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जबलपुर में एक बार फिर यूरिया का संकट गहराया, किसानों को हर दिन दी जा रही नई तारीख - Jabalpur Urea Crisis - JABALPUR UREA CRISIS

जबलपुर के किसान इन दिनों यूरिया को लेकर परेशान हैं. लंबी लाइन में घंटों इंतजार के बाद जब नंबर आता है तो उन्हें दूसरे दिन आने की तारीख बता दी जाती है. किसानों का आरोप है कि कई दुकानदार कालाबाजारी कर रहे हैं.

JABALPUR UREA CRISIS
जबलपुर के शाहपुरा में यूरिया के लिए किसानों की लाइन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 6:41 PM IST

जबलपुर: किसान इन दिनों यूरिया की कमी से परेशान है. किसानों को उनकी जरुरत के अनुसार पर्याप्त यूरिया नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन का कहना है कि कमी तो है लेकिन इतनी नहीं है कि किसानों को यूरिया ना मिल सके. इधर किसानों का आरोप है कि यूरिया को लेकर जमकर कालाबाजारी भी हो रही है और निजी दुकानों से यूरिया खरीदने पर जबरन उन्हें यूरिया के साथ दूसरे सामान खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है.

जबलपुर के किसान यूरिया के लिए परेशान (ETV Bharat)

यूरिया की कालाबाजारी का आरोप

जबलपुर की शाहपुरा मंडी में किसानों को यूरिया बांटा जा रहा है. किसानों के आधार कार्ड पर जो यूरिया दिया जा रहा है उसकी कीमत 266 प्रति 45 किलो है लेकिन इसी की कालाबाजारी ₹350 तक बेचकर की जा रही है. भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल ने आरोप लगाया है कि "यदि निजी दुकानदारों से यूरिया खरीदा जा रहा है तो यूरिया के साथ जबरन एक दूसरा उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसकी वजह से यूरिया ₹500 तक में किसान खरीदने को मजबूत हो रहा है."

'रोज दी जाती है नई तारीख'

शहपुरा के किसान रिंकू पटेल ने बताया कि "शाहपुरा मंडी में किसान यूरिया खरीदने के लिए दिनभर बारिश के मौसम में खड़े रहते हैं लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. रोज नई तारीख दी जा रही है. उनकी धान की फसल में यदि अभी यूरिया नहीं दिया गया तो उन्हें अच्छा उत्पादन नहीं मिलेगा लेकिन समिति के अधिकारी इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं."

यूरिया की जरूरत और आपूर्ति

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि "जबलपुर में खरीफ के सीजन में यूरिया की मांग लगभग 28000 मीट्रिक टन है लेकिन प्रशासन को केवल 22000 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ. अभी भी उनके पास लगभग 500 मीट्रिक टन यूरिया है जिसे सरकार समिति के माध्यम से किसानों को दे रही है. सरकार से और अधिक यूरिया की मांग की है और जल्द ही जबलपुर में यूरिया की आपूर्ति सरकार से मिल सकती है." कालाबाजारी के मामले में कलेक्टर का कहना है कि उनके पास ऐसी शिकायत नहीं है यदि किसी के पास पुख्ता सबूत हैं तो वह शिकायत कर सकता है.

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खरीफ और रवि सीजन में यूरिया की परेशानी

जबलपुर जिले में खरीफ की फसलों में धान और मक्के की खेती की जाती है. इन दोनों ही फसलों में बड़ी तादाद में यूरिया की जरुरत होती है. किसानों को ज्यादातर यूरिया सरकार के माध्यम से प्राप्त होता है और यह यूरिया समिति के माध्यम से किसानों को दिया जाता है. खरीफ और रवि दोनों ही मौसम में यूरिया की समस्या खड़ी होती है. खरीफ के सीजन में किसान गिरते पानी में यूरिया लेने पहुंचते हैं वहीं रवि के मौसम में कड़कड़ाती ठंड में किसान लाइन लगाए समितियां के सामने खड़े रहते हैं.

जबलपुर: किसान इन दिनों यूरिया की कमी से परेशान है. किसानों को उनकी जरुरत के अनुसार पर्याप्त यूरिया नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन का कहना है कि कमी तो है लेकिन इतनी नहीं है कि किसानों को यूरिया ना मिल सके. इधर किसानों का आरोप है कि यूरिया को लेकर जमकर कालाबाजारी भी हो रही है और निजी दुकानों से यूरिया खरीदने पर जबरन उन्हें यूरिया के साथ दूसरे सामान खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है.

जबलपुर के किसान यूरिया के लिए परेशान (ETV Bharat)

यूरिया की कालाबाजारी का आरोप

जबलपुर की शाहपुरा मंडी में किसानों को यूरिया बांटा जा रहा है. किसानों के आधार कार्ड पर जो यूरिया दिया जा रहा है उसकी कीमत 266 प्रति 45 किलो है लेकिन इसी की कालाबाजारी ₹350 तक बेचकर की जा रही है. भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल ने आरोप लगाया है कि "यदि निजी दुकानदारों से यूरिया खरीदा जा रहा है तो यूरिया के साथ जबरन एक दूसरा उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसकी वजह से यूरिया ₹500 तक में किसान खरीदने को मजबूत हो रहा है."

'रोज दी जाती है नई तारीख'

शहपुरा के किसान रिंकू पटेल ने बताया कि "शाहपुरा मंडी में किसान यूरिया खरीदने के लिए दिनभर बारिश के मौसम में खड़े रहते हैं लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. रोज नई तारीख दी जा रही है. उनकी धान की फसल में यदि अभी यूरिया नहीं दिया गया तो उन्हें अच्छा उत्पादन नहीं मिलेगा लेकिन समिति के अधिकारी इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं."

यूरिया की जरूरत और आपूर्ति

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि "जबलपुर में खरीफ के सीजन में यूरिया की मांग लगभग 28000 मीट्रिक टन है लेकिन प्रशासन को केवल 22000 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ. अभी भी उनके पास लगभग 500 मीट्रिक टन यूरिया है जिसे सरकार समिति के माध्यम से किसानों को दे रही है. सरकार से और अधिक यूरिया की मांग की है और जल्द ही जबलपुर में यूरिया की आपूर्ति सरकार से मिल सकती है." कालाबाजारी के मामले में कलेक्टर का कहना है कि उनके पास ऐसी शिकायत नहीं है यदि किसी के पास पुख्ता सबूत हैं तो वह शिकायत कर सकता है.

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खरीफ और रवि सीजन में यूरिया की परेशानी

जबलपुर जिले में खरीफ की फसलों में धान और मक्के की खेती की जाती है. इन दोनों ही फसलों में बड़ी तादाद में यूरिया की जरुरत होती है. किसानों को ज्यादातर यूरिया सरकार के माध्यम से प्राप्त होता है और यह यूरिया समिति के माध्यम से किसानों को दिया जाता है. खरीफ और रवि दोनों ही मौसम में यूरिया की समस्या खड़ी होती है. खरीफ के सीजन में किसान गिरते पानी में यूरिया लेने पहुंचते हैं वहीं रवि के मौसम में कड़कड़ाती ठंड में किसान लाइन लगाए समितियां के सामने खड़े रहते हैं.

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