जबलपुर। जिले के संजीवनी नगर पुलिस ने विजयनगर में रहने वाले एक कारोबारी से 79 लाख रुपए बरामद किए हैं. यह पैसे लेकर सतीश नाम का यह कारोबारी जबलपुर से नागपुर जा रहा था. पुलिस ने बड़ी मात्रा में मिले नगद के बारे में आयकर विभाग को भी जानकारी दे दी है. अब आयकर विभाग सतीश से इस पैसे की जानकारी मांग रहा है कि आखिर उसके पास इतना पैसा कहां से आया और वह इसका क्या इस्तेमाल कर रहा था. सतीश ने बताया है कि वह एक लोहे का कारोबारी है.
79 लाख रुपए किए बरामद
जबलपुर के संजीवनी नगर इलाके में पुलिस सामान्य चेकिंग कर रही थी. जिससे गाड़ियों में लोग सीट बेल्ट लगा कर बैठे. इसके चलते पुलिस ने एक कार को रोक कर जब उसमें बैठे शख्स से पुलिस ने पूछा कि गाड़ी के पीछे जो कार्टून है, उसमें क्या रखा हुआ है. यह बात सुनकर गाड़ी में बैठा हुआ सतीश मालपानी परेशान हो गया. उसने कहा कि पैसे हैं, जो वह नागपुर लेकर जा रहा है. पुलिस ने पूछा कितने रुपए हैं, तो सतीश मालपानी ने बताया कि इसमें लगभग 10 लाख रुपए हैं.
व्यापारी के पास मिले 79 लाख रुपए
सतीश मालपानी के जवाबों से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई, लिहाजा कार्टून में रखे हुए पैसे को पुलिस ने गिनने के लिए सतीश मालपानी को थाने में ले गई. इसके बाद नोटों की गिनती शुरू हुई. जिस पैसे को सतीश 10 लाख बता रहा था, वह लगभग 79 लाख रुपए थे. हालांकि सतीश मालपानी का कहना है कि वह कोई गैर कानूनी काम नहीं करता है, बल्कि यह पैसे लेकर वह नागपुर जा रहा था और वह लोहे का कारोबार करता है. लोहे के कारोबार में वह नागपुर में किसी दूसरे व्यापारी को नगद भुगतान करने वाला था. इसी के लिए वह यह पैसे लेकर नागपुर जा रहा था.
पुलिस ने आयकर विभाग को दी जानकारी
पुलिस ने बड़ी तादाद में रुपए मिलने के बाद इसकी जानकारी आयकर विभाग को दे दी. दरअसल, सतीश नगद में जो भुगतान कर रहा था, वह एक किस्म की टैक्स चोरी है, क्योंकि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 50000 से ज्यादा का कोई भी भुगतान नगद में नहीं किया जा सकता. यदि नगद में कोई भुगतान किया जा रहा है, तो उसमें कहीं ना कहीं टैक्स की चोरी होती है. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि नागपुर से यदि कोई सामान खरीदा जा रहा है, तो इसमें न केवल स्टेट जीएसटी बल्कि केंद्रीय जीएसटी भी देनी पड़ेगी. ऐसी स्थिति में हो सकता है कि सतीश दो टैक्सों की चोरी कर रहा हो.
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जीएसटी भी करेगी जांच
फिलहाल पैसे आयकर विभाग के पास हैं और सतीश से इस पैसे के आय के स्रोत मांगे गए हैं. वहीं अब इस मामले में जीएसटी को भी जानकारी दे दी गई है. वह भी इस मामले में अब इस बात की पड़ताल करेंगे कि कहीं सतीश अपने कारोबार में टैक्स की चोरी तो नहीं कर रहा.