जबलपुर: मंगलवार को जबलपुर पुलिस व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प देखने को मिली. दरअसल, दमोहनाका से शौर्य यात्रा निकालने के लिए बजरंग दल के लगभग 500 कार्यकर्ता मिलोनीगंज के स्कूल में एकत्रित हुए थे और मुस्लिम बहुल इलाके से शौर्य यात्रा निकालने वाले थे. बिना अनुमति इस रूट से जुलूस निकालने की जैसे ही तैयारी हुई, खबर लगते ही 6 थानों की पुलिस वहां पहुंच गई और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को रोक दिया. इस वजह से बजरंग दल और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी हुई और आखिर में बजरंग दल को अपनी शौर्य यात्रा का रूट परिवर्तित करना पड़ा.
बिना अनुमति निकाल रहे थे शौर्य यात्रा
जबलपुर के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया, '' दरअसल बजरंग दल ने यात्रा के लिए अनुमति ली ही नहीं थी और वे मनमाने तरीके से यात्रा निकालना चाह रहे थे. नियम के अनुसार कोई भी जुलूस बिना अनुमति के नहीं निकाला जा सकता.'' वहीं बजरंग दल के नेता सुमित सिंह ठाकुर ने बताया, '' 15 दिन पहले शौर्य यात्रा के रूट को लेकर जिला प्रशासन से अनुमति चाही थी लेकिन जिला प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुआ. जब अनुमति नहीं मिली तो अपने हिसाब से यात्रा निकालने की तैयारी कर ली.''
'ऐसा लग रहा है कि हम पाकिस्तान में हैं'
बजरंग दल के नेता सुमित ठाकुर ने कहा, '' जहां तक अनुमति का सवाल है तो हम 11 दिनों से पत्र जारी कर अनुमति की मांग कर रहे थे पर जिस तरह की हठधर्मिता प्रशासन व पुलिस ने दिखाई है, उसे देखकर लग रहा है कि हम भारत में रहकर पाकिस्तन परस्त शासन के अंदर काम कर रहे हैं. इस रोड पर पुलिस द्वारा जो हठधर्मिता दिखाई गई उससे हमें कहीं न कहीं ये लगता है कि हम भारत नहीं पाकिस्तान में रह रहे हैं. गौरतलब है कि जबलपुर प्रशासन व पुलिस को ये अंदेशा था कि जिस मुस्लिम बहुल रूट से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल यात्रा निकालना चाह रहा था, उस रूट पर यदि यात्रा निकलती तो जबलपुर का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकता था. इसी वजह से अनुमति नहीं दी गई.
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