जबलपुर। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार 20 जुलाई को जबलपुर में रीजनल इन्वेस्टर समिट करवाने जा रही है. इसे लेकर राज्य सभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने रीजनल इन्वेस्टर समिट को लेकर कई आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि इस तरह की इन्वेस्टर समिट के बाद राजनीतिक दलों का फायदा होता है और उनके नेताओं को माइनिंग के ठेके मिल जाते हैं. बीते 20 सालों से भारतीय जनता पार्टी यही करती आ रही है.
'समिट से प्रदेश को अब तक कोई फायदा नहीं'
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का आरोप है कि "मध्य प्रदेश में इसके पहले भारतीय जनता पार्टी ने जितनी भी इन्वेस्टर मीट या रीजनल इन्वेस्टर समिट करवाए हैं, उसके बाद केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को ही माइनिंग के ठेके मिले हैं. उसके अलावा इन इन्वेस्टर समिट का कोई फायदा मध्यप्रदेश को नहीं मिला. उन्होंने दावे से कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने बीते सालों के लंबे इतिहास में बता दे कि उनकी इन्वेस्टर समिट से कहां कितना इंवेस्टमेंट आया है."
'मिलीभगत होगी तो सबूत नहीं मिलता'
विवेक तन्खा का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि "नीट की परीक्षा की गड़बड़ियों का कोई सबूत किसी को नहीं मिलेगा क्योंकि इसके पहले भी व्यापम में इसी तरह की गड़बड़ी हुई लेकिन कोई सबूत सामने नहीं आया. यही स्थिति नीट परीक्षा की है. नीट परीक्षा में बैठे बच्चों के साथ बड़ा धोखा हुआ है."
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'कांग्रेस जीतेगी अमरवाड़ा चुनाव'
विवेक तन्खा का कहना है कि "छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव कांग्रेस जीत रही है. एक तो हमारा कैंडिडेट उस क्षेत्र का एक मजबूत नेता है वहीं दूसरी तरफ यह चुनाव जीतू पटवारी के लिए करो या मरो की स्थिति का चुनाव है. इसके साथ ही यदि भारतीय जनता पार्टी चुनाव हारती है तो लोकसभा चुनाव की उसकी जीत पर प्रश्न लग जाएगा."