐसे में शहर के लोकसभा महासंग्राम में चुनावी पंडित और सियासी धुरंधरों की भी नजरें होंगी. भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे संगठन और पीएम चेहरे के भरोसे 'प्रचार-पारी' खेल रहे हैं. वे अपने मन से न कहीं जाते न कुछ करते, उनका पूरा काम संगठन कर रहा है. वहीं दिनेश का नाम काफी दिनों बाद तय हुआ है.
पार्षद रह चुके हैं दिनेश यादव
दिनेश यादव जबलपुर में कांग्रेस की राजनीति में बीते तीन दशक से सक्रिय हैं. वह जबलपुर नगर निगम लंबे समय तक पार्षद रहे, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे और वे जबलपुर में एक बार महापौर पद के लिए भी प्रत्याशी रह चुके हैं. हालांकि उस चुनाव में दिनेश यादव को हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रभात साहू से हार मिली थी. इसके बाद दिनेश यादव लंबे समय तक जबलपुर में नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे और वे राजनीति में हमेशा ही सक्रिय रहे हैं. दिनेश यादव के नाम को जबलपुर के कांग्रेस के एकमात्र विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने भी आगे बढ़ाया था.
पहले ही ले चुके थे नामांकन पत्र
दिनेश यादव को इस बात की जानकारी दो दिन पहले ही हो गई थी कि उनके नाम पर ही मोहर लगेगी. इसलिए उन्होंने शनिवार ही नामांकन पत्र खरीद लिया था. दिनेश यादव जबलपुर के पुराने बाजार निवाड गंज में रहते हैं और इसी वार्ड से बी लंबे समय तक नगर निगम में पार्षद भी रहे. अभी भी उनके बेटे ही इस वार्ड से पार्षद हैं. अभी तक लग रहा था कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को वाक ओवर देने की स्थिति में आ गई थी, लेकिन कांग्रेस कमेटी ने पहले जबलपुर के युवा नेता सौरभ शर्मा को जबलपुर नगर कांग्रेस अध्यक्ष बनाया और अब दिनेश यादव को लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया है.
बहादुर सिंह अनु ने छोड़ी कांग्रेस
सौरभ शर्मा की नियुक्ति जबलपुर नगर कांग्रेस के अध्यक्ष और जबलपुर के वर्तमान महापौर जगत बहादुर सिंह अनु की जगह हुई है. जगत बहादुर सिंह अनु जबलपुर नगर कांग्रेस का अध्यक्ष रहते हुए महापौर का चुनाव कांग्रेस से जीते थे, लेकिन उन्होंने बीते महीने पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. जबलपुर से भारतीय जनता पार्टी ने आशीष दुबे को चुनाव मैदान में उतारा है लोकसभा के लिए आशीष दुबे और दिनेश यादव दोनों ही नए प्रत्याशी हैं.
सक्रिय राजनेता हैं दिनेश यादव
दिनेश यादव के टिकट घोषणा के बाद जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव बहुत सरल नहीं रह गया है. क्योंकि दिनेश यादव सक्रिय राजनेता हैं हालांकि जबलपुर में जो आठ विधानसभा क्षेत्र लोकसभा में शामिल हैं, उनमें से मात्र एक विधानसभा ही कांग्रेस के पास है. ऐसी स्थिति में दिनेश यादव का सफर सरल तो नहीं है लेकिन फिर भी वह भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए नजर आएंगे.
आशीष दुबे (भाजपा)
खूबी - मजबूत संगठन की ताकत, अच्छे संगठक की पहचान, साफ-सुथरी छवि, देश में चल रही भाजपा की लहर.
खामी- पब्लिक से सीधे संपर्क में कमी, पार्टी के अलावा खुद की पहचान नहीं, निजी टीम का अभाव, अपनी ही पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप.
दिनेश यादव (कांग्रेस)
खूबी- प्रबुद्धजनों में खासा प्रभाव, कांग्रेस की पारिवारिक पृष्ठभूमि, संगठन की कमान, नगर निगम के कारण जन परिचय, उच्च शिक्षा और अनुभव, बड़े नेताओं तक सीधी पहुंच.
खामी - विलंब से टिकट, पार्टी संगठन की कमजोरी, केवल एक गुट का समर्थन, ग्रामीण क्षेत्रों से दूरी, देश में कांग्रेस के खिलाफ वातावरण.