जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की पनागर पुलिस ने एक कार से एक बड़ी कंपनी के नकली बीज बरामद किए हैं. पुलिस को जांच करने पर पता लगा कि आरोपी नकली बीज का कारोबार बड़े पैमाने पर कर रहा है. यह खबर किसानों के लिए तनाव पैदा करने वाली है, क्योंकि बाजार में नकली बीजों का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है. इसलिए किसानों को सलाह है कि वे केवल ब्रांडेड कंपनियों के बीज पक्के बिल पर ही खरीदें.
पकड़ा गया बीज का फर्जी कारोबारी
खरीफ की बोनी का सीजन शुरू हो गया है. किसान खेत की तैयारी कर रहा है और इसी बीच किसानों को अच्छे बीज की जरूरत भी होती है. नामचीन कंपनियों के बीज बहुत महंगे हैं. खासतौर पर धान के मामले में ब्रांडेड कंपनियों के बीज बहुत महंगे आते हैं, जिसकी वजह से कालाबाजारी करने वाले लोगों को एक जगह मिल जाती है. पनागर थाना प्रभारी के मुताबिक, सर्चिंग के दौरान एक लग्जरी कार से ब्रांडेड कंपनी के धान के दो बीज के पैकेट पकड़े गए हैं. इनको पकड़ने के बाद कार के मालिक से जब पूछा गया कि उसने यह बीज कहां से खरीदे हैं, तो वह कुछ बता नहीं पाया. आरोपी से बीज के बिल के बारे में जानकारी चाही तो वह बिल भी नहीं दे पाया. जब कड़ाई से पूछताछ की तब उसने बताया कि वह धान के बीज ही बेचता है और ब्रांडेड कंपनियों की पैकेट में इन्हें पैक करता है और बाजार में बेच देता है. उसके गोदाम के कब्जे से लगभग 25 क्विंटल बीज भी बरामद हुआ है. आरोपी विकास मिश्रा कटनी का रहने वाला है. कंपनी को सूचना दी गई है.
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ऐसे बच सकते हैं किसान
ब्रांडेड कंपनी के बीज महंगे होते हैं, इस वजह से कई दुकानदार इसी तरीके से लोकल बीजों को अच्छी पैकिंग में तैयार करके बाजार में ब्रांडेड कंपनी के नाम पर बेच देते हैं. इससे दुकानदारों को तो मुनाफा होता है, लेकिन किसानों को बहुत अधिक नुकसान हो जाता है, क्योंकि वह बीज को ब्रांडेड कंपनी का मानकर बुआई करते हैं और इसका असर फसल के उत्पादन पर पड़ता है.
लेकिन किसानों की फसल कई बार कई दूसरी वजहों से खराब हो जाती है, इसलिए किसान इस बात का अंदाज नहीं लगा पाते कि उनकी फसल खराब होने की वजह बीज ही थे. यह तो पुलिस की सतर्कता थी जिसकी वजह से एक फर्जी बीज का कारोबारी पकड़ा गया. इस तरह के कई कारोबारी बाजार में हैं, जो फर्जी तरीके से नकली बीज बेच रहे हैं. इसलिए किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे जब बीज खरीदें तो बीज विक्रेता से पक्का बिल जरूर लें, क्योंकि यदि बीच नकली हुआ तो दुकानदार पक्का बिल नहीं देगा. ऐसी स्थिति में किसान थोड़ा बचाव तो कर ही सकते हैं.